×

यूपी में अब नकल और फर्जी मार्कशीट वालों की खैर नहीं

प्रदेश के विश्वविद्यालयों में फर्जी अंकतालिकाओं और नकल रोकने को लेकर राज्य सरकार बेहद गंभीर है। इससे सरकार की बदनामी होती है।  इसके लिए कडे कानून की जरूरत है।

Aditya Mishra
Published on: 13 Jun 2019 4:46 PM GMT
यूपी में अब नकल और फर्जी मार्कशीट वालों की खैर नहीं
X

लखनऊ: प्रदेश के विश्वविद्यालयों में फर्जी अंकतालिकाओं और नकल रोकने को लेकर राज्य सरकार बेहद गंभीर है। इससे सरकार की बदनामी होती है। इसके लिए कडे कानून की जरूरत है।

इस सम्बन्ध में उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक से आज राजभवन में उप-मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने शिष्टाचारिक भेंट की। बताया जा रहा है कि हाल ही में हुए कुलपति सम्मेलन में दो समितियों का गठन किया गया है, जो वित्तीय संसाधन तथा पी0एच0डी0 के संबंध में अपनी रिर्पोट प्रस्तुत करेंगे।

ये भी पढ़ें...एंटी रोमियो मुहिम पर गवर्नर राम नाइक का बयान, कहा- सवाल उठाना गलत, सरकार को समय मिले

पहली समिति तीन कुलपतियों की है, जिसमें कुलपति लखनऊ विश्वविद्यालय, कुलपति बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कुलपति चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर सदस्य होंगे, जो अपनी रिपोर्ट राज्यपाल को प्रस्तुत करेंगे, जिसे राज्यपाल अपने सुझावों सहित शासन को भेजेंगे।

दूसरी समिति में कुलपति एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय लखनऊ एवं कुलपति चैधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ, सदस्य होंगे, जो पीएचडी पूर्ण करने की तिथि के संबंध में विभिन्न विश्वविद्यालयों में स्थापित अलग-अलग व्यवस्थाओं के दृष्टिगत एकरूपता लाने के लिये सुझाव देगी।

ये भी पढ़ें...लखनऊ: गवर्नर राम नाइक ने कहा- भारत की प्रगति युवाओं पर निर्भर

नाईक ने बताया कि कुलपति सम्मेलन में फर्जी अंक तालिका एवं उपाधि तथा नकल रोकने के लिये भी विशेष रूप से चर्चा हुई। नकल, फर्जी अंक तालिका एवं उपाधि से जहां एक ओर विश्वविद्यालय की बदनामी होती है वहीं प्रदेश की छवि भी धूमिल होती है।

कुलपति सम्मेलन में शैक्षिक गुणवत्ता, ई-लर्निंग, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अनुसार शैक्षिक दिवस, डिजिटाइजेशन आदि पर भी चर्चा हुई, जिस पर कुलपतियों ने भी अपने विचार रखे।

उन्होंने कहा कि सम्मेलन में विश्वविद्यालय में नये नियमों के परिपे्रक्ष्य में शैक्षिक संवर्ग के रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया, रोजगारपरक शिक्षा, शोधपीठ की स्थापना एवं शोध, विश्वविद्यालय के बढ़ते वित्तीय भार को लेकर भी विचार-विमर्श किया गया। उन्होंने बताया कि 2019-20 का प्रस्तावित दीक्षान्त समारोह की तिथियाँ तय कर दी गयी हैं।

ये भी पढ़ें...गवर्नर राम नाइक और डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने किया L.U की सेंट्रल मेस का उद्घाटन

Aditya Mishra

Aditya Mishra

Next Story