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Kripalu Maharaj: कृपालु महाराज की बड़ी बेटी की कार हादसे में मौत, दो बहनों सहित सात की हालत गंभीर

Kripalu Maharaj: महाराज की बड़ी बेटी डॉ. विशाखा त्रिपाठी (75) अपनी दो बहनों डॉ. कृष्णा त्रिपाठी और डॉ. श्यामा त्रिपाठी और पांच अन्य लोगों के साथ दो कारों में सवार होकर यमुना एक्सप्रेसवे के रास्ते वृन्दावन से दिल्ली जा रही थीं।

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Newstrack Network
Published on: 24 Nov 2024 8:15 PM IST (Updated on: 24 Nov 2024 9:00 PM IST)
Kripalu Maharajs elder daughter dies in car accident, seven including two sisters in critical condition
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कृपालु महाराज की बड़ी बेटी की कार हादसे में मौत, दो बहनों सहित सात की हालत गंभीर: Photo- Social Media

Kripalu Maharaj: आध्यात्मिक गुरु कृपालु महाराज की बड़ी बेटी का रविवार को एक कार एक्सीडेंट में निधन हो गया है और उनकी दो अन्य बेटियां गंभीर रूप से घायल हुई हैं। कृपालु महाराज के गोलोकवास के बाद बेटियां ही आश्रम की व्यवस्था देखती थीं। मनगढ़ के भक्तिधाम में तीन दिन के शोक की घोषणा की गई है। हादसे की खबर सुनते ही राजा भईया पीड़ितों का हालचाल लेने मनगढ़ आश्रम पहुंच गए हैं।

जानकारी के मुताबिक महाराज की बड़ी बेटी डॉ. विशाखा त्रिपाठी (75) अपनी दो बहनों डॉ. कृष्णा त्रिपाठी और डॉ. श्यामा त्रिपाठी और पांच अन्य लोगों के साथ दो कारों में सवार होकर यमुना एक्सप्रेसवे के रास्ते वृन्दावन से दिल्ली जा रही थीं। पुलिस ने बताया कि वहां से उन्हें सिंगापुर जाना था। रविवार सुबह दनकौर इलाके में एक कैंटर चालक ने दोनों कारों में टक्कर मार दी। पुलिस ने बताया कि हादसे में महाराज की तीन बेटियों समेत आठ लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।

एक्सीडेंट में विशाखा त्रिपाठी की मौत

पुलिस ने बताया कि पीड़ितों को इलाज के लिए नोएडा और दिल्ली के अस्पतालों में भर्ती कराया गया, जहां विशाखा त्रिपाठी की मौत हो गई। दोनों बहनें कृष्णा त्रिपाठी और श्यामा त्रिपाठी समेत सात अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनका इलाज चल रहा है।]

जगद्गुरु कृपालु परिषत् ने शोक संदेश में कहा कि अत्यंत दुख के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि भक्ति धाम की अध्यक्ष डॉ. विशाखा त्रिपाठी का दुर्भाग्यवश निधन हो गया है और उनका अंतिम संस्कार वृन्दावन में किया जाएगा। आपको बता दें कि आज स पंद्रह साल पहले कृपालु महाराज की भी एक हादसे में मृत्यु हुई थी वह आश्रम में फिसल गए थे। इसके बाद वह कोमा में चले गए और गुड़गांव के अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली।



Shashi kant gautam

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