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अब कांग्रेस ने RLD से बढ़ाया दोस्ती का हाथ,दिलाई पुरानी दोस्ती की याद
लखनऊ: राज्यसभा और विधानपरिषद चुनाव में वोटों को लेकर मचे घमासान में राष्ट्रीय लोकदल की अहमियत बढ़ गई है। रालोद के आठ विधायकों का समर्थन हासिल करने के लिए जहां समाजवादी पार्टी अपने तार जोड़ रही है। वहीं कांग्रेस के शीर्ष नेता अजित सिंह से संपर्क साधकर पुरानी दोस्ती की याद दिलाने की कोशिश में हैं।
अजित सिंह विधायकों का मन टटोलने में जुटे
विधायकों का मन टटोलने के लिए रालोद मुखिया अजित सिंह ने बुधवार को अपने विधायकों को दिल्ली तलब किया है। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से अजित सिंह की फोन पर बात हुई है जिसमें समर्थन का आश्वासन मिला है।
रालोद के तीन विधायक नाराज
माना जा रहा है कि रालोद राज्यसभा निर्वाचन में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस दोनों को साथ रखना चाहता है ताकि भाजपा के खिलाफ एकजुटता के संदेश विधानसभा चुनाव तक जाएं। बता दें, कि समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह और शिवपाल यादव के साथ में रालोद प्रमुख अजित सिंह कई दौर वार्ता कर चुके हैं। सपा का साथ देने पर सहमति भी बन चुकी है लेकिन रालोद के तीन विधायक नाराज बताए जा रहे हैं। इसमें से एक विधायक तो खुले तौर पर बसपा का पक्ष ले रहा है जबकि दो विधायक समाजवादी से दूरी बनाए रखने के पक्ष में हैं। ऐसे में रालोद नेतृत्व को अपनी एकजुटता बनाए रखना मुश्किल हो रहा है। इसीलिए बीच का रास्ता तलाशने के लिए नाराज विधायकों को कांग्रेस का साथ देने के लिए तैयार किया जाएगा।
कांग्रेस को भी समर्थन की दरकार
गौरतलब है कि राज्यसभा प्रत्याशी कपिल सिब्बल के लिए अतिरिक्त वोट की जरूरत होगी। कांग्रेस में कोई बागी न हुआ तो प्रथम वरीयता के पांच वोट चाहिए। दूसरी तरफ विधानपरिषद में दीपक के लिए कांग्रेस विधायकों की संख्या पर्याप्त है लेकिन ओपन वोट न होने के कारण क्रॉस वोटिंग होने की आशंका अधिक है। अमेठी निवासी दीपक को राहुल गांधी का करीबी माना जाता है। इसलिए कांग्रेस कोई जोखिम उठाना नहीं चाहती।