बैंकों में नोटों की मारामारी, मालखानों में वर्षों से पड़े हैं करोड़ों रुपए के बंडल

अपराधियों की धरपकड़ के दौरान पुलिस कई बार रुपए बरामद करती है। अधिकांश मामलों में ये रुपए 500 और 1000 के नोटों की शक्ल में होते हैं। एक अनुमान के मुताबिक पूरे प्रदेश में अरबों रुपये मालखानों में हैं। सिर्फ कानपुर के मालखानों में जमा रुपयों की संख्या करोड़ों में है।

zafar
Published on: 11 Nov 2016 3:23 PM GMT
बैंकों में नोटों की मारामारी, मालखानों में वर्षों से पड़े हैं करोड़ों रुपए के बंडल
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बैंकों में नोटों की मारामारी, मालखानों में रखे करोड़ों रुपए की सुध लेने वाले नहीं

कानपुर: एक हजार और पांच सौ के नोटों को लेकर देश भर में मारामारी चल रही है। लेकिन देश में ऐसी भी बहुत सी जगहें हैं जहा करोड़ों रूपए जमा हैं और ये रुपए सर्कोकुलेशन से बाहर हैं। कानपुर पुलिस मालखाने में रखे करोड़ों रुपयों को दीमक से बचाने की चुनौती होती है।

जमा हैं करोड़ों रुपए

-अपराधियों की धरपकड़ के दौरान पुलिस कई बार रुपए भी बरामद करती है।

-अधिकांश मामलों में ये रुपए 500 और 1000 के नोटों की शक्ल में होते हैं।

-नियमानुसार पुलिस ये रुपए मालखाने में जमा कर देती है।

-मालखाने में ये रुपए तब तक जमा रहते हैं, जब तक कोर्ट का फैसला न आ जाए।

-चूंकि मुकदमे वर्षों चलते हैं, इसलिए ये रुपए भी लंबे समय तक मालखाने में जमा रहते हैं।

वर्षों रहते हैं सील

-मालखाने में जमा राशि माल मुकदमाती कैटेगरी में शामिल होती है, यानी मुकदमे के खत्म होने तक वह सरकारी देखरेख में होती है।

-माल मुक़दमाती को रिलीज करने का एक प्रोसेस होता है।

-यह पैसा एक सर्टेन डिविजन के बाद लीगल टेंडर हो सकता है। लेकिन उसका दावेदार कानूनी तरीके से रपए को लीगल टेंडर करा सकता है।

-मियाद खत्म होने के बाद भी पैसा खाते में जमा करके वह उसका उपयोग कर सकता है।

-एक अनुमान के मुताबिक पूरे प्रदेश में कई करोड़़ रुपये मालखाने में हैं।

-सिर्फ कानपुर के मालखानों में जमा रुपयों की संख्या करोड़ों में है।

-कानपुर शहर में तकरीबन सभी थानों में मालखानों के अलावा एक सदर मालखाना भी है।

अब क्या होगा?

-एडीजीसी सिविल धर्मेंद्र सिंह के मुताबिक रिजर्व बैंक आफ इण्डिया के निर्देश के अनुसार जमा नोटों को वेरिफाई करके रख लिया जाता है और मूल नोट रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को वापस कर दिया जाता है, ताकि वह मनी सर्कुलेशन में आ जाए।

-एसएसपी आकाश कुलहरी के मुताबिक मालखानों में रखे इन रुपयों को तब तक नहीं निकाला जा सकता जब तक कोर्ट का फैसला नहीं आ जाता।

-अब सवाल यह है कि 31 दिसंबर के बाद इन जमा रुपयों का क्या होगा?

-कानूनी जानकारों का कहना है की इस संबंध में वादी या प्रतिवादी कोर्ट में एप्लीकेशन लगाकर अपना पैसा ले सकता है।

-मालखाना इंचार्ज का कहना है की काफी रूपया कोषागार के डबल लॉक में रखा जाता है।

-जो रुपया अभी तक मालखाने में है, वह भी कोषागार में भेजा जाएगा।

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