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Noida Twin Towers Health Effects: नोएडा ट्विन टावरों के ध्वस्त होने पर बढ़ा वायु प्रदूषण, ऐसे बचाव

Noida twin towers demolition Health effects: सुपरटेक ट्विन टॉवर के गिरने से नोएडा में वायु प्रदूषण में तेजी से वृद्धि हुई है। इस बारे में कई बड़े डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने वायु प्रदूषण में पांच गुना वृद्धि के खिलाफ चेतावनी दी है।

Vidushi Mishra
Published on: 28 Aug 2022 5:49 PM IST
noida twin tower demolished
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नोएडा ट्विन टावर ध्वस्त (फोटो- सोशल मीडिया)

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Noida twin towers demolition Health effects: नोएडा में सुपरटेक ट्विन के दोनों टॉवरों को ध्वस्त कर दिया गया है। जिसमें पहली इमारत में 32 मंजिलें और दूसरी इमारत में 29 मंजिलें थीं। इन दोनों टॉवरों के ध्वस्त होने के बाद धूल का जो गुबार चारों तरफ फैला उससे लोगों में बहुत ही चिंता का माहौल है। इमारत के गिरने से पहले जहां लोगों में उत्साह दिखाई दे रहा था, वहीं अब लोगों में चिंता की लहर है क्योंकि टॉवर्स के ध्वस्त होने के दौरान कई किलोमीटर दूर तक गुबार फैला है। जिससे वायु प्रदूषण पहले से पांच गुना ज्यादा बढ़ गया है।

सुपरटेक ट्विन टॉवर के गिरने से नोएडा में वायु प्रदूषण में तेजी से वृद्धि हुई है। इस बारे में कई बड़े डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने वायु प्रदूषण में पांच गुना वृद्धि के खिलाफ चेतावनी दी है। ये भी बताया है कि इससे कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। प्रदूषण से लोगों में सिरदर्द, अस्थमा, दौरे, सर्दी, कफ और एलर्जी जैसी कई बीमारियां हो सकती हैं।

इस बारे में सामने आई रिपोर्ट के अनुसार, ग्रेटर नोएडा में गवर्नमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (GIMS) के निदेशक डॉ राकेश कुमार गुप्ता ने कहा, "यह प्रभाव कब तक रहेगा, यह कहना मुश्किल है, लेकिन यह सब पर्यावरणीय परिस्थितियों पर भी निर्भर करता है।" जैसे की बारिश जितनी ज्यादा होगी, प्रदूषण उतना कम फैलेगा। धूल और धुआं भी उतना ही कम होगा।

फोर्टिस नोएडा के प्रमुख पल्मोनोलॉजी एंड क्रिटिकल केयर के डॉक्टर मृणाल सरकार के अनुसार, "जब आप इस तरह की एक बड़ी इमारत को ध्वस्त करते हैं तो धूल होगी और कुछ धुआं होगा क्योंकि आप विस्फोटकों का उपयोग कर रहे हैं। इसलिए, हवा की दिशा मायने रखती है। हवा की दिशा को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए।

एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, इस तरह या यों कहें कि खुली हवा में होने वाला विस्फोट, भूमिगत खदानों की तुलना में कहीं अधिक सुरक्षित है। वे कहते हैं, ''धूल और गैसें हवा में घुल जाएंगी और बिखर जाएंगी. इतने बड़े विध्वंस में शामिल विशेषज्ञ इन सब बातों का ध्यान रखेंगे.''

संभवतः टॉवर के गिरने से उत्पन्न हुए प्रदूषण से कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं होने की संभावना है, जिनमें शामिल हैं:

- सिरदर्द

-आंख, नाक और त्वचा में जलन

- गले में खराश, खांसी, नाक बंद और नाक बहना और उससे सांस की समस्या

- कुछ को सांस लेने में तकलीफ, SPO2 में 92 प्रतिशत से कम की कमी और सीने में दर्द का भी अनुभव हो सकता है।

- शरीर में दर्द और बुखार भी हो सकता है

- जी मिचलाना और पेट दर्द

इस प्रदूषण से बचने के लिए करें ये उपाय
To avoid this pollution, do these measures

नोएडा में टॉवर गिरने के कुछ घंटों तक सभी को घर के अंदर रहना और अपनी खिड़कियों, दरवाजों को बिल्कुल बंद करना सबसे अच्छा उपाय है। अति आवश्यक होने पर ही बाहर निकले। जब आप बाहर जाएं, तो मास्क पहनें और अपनी आंखों को धूप के चश्मे या काले चश्मे से सुरक्षित रखें।

त्वचा या आंखों में जलन होने पर डॉक्टर से सलाह लें।

यदि आपको पहले से ही उच्च रक्तचाप, मधुमेह, अस्थमा, हृदय रोग जैसी स्वास्थ्य समस्याएं हैं, तो सांस लेने में तकलीफ, सीने में दर्द आदि जैसे लक्षण होने पर ध्यान दें। इसके अलावा, सुनिश्चित करें कि आप अपनी सभी दवाएं समय पर लें। अपने डॉक्टरों के संपर्क में रहें और जहां तक घर के अंदर ही रहें।

इसके अलावा अपने हाथों को बार-बार धोएं। घर में बार-बार साफ-सफाई करते रहें। क्योंकि धूल आपके फर्नीचर, फर्श, पर्देों आदि पर जमा हो सकती है। धूल को फैलने से रोकने के लिए एसी का उपयोग करें। एसी का फिल्टर साफ करना न भूलें।



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Vidushi Mishra

Vidushi Mishra

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