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एनसीआर की तर्ज पर अब यूपी में स्टेट कैपिटल रीजन

बाराबंकी और लखनऊ के सीमावर्ती क्षेत्रों को राजधानी में शामिल करने की कवायद एक बार फिर से तेज हो गई है। यहां स्टेट कैपिटल रीजन को विकसित करने का प्लान तैयार किया जा रहा है। लखनऊ के साथ आउटर रिंग रोड की सीमा से लग रहे गांवों को एलडीए में मिलाकर इनको भी नियोजित विकास में शामिल किया जाएगा।

Aditya Mishra
Published on: 8 Jan 2019 5:12 PM IST
एनसीआर की तर्ज पर अब यूपी में स्टेट कैपिटल रीजन
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लखनऊ: बाराबंकी और लखनऊ के सीमावर्ती क्षेत्रों को राजधानी में शामिल करने की कवायद एक बार फिर से तेज हो गई है। यहां स्टेट कैपिटल रीजन को विकसित करने का प्लान तैयार किया जा रहा है। लखनऊ के साथ आउटर रिंग रोड की सीमा से लग रहे गांवों को एलडीए में मिलाकर इनको भी नियोजित विकास में शामिल किया जाएगा। इसके लिए जल्द ही प्रमुख सचिव आवास के सामने प्रेजेंटेशन दिया जाएगा।

आउटर रिंग रोड में लखनऊ के हिस्से में रायबरेली रोड से कानपुर रोड के बीच एलडीए पांच जनवरी को होने वाली बोर्ड मीटिंग में लैंड यूज तय करने जा रहा है। मगर बाराबंकी की जिन 12 ग्राम पंचायतों से होकर आउटर रिंग रोड गुजर रहा है, वे और उनसे और आगे की ग्राम पंचायतों के लिए एक प्राधिकरण में मानचित्र और ले आउट पास करवाए जाये ये जरूरी हो गया है।

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आउटर रिंग रोड और उसके आसपास विकास के लिए केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के प्रभारी दिवाकर त्रिपाठी ने बताया कि हमने प्रस्ताव तैयार किया है। जिसका प्रस्तुतिकरण प्रमुख सचिव आवास के समक्ष किया जाना है। जिसमें आउटर रिंग रोड के दोनों ओर विकास का खाका सामने रखा जाएगा। जिसमें बाराबंकी को साथ लेकर किस तरह से लखनऊ का विकास संभव है, ये भी बताया जाएगा। जिसके बाद में एक नया प्रस्ताव तैयार होगा। ये नया क्षेत्र बनाने के लिए मास्टर प्लान 2031 में बदलाव करना पड़ेगा।

पहले भी हो चुकी है ऐसी कवायद

बाराबंकी के लखनऊ के सीमावर्ती क्षेत्रों को राजधानी में शामिल करने की ये दूसरी कोशिश है। इससे पहले साल 2013 से साल 2017 तक कोशिश की गईं। जिसमें निंदूरा और बाराबंकी ब्लॉक की 205 ग्राम पंचायतों को एलडीए में शामिल किया जाना था, मगर वह प्रस्ताव 2031 के मास्टर प्लान में नहीं शामिल किया जा सका।

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क्या कहते हैं अफसर

राजनाथ सिंह के प्रतिनिधि दिवाकर त्रिपाठी कहते है कि अगर बाराबंकी के क्षेत्र को एलडीए में शामिल नहीं किया गया तो आउटर रिंग रोड के किनारों पर अवैध बस्ती बसेंगी। प्रमुख सचिव आवास के सामने ये प्रस्ताव रखा जाना है। जिसके बाद स्टेट कैपिटल रीजन की अगली कवायद शुरू की जाएगी।

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Aditya Mishra

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