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अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा के खिलाफ जमानती वारंट
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा उप्र प्रभात कुमार के विरुद्ध आदेश की अवहेलना करने पर जमानती वारंट जारी कर 30 अप्रैल को हाजिर होने का निर्देश दिया है। वारंट सीजेएम लखनऊ के मार्फत तामील किये जाने का भी आदेश दिया है।
प्रयागराज: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा उप्र प्रभात कुमार के विरुद्ध आदेश की अवहेलना करने पर जमानती वारंट जारी कर 30 अप्रैल को हाजिर होने का निर्देश दिया है। वारंट सीजेएम लखनऊ के मार्फत तामील किये जाने का भी आदेश दिया है। कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव को आदेश का पालन करने अथवा 5 अप्रैल को कोर्ट में स्पष्टीकण के साथ हाजिर होने का निर्देश दिया था।
यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीत कुमार ने आगरा के सहायक अध्यापक निसार अहमद की विधवा नूरजहां की अवमानना याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता कमल केसरवानी ने बहस की। कोर्ट ने 4 जनवरी 18 को 8 फीसदी ब्याज के साथ ग्रेच्युटी के भुगतान का आदेश दिया था। ग्रेच्युटी का भुगतान किया गया किन्तु ब्याज नहीं दिया गया।
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याची का कहना है कि 22 जुलाई 2010 के शासनादेश के तहत अधिकतम दस लाख ग्रेच्युटी मिलनी चाहिए। याची के पति की मौत 2012 में हो गयी थी। विपक्षी ने कोर्ट को बताया कि ब्याज चार लाख 46 हजार 667 रूपये होता है जिसे अपर मुख्य सचिव को भेजा गया है। डायरेक्टर बेसिक शिक्षा द्वारा 17 दिसम्बर 2018 को भेजी गयी संस्तुति का निर्णय अपर मुख्य सचिव को लेना है।
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इस पर कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा को पक्षकार बनाते हुए 28 फरवरी 19 के आदेश के पालन का एक अवसर देते हुए जवाब मांगा और कहा कि यदि अनुपालन हलफनामा 5 अप्रैल तक दाखिल नहीं होता तो अपर मुख्य सचिव हाजिर होकर स्पष्टीकरण देंगे कि क्यों न उनके खिलाफ अवमानना कार्यवाही की जाए।
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कार्यालय रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट ने अनुपालन रिपोर्ट न आने के कारण अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा के विरुद्ध जमानती वारंट जारी किया है। याचिका की सुनवाई 30 अप्रैल को होगी।