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उत्तर-पूर्वोत्तर रेलवे के वादे खोखले, 617 इंजनों में अब तक नहीं लगे एंटी फॉग डिवाइस
लखनऊ: हर साल की तरह इस बार भी रेलवे कोहरे का हवाला देकर ट्रेनों के निरस्त होने की जानकारी दे रहा है। बीते एक महीने से भारतीय रेलवे द्वारा रोजाना ट्रेनों को कैंसिल किया जा रहा है। यात्रियों को सफर से ठीक पहले ट्रेनों के निरस्त होने की जानकारी मिल रही है। अचानक ट्रेनों के कैंसिल होने से यात्रियों को अपने गंतव्य तक जाने के लिए वैकल्पिक साधनों का सहारा लेना पड़ रहा है।
दूसरी तरफ, उत्तर व पूर्वोत्तर रेलवे भी अपने वादों पर कायम नहीं है। इनके आला अफसरों का दावा था, कि वे अपने 617 इंजनों में 'एंटी फॉग' डिवाइस लगाने वाले हैं। इससे कोहरे को चिरते हुए गाड़ियां आगे बढेंगी जिससे यात्रियों को राहत मिलेगी। लेकिन उत्तर तथा पूर्वोत्तर रेलवे के महकमों के दावे झूठे साबित हो रहे हैं। हर बार की तरह इस साल भी ट्रेनों की स्थिति लगातार खराब होती ही ख रही है।
अगर वादे पूरे होते तो यह लाभ मिलता
अगर उत्तर व पूर्वोत्तर रेलवे के अधिकारियों ने अपना दावा पूरा किया होता, तो नई व्यवस्था से यात्रियों को लाभ मिलता। इसके अलावा रेलवे को होने वाले नुकसान से भी बचाया जा सकता था। लेकिन हालात पहले जैसे ही हैं। ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) युक्त यह डिवाइस कोहरे में ड्राइवरों के पथ-प्रदर्शक का काम करती है। डिवाइस में प्रत्येक रेलखंड की मानवरहित क्रॉसिंगों, मानवयुक्त फाटकों, सिग्नलों और स्टेशनों की लोकेशन की फीडिंग होती है। यह घने कोहरे में ऑडियो के जरिए उन्हें सिग्नल व फाटकों की जानकारी देती है।