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निवेश के नजरिए से Noida होगा प्रदेश का केंद्र, जून तक बदले सूरत
नोएडा : प्रदेश में विकास की परिकल्पना निवेश से की जा सकती है। इसके लिए जरूरी है बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर, ट्रांसपोर्टेशन और मजबूत बाजार। प्रदेश में निवेश के लिहाज से जनपद की भागीदारी करीब 50 प्रतिशत है। इसको लेकर सोमवार को मुख्य सचिव राजीव कुमार ने नोएडा, ग्रेटरनोएडा व यमुना विकास प्राधिकरण के अधिकारी समेत जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में निवेश के नजरिए से अहम बिल्डर-बायर्स, जेवर एयरपोर्ट, अधूरे प्रोजेक्ट, किसानों की समस्या आदि को लेकर चर्चा की गई। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को इन पर जल्द ही काम करने के निर्देश दिए।
लखनऊ में 21 और 22 फरवरी को इन्वेस्टर्स मीट का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें सिविल एविएशन, आईटी, डेरी, इलेक्ट्रानिक मैन्यूफेक्चरिंग,पर्यटन, इंफ्रास्ट्रकच्र, हैंडलूम टेक्सटाइल के अलावा कई अहम मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। इसका मुख्य उद्देश्य प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देना है। जनपद की भागीदारी इसमे कहीं ज्यादा है। ऐसे में इवेस्टर मीट के लिए जनपद को केंद्र मानते हुए यहा विकासीय परियोजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर पूरे करने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने बताया इसमे महत्वपूर्ण जेवर एयरपोर्ट योजना है। बैठक में एयरपोर्ट से संबंधित प्रगति रिपोर्ट व टाइम लाइन पर विस्तार से चर्चा की गई। एयरपोर्ट का कार्य समय से पूरा होने पर प्रदेश में निवेश का मार्ग खुलेगा साथ ही एयरपोर्ट के आसपास के जनपद में निवेश की संभावनाएं भी कई गुना बढ़ जाएंगी। दूसरा मजबूत पहलू मेट्रो है। यह ट्रांसपोर्टेशन के लिहाज से काफी अहम होगा। साथ ही उन प्रोजेक्टों पर भी विचार किया जा रहा है जो प्रोजेक्ट अटके पड़े हैं उनको भी जल्द पूरा किया जाए। भारत सरकार की योजाना जैसे की एक्सप्रेस-वे, पार्क आदि को भी प्राथमिकता दी जाए। जिन पर अधिकारियों द्वारा जल्द काम करने को कहा गया है। यहां के गांवों में प्रधान प्रणाली दोबारा शुरू करने पर भी बात की गई। जिस पर मेरठ मंडलायुक्त प्रभात कुमार की कमेटी विचार कर रही है।
मंडल आयुक्त को कहा गया है कि वह दो महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट तैयार कर पेश करें जिससे की उस पर विचार किया जा सके। उन्होंने बताया कि शहर में पहली बार सफाई के लिए मेकेनिकल क्लिनिंग प्रक्रिया शुरू की गई है। इससे शहर को स्वच्छ बनाने में मदद मिलेगी।
अडिट रिपोर्ट के आधार पर बिल्डरो पर सिविल व क्रिमिनल कानून के तहत होगी कार्यवाही
शहर में बिल्डर बायर्स मुद्दा काफी पुराना है। इसको लेकर तीनों प्राधिकरण कार्य कर रही है। जनवरी में 25 हजार बायर्स को फ्लैट दे दिए जाएंगे। इतनी ही संख्या में अगामी दो महीने में बायर्स को फ्लैट दिए जाएंगे। इसके लिए बिल्डर प्राधिकरणों में पैसा जमा कर प्रमाण पत्र हासिल कर रहे है। अगले लक्ष्य को पूरा करने के लिए दोबारा बैठक की जाएगी। बिल्डर की परियोजना वाइस अडिट कराया गया है। इसकी रिपोर्ट देखने के बाद ही कार्यवाही पर निर्णय लिया जाएगा। रिपोर्ट के आधार पर अनिमितता बरतने वाले बिल्डरों पर क्रिमिनल व सिविल कानून के तहत कार्यवाही की जाएगी।
मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप जनपद में बायर्स को उनका हक दिलाने के लिए कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने अप्रैल के पहले सप्ताह में 80 हजार बायर्स को फ्लैट देने के लिए कहा है। इस पर मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया सितंबर, अक्टूबर से लेकर जनवरी हमारा लक्ष्य 50 हजार बायर्स को फ्लैट देने का है। इसके जरिए जनवरी में 25 हजार फ्लैट देने का रास्ता साफ हो चुका है। अगले दो महीने में इतने ही फ्लैट और दिए जाएंगे। प्राधिकरण अधिकारियों को निर्देश दिए गए है कि जो बिल्डर इस कार्य में कोई सहयोग या बायर्स के हितों की अनदेखी कर रहे है उनके खिलाफ श्रेणी बद्ध तरीके से कार्यवाही की जाएगी। बिल्डरों का वित्तीय अडिट किया जा रहा है। इसकी रिपोर्ट भी जल्द मिल जाएगी। इसी आधार पर क्रिमिनल व सिविल कानून के तहत कार्यवाही की जाएगी। वहीं बायर्स का एक तबका रजिस्ट्री की मांग को लेकर भी सड़कों पर है।
बायर्स का आरोप है कि जब प्राधिकरण ने कुल भूखंड की लागत का 10 प्रतिशत लेकर बिल्डरों को आवंटित किए। फ्लैट की लागत का 95 प्रतिशत तक पैसा बायर्स जमा कर चुके है। ऐसे में प्राधिकरण रजिस्ट्री क्यो नहीं खोल रहा। इस पर मुख्य सचिव ने प्राधिकरण मुख्य कार्यपालक अधिकारी को निर्देश देते हुए मामले की गंभीरता से लेने को कहा है।
जून तक बदल जाएगा शहर का स्वरूप
मुख्य सचिव ने जिले के किसान, ग्राम प्रधान, औद्योगिक व आरडब्लूए के पदाधिकारियों संग भी बैठक कर उनकी समस्याएं सुनी। उन्होंने दो महीने में ग्रामीण विकास की एक रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा। इस रिपोर्ट पर शासन स्तर से कार्यवाही की जाएगी। जून तक शहर में स्वच्छता का अलग स्वरूप देखने को मिलेगा। वहीं सिंचाई विभाग के अंर्तगत आने वाले 11 कीमी लंबे नाले को •ाी लंबे समय के बाद सफाई की जाएगी। सफाई काम प्राधिकरण द्वारा किया जाएगा। सड़कों की मैकेनिकल स्वीपिंग की जाएगी। सड़कों के किनारे अतिक्रमण मुक्त करने के लिए इसके खाके को और मजबूत किया जाएगा। इसके साथ केंद्र सरकार की योजनाओं को लागू करने का प्रयास किया जा रहा है। जिससे फंड के साथ शहर में निवेश व इंफ्रास्ट्रक्चर में बढ़ोतरी हो सके।
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