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Noida Twin Tower Investors Refund: क्या ट्विन टावर में आपने भी किया निवेश, जानें कैसे मिलेगा रिफंड
Noida Twin Tower Investors Refund: ट्विन टॉवर के ढ़हने के बाद जहां आसपास के सोसायटी के लोगों में इसके स्वास्थ्य संबंधी प्रभाव को लेकर चिंता है वहीं इन टॉवर्स में घर खरीदने के लिए पैसा लगाने वालों की चिंता रिफंड को लेकर है।
Noida Twin Tower Investors Refund: नोएडा के सेक्टर 93ए में बने सुपरटेक के गैरकानूनी ट्विन टॉवर को जमींदोज कर दिया गया है। आज यानी रविवार दोपहर ढ़ाई बजे एक बटन दबाते ही जोरदार धमाका हुआ और देखते ही देखते कुतुबमीनार से भी ऊंचे ये दोनों टॉवर मलबे के ढ़ेर में तब्दील हो गए। पूरा शहर धुएं के गुबार में डूब गया। सुरक्षा के कारण आसपास के इलाके को पहले ही खाली करवा लिया गया था। सुबह सात बजे तक करीब 7 हजार लोगों को एक्सप्लोजन जोन से हटा लिया गया था।
ट्विन टॉवर के ढ़हने के बाद जहां आसपास के सोसायटी के लोगों में इसके स्वास्थ्य संबंधी प्रभाव को लेकर चिंता है वहीं इन टॉवर्स में घर खरीदने के लिए पैसा लगाने वालों की चिंता रिफंड को लेकर है। इन खरीदारों का इमारत के साथ आशियाने का सपना भी मिट्टी में मिल गया है। इन टॉवर्स में फ्लैट बुक कराने वाले खरीदारों को अभी तक पूरा पैसा वापस नहीं मिला है। जानकारी के मुताबिक, ट्विन टॉवर में 711 लोगों ने फ्लैट्स खरीदे थे, इसमें से 652 लोगों के साथ सेटलमेंट कर लिया गया है, जबकि 59 ग्राहकों को अभी तक रिफंड नहीं मिला है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुपरेटक ने फ्लैट की बुकिंग से 180 करोड़ रूपये कमाए थे।
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सुप्रीम कोर्ट में है मामला
हालांकि, दो दिन पहले सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई में निवेशकों के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट ने फिर से आदेश दिया है। साथ ही इनके रिफंड के लिए भुगतान की समय सीमा भी तय कर दी है। शीर्ष अदालत ने स्पष्ट कर दिया है कि फ्लैट बुक करवाने वालों को ब्याज के साथ पैसे रिफंड किए जाएंगे। पिछले दिनों सुनवाई के दौरान अदालत ने सुपरेटक को सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्री में 30 सितंबर तक 1 करोड़ रूपये जमा करने का आदेश दिया है। ताकि जो निवेशक हैं उनको भुगतान किया जा सके। अदालत में अक्टूबर में इस मामले की अगली सुनवाई करेगा।
एमिकस क्यूरी ने इस मामले में अदालत को सुझाव दिया था कि हम सुपरटेक से कह सकते हैं अन्य परियोजनाओं को बेचने के बाद खरीदारों को किश्तों में भुगतान किया जाए। इसके साथ ही ये भी देखा जाए कि ऐसी कौन सी संपत्ति है जिन्हें बेचा जा सकता है, ताकि घर खरीदारों को भुगतान किया जा सके।
मार्च में थी रिफंड की लास्ट डेट
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट की ओर से 31 मार्च 2022 तक निवेशकों को रिफंड देने के आदेश दिए गए थे। लेकिन बीच में ही यानी 25 मार्च को सुपरटेक दिवालिया घोषित हो गया, जिसके कारण रिफंड नहीं मिल सका। इस दौरान कुछ होमबायर्स को सस्ती और महंगी प्रॉपर्टी भी दी गई। प्रॉपर्टी की कीमत कम या अधिक होने पर पैसा रिफंड किया या अतिरिक्त रकम ली गई। जानकारी के मुताबिक, जिन लोगों को सस्ती प्रॉपर्टी मिली है उनमें अभी तक किसी को बाकी रकम नहीं मिली है।