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Ayodhya: नृपेन्द्र मिश्र आज लेंगे राम मंदिर निर्माण का जायजा, ट्रस्ट की बैठक में होंगे शामिल

Nripendra Misra In Ayodhya: श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक यहां शुरू हो रही है, जिसमें समिति के अध्यक्ष पूर्व आईएएस नृपेन्द्र मिश्र भी मौजूद रहेंगे।

Shreedhar Agnihotri
Report Shreedhar AgnihotriPublished By Shreya
Published on: 18 April 2022 2:37 AM GMT
Ayodhya: नृपेन्द्र मिश्र आज लेंगे राम मंदिर निर्माण का जायजा, ट्रस्ट की बैठक में होंगे शामिल
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नृपेन्द्र मिश्र (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Nripendra Misra In Ayodhya: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अयोध्या में बन रहे भगवान राम के भव्य मंदिर निर्माण (Ayodhya Ram Mandir) की दिशा में आज श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक यहां शुरू हो रही है। इस बैठक में निर्माण समिति के अध्यक्ष पूर्व आईएएस नृपेन्द्र मिश्र (Nripendra Misra) भी मौजूद रहेंगे। इसके लिए वह कल देर शाम अयोध्या (Ayodhya) भी पहुंचे।

दो दिवसीय बैठक के पहले नृपेन्द्र मिश्र ने हनुमानगढ़ी के दर्शन किए और इसके बाद वह सर्किट हाउस चले गए। वह यहां लगातार दो दिन रुककर मंदिर निर्माण को लेकर इंजीनियरों को दिशा निर्देश देने का काम करेंगे। आज वह मंदिर निर्माण स्थल भी जाएंगे। इस दौरान वह भौतिकीय निरीक्षण कर आवश्यक दिशा निर्देश देंगे। साथ ही इन दिनों रामभक्तों की बढ़ती संख्या और उनकी सुरक्षा आदि के लिए प्लान भी बनाएंगे। हाल ही में उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू अयोध्या आ चुके हैं। आने वाले दिनों में यहां दर्शनार्थियों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है जिसे देखते हुए सारी तैयारियां की जा रही है।

2023 के अंत तक राम मंदिर तैयार करने का प्लान

उल्लेखनीय है निर्माण समिति की योजना राम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण को 2023 के अंत तक करने की है। वहीं निर्माण कार्य को लेकर राय ने कहा कि भगवान राम के बैठने के लिए ग्रेनाइट की 6 फीट ऊंची कुर्सी तैयार की गई है। इस साल अगस्त में नींव और कुर्सी का काम पूरा होने पर मंदिर निर्माण शुरू हो जाएगा।

पत्थरों के तराशने का काम भी शुरू हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने अगस्त 2020 में मंदिर की भूमि पूजन की थी। बताया जा रहा है कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण कार्य का तीसरा चरण चल रहा है। बेहद तेजी से चल रहे निर्माण कार्य के मई तक पूरा हो जाने की संभावना है। मंदिर निर्माण से जुड़े इंजीनियरों का दावा है कि मंदिर की मजबूती को ध्यान में रखते हुए दक्षिण भारत के सबसे मजबूत प्राकृतिक ग्रेनाइट पत्थर (Granite Stone) का इस्तेमाल किया जा रहा है।

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