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NRHM: आईएएस प्रदीप शुक्ला की याचिका पर सुनवाई पूरी, जमानत पर निर्णय सुरक्षित

गाजियाबाद की सीबीआई कोर्ट ने सशर्त जमानत देते हुए कहा था कि पैसा न जमा किए जाने की स्थिति में जमानत निरस्त हो जाएगी। लेकिन याची ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करके पचास लाख रूपए जमा करने में असमर्थता जताई। कोर्ट के फैसले पर निर्भर करेगा कि याची को कितना पैसा जमा करना है।

zafar
Published on: 20 Oct 2016 8:05 PM IST
NRHM: आईएएस प्रदीप शुक्ला की याचिका पर सुनवाई पूरी, जमानत पर निर्णय सुरक्षित
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हाईकोर्ट में उठा मुद्दा, क्या यूपी सरकार पानी पर टैक्स लगा सकती है?

इलाहाबाद: हाईकोर्ट ने एनआरएचएम घोटाले में आरोपी आईएएस प्रदीप शुक्ला की याचिका पर निर्णय सुरक्षित कर लिया है। याचिका की सुनवाई न्यायमूर्ति अरूण टंडन ने की। याची को सीबीआई कोर्ट गाजियाबाद ने एक माह में 50 लाख रूपये जमा करने की शर्त पर जमानत दी थी।

सशर्त मिली है जमानत

-गाजियाबाद की सीबीआई कोर्ट ने सशर्त जमानत देते हुए कहा था कि पैसा न जमा किए जाने की स्थिति में जमानत निरस्त हो जाएगी।

-लेकिन याची ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करके पचास लाख रूपए जमा करने में असमर्थता जताई।

-इस सिलसिले में याची ने सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत का हवाला दिया।

-याची ने हाईकोर्ट के निर्देश पर 10 लाख रूपे जमा भी किए।

50 लाख देने में असमर्थता

-हाईकोर्ट ने सीबीआई कोर्ट द्वारा पचास लाख रूपये जमा करने के आदेश पर स्थगनादेश जारी किया है।

-गुरुवार को याचिका पर न्यायमूर्ति अरूण टंडन ने सुनवाई पूरी कर ली।

-याची ने कोर्ट से कहा कि उसकी आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वह पचास लाख रूपए जमा कर सके।

-सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया। कोर्ट के फैसले पर निर्भर करेगा कि याची को कितना पैसा जमा करना है।

आगे की स्लाइड में पढ़िए नदी में प्रदूषण पर हाई कोर्ट की फटकार

यमुना में प्रदूषण

-हाईकोर्ट ने मथुरा-वृन्दावन में यमुना घाटों को खोदकर सीवरलाइन डालने पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को कड़ी फटकार लगाई है।

-सीवर से यमुना में बढ़ते प्रदूषण को लेकर दाखिल याचिका पर कोर्ट ने प्रदेश सरकार और संबंधित विभागों से जवाब मांगा है।

-कोर्ट ने कहा कि गंदा पानी नदी में डालने की अनुमति किसी को नहीं दी जा सकती है।

-यह आदेश मुख्य न्यायाधीश डीबी भोसले तथा न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की खण्डपीठ ने महंत मधुमंगल सरन दास शुक्ला की जनहित याचिका पर दिया है।

-याचिका पर सुनवाई 28 नवम्बर को होगी।

आगे की स्लाइड में पढ़िए विकास प्राधिकरण की मनमानी पर कोर्ट सख्त...

प्राधिकरण पर सख्त

-इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कानपुर विकास प्राधिकरण से पूछा है कि किस नियम के तहत प्राधिकरण की जमीन पर अनाधिकृत उपयोग का यूजर चार्ज लिया जा सकता है।

-कोर्ट ने कहा है कि अवैध निर्माण हटाने के खर्च की वसूली प्राधिकरण कर सकता है, लेकिन उसके साथ बिना नियम के यूजरचार्ज कैसे लिया जा रहा है।

-यह आदेश मुख्य न्यायाधीश डीबी भोसले तथा न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की खण्डपीठ ने श्रीमती मधु पाण्डेय की याचिका पर दिया है।

-याची ने केडीए की बगल की जमीन पर बाउण्ड्री बना ली थी। केडीए ने अवैध निर्माण हटाकर खर्च और यूजरचार्ज जमा करने का नोटिस दिया था, जिसे याचिका में चुनौती दी गई थी।

-कोर्ट ने इस मुद्दे को लेकर विचाराधीन सभी याचिकाओं को एक साथ सूचीबद्ध करने का आदेश दिया है।



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