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वेव इंफ्राटेक ने दिवालिया घोषित करने के लिए दी अर्जी, फ्लैट खरीदारों पर आया संकट

वेव इंफ्राटेक ने खुद को दिवालिया घोषित करने की अर्जी नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में दी है। इससे समूह में निवेश कर चुके हजारों फ्लैट खरीददारों पर बड़ा संकट आ पड़ा है।

Newstrack
Published on: 26 March 2021 7:17 PM IST
वेव इंफ्राटेक ने दिवालिया घोषित करने के लिए दी अर्जी, फ्लैट खरीदारों पर आया संकट
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वेव इंफ्राटेक ने दिवालिया घोषित करने के लिए दी अर्जी, फ्लैट खरीदारों पर आया संकट

नोएडा: वेव इंफ्राटेक ने खुद को दिवालिया घोषित करने की अर्जी नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में दी है। इससे समूह में निवेश कर चुके हजारों फ्लैट खरीददारों पर बड़ा संकट आ पड़ा है। कंपनी ने दिवालिया होने की वजह नोएडा प्राधिकरण की उस कार्यवाही को बताया है जिसमे प्राधिकरण ने समूह की सेक्टर-32 और सेक्टर-25 की 108421.13 वर्ग मीटर का निरस्तीकरण कर कब्जा लिया है।

वेव इंफ्राटेक ने कहा कि इस कार्यवाही से उसे भारी आर्थिक नुकसान हुआ है। वेव मेगा सिटी सेंटर ने इस परियोजना में करीब 3800 करोड़ रुपए का निवेश किया है। इस निवेश में प्रमोटर्स और उनके सहयोगियों का 2213 करोड़ रुपए का निवेश शामिल है। इसके अलावा बैंक से कर्ज के रूपमें 200 करोड़ रुपए की राशि भी ली गई है। खरीददारों ने करीब 1400 करोड़ रुपए की शेष राशि का भुगतान किया है। ग्रुप ने जारी पत्र में लिखा है कि यह कदम खरीददारों के हित की रक्षा करने के उद्देश्य से उठाया गया है।

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क्योकि आईबीसी समाधान प्रक्रिया के तहत खरीदारों के हित वित्तीय लेनदार से पहले की प्राथमिकता में आती है। वेब ग्रुप मेगा सिटी सेंटर ( डब्ल्यूएमसीसी) का संबंध सिर्फ वेव मेगा सिटी सेंटर परियोजना के ही साथ है। डब्ल्यूएमसीसी का समूह के किसी अन्य दूसरी सब्सिडरी कंपनियों में न कोई निवेश है और न ही उनसे कोई संबंध है। वेव इंफ्राटेक के प्रबंध निदेशक राजीव गुप्ता ने बताया कि वेव मेगा सिटी सेंटर प्रा.लि. ने प्राधिकरण के अधिकारियों के मनमाने और अनुचित निर्णय के कारण एनसीएलटी दिल्ली में अपने को दिवालिया होने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए आवेदन दिया है।

प्राधिकरण ने यह की थी कार्यवाही

मार्च 2०11 में प्राधिकरण ने वेब बिल्डर को 6,14,00 वर्ग मीटर जमीन का आवंटन किया था। पहले वेव बिल्डर इस जमीन को कमर्शियल हब के रूप में विकसित करने की तैयारी में था, लेकिन 2016 में वेव बिल्डर ने प्रोजेक्ट सेटेलमेंट पॉलिसी के तहत यह जमीन प्राधिकरण को वापस सौंपने की अर्जी दे दी। हालांकि, कुछ अड़चनों की वजह से प्रॉपर्टी वापस लेने से जुड़ी कार्रवाई पूरी नहीं हो सकी। बाद में प्रोजेक्ट सेटेलमेंट पॉलिसी के तहत बिल्डर ने फिर से 4.5 लाख वर्ग मीटर जमीन वापस देने के लिए आवेदन दिया। तब प्राधिकरण ने लैंड वापस लेने संबंधी कार्रवाई पूरी करते हुए जमीन को अपने कब्जे में ले लिया।

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करीब तीन महीने पहले वेव बिल्डर और प्राधिकरण के बीच सरेंडर डीड हो गई थी। प्राधिकरण के अनुसार वेब ग्रुप को 11 मार्च 2०11 को यह जमीन आवंटित हुई थी। इसके बाद प्रोजेक्ट सेटलमेंट पॉलिसी के तहत 13 जून 2017 को समर्पण का अवसर देते हुए आवंटी को जमा की गई धनरशि में से 15 फीसदी कटौती करके शेष 85 प्रतिशत धनराशि के सापेक्ष 564०० वर्गमीटर जमीन दे दी गई। इसके बाद क्षेत्रफल के अतिरिक्त आवंटी की मांग पर अतिरिक्त क्षेत्रफल 108421.13 वर्ग मीटर भूमि और आवंटित की गई। प्राधिकरण ने वेब ग्रुप मेगा सिटी सेंटर को आवंटित अतिरिक्त क्षेत्रफल 108421.13 वर्ग मीटर का निरस्तीकरण 11 फरवरी 2021 को कर दिया गया। प्राधिकरण ने जमीन पर कब्जा ले लिया।

रिपोर्ट: दीपांकर जैन

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