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Lucknow: नगर निगम में अब जेम पोर्टल के जरिए सफाई कर्मचारी, श्रमिक होंगे नियोजित
Lucknow: लखनऊ नगर निगम में सफाई कर्मियों और श्रमिकों को जेम पोर्टल के जरिये नियोजित किये जाने का निर्णय लिया गया है।
Lucknow: शहर में आम जनमानस को बुनियादी सुविधाएं देने के लिए नगर निगम (Lucknow Municipal Corporation) द्वारा एक नई पहल की गई। जिसमें नाले-नालियों की नियमित साफ-सफाई, समुचित मार्ग व्यवस्था, हरियाली और पार्क का विकास एवं अनुरक्षण, मार्ग प्रकाश, पेयजल की व्यवस्था कराना नगर निगम का सर्वोच्च दायित्व है। लखनऊ (Lucknow) महानगर प्रदेश की राजधानी होने के कारण शहर में सांस्कृतिक, धार्मिक एवं राजनैतिक विशेष कार्यक्रमों का आयोजन होता है। ऐसे में यहां अतिविशिष्ट व्यक्तियों का आना-जाना लगा रहता है। इसी को ध्यान में रखकर अब नगर निगम कार्ययोजना तैयार की है।
इन दायित्वों का बेहतरी के साथ निर्वहन करने के उद्देश्य से अब सफाई कर्मियों और श्रमिकों को जेम पोर्टल के जरिये नियोजित किये जाने का निर्णय लिया गया है। इस नियोजन प्रक्रिया के अंतर्गत सबसे पहले सफाई कार्य के लिए शहर को दो हिस्सो में (सिस गोमती व ट्रांस गोमती) में विभाजित किया गया है। जिसमें जेम पोर्टल के माध्यम से अलग-अलग प्रस्ताव आमंत्रित किए जाएंगे।
आमंत्रित प्रस्ताव में लखनऊ की विस्तारित क्षेत्र की जनसंख्या को सम्मिलित करते हुए पब्लिक हैल्थ मैनुअल के मानक तथा अतिविशिष्ट आवश्यकताओं व अतिरिक्त दायित्वों को ध्यान में रखते हुए श्रमिकों को रखा जाएगा। जिससे प्रतियोगात्मक वातावरण बनाये रखने के उद्देश्य से शहर के एक हिस्से में नियोजित होने वाली संस्था को दूसरे हिस्से में कार्य प्राप्त करने की अनुमति नहीं दी जायेगी। उद्यान, मार्ग प्रकाश, वाहन चालक इत्यादि श्रेणियों के लिए पृथक-पृथक टेंडर जेम के माध्यम से किया जाएगा।
सफाई व्यवस्था का बेहतर पर्यवेक्षण किया जा सकेगा
जेम पोर्टल के माध्यम से सफाई कर्मी को रखने के लिए कार्यों को व्यवस्थित करने में आसानी होगी तथा सफाई व्यवस्था का बेहतर पर्यवेक्षण किया जा सकेगा। प्रतियोगात्मक वातावरण होने से व्यय में कमी होने के साथ ही वित्तीय प्रबंधन भी कुशलतापूर्वक किया जा सकेगा।
भौतिक नगर निगम ई-नगर निगम में होगी परिवर्तित
वहीं, डिजिटल इंडिया के तहत लखनऊ नगर निगम एक नई पहल की शुरुआत करने जा रहा है। नगर निगम द्वारा समस्त विभागीय कार्यों को डिजिटलाइज किये जाने की रणनीति तैयार कर ली गयी है। अब जल्द ही भौतिक नगर निगम ई नगर निगम के रूप में परिवर्तित होता नज़र आएगा। डिजिटलीकरण के तहत निम्न बदलाव किये जाने के निर्देश दिए गए हैं-
लखनऊ नगर निगम अपने प्रोजेक्ट और फाईलिंग सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए एफएपीएमएस सॉफ्टवेयर सिस्टम शुरू करने वाला है। इस नवीन कंप्यूटर सॉफ्टवेयर प्रणाली के द्वारा लखनऊ नगर निगम अपनी प्रोजेक्ट फाइल को औटोमेट और व्यवस्थित करेगा। इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से सिविल कार्यों के एस्टीमेट भी ऑटोमैटिकली जनरेट हो जाएंगे, उदाहरण के तौर पर अगर किसी सीसी रोड का निर्माण होना है, तो सिर्फ रोड की लंबाई व चौड़ाई का विवरण देने पर ही, सॉफ्टवेयर में पहले से मौजूद संबंधित मानक दरों के आधार पर सीसी मार्ग का पूरा एस्टीमेट तैयार हो जाएगा।
सुशासन की तरफ बढ़ाया गया बेहतरीन कदम
इस सॉफ्टवेयर के जरिये प्रोजेक्ट फाइल के सृजन से लेकर भुगतान तक पारदर्शी व्यवस्था कायम रहेगी। इससे न केवल निगम का कार्य सुव्यवस्थित ढंग से होगा, परंतु निगम के धन का बेहतर उपयोग तथा कार्यों का समयबध्द क्रियंवयंन सुनिश्चित हो सकेगा। यह प्रदेश में इस तरह का पहला का प्रयोग होने के साथ ही लखनऊ नगर निगम की ओर से सुशासन की तरफ बढ़ाया गया बेहतरीन कदम साबित होगा।
नगर निगम के अंतर्गत होने वाले निर्माण संबंधित कार्यों में पारदर्शिता लाने व एस्टीमेट, स्ट्रेंथ, सेंशन कार्यों की प्रगति जैसे कार्य डिजिटलाइज किये जायेंगे।इसके अतिरिक्त नगर निगम के अंतर्हित आने वाले कॉन्ट्रैक्टर्स से लेकर वेंडर्स का रजिस्ट्रेशन व उनकी सूची भी इसी सॉफ्टवेयर के जरिये प्राप्त हो सकेगी।