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मकर संक्रांती के पर्व पर काशी में लाखों भक्तों ने लगाई आस्था की डूबकी 

बता दें कि मकर संक्रांती से ही भगवान सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण होते है। दशाश्वमेध घाट पर सबसे ज्यादा श्रद्धालुओ की भीड़ देखी गई।

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Published on: 14 Jan 2017 4:46 AM GMT
मकर संक्रांती के पर्व पर काशी में लाखों भक्तों ने लगाई आस्था की डूबकी 
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मकर संक्रांती के पर्व पर काशी में लाखों भक्तों ने लगाई आस्था की डूबकी

वाराणसीः मकरसंक्रांति के पावन पर्व पर वाराणसी के गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा। सूरज की पहली किरण से साथ आस्थावानों ने गंगा में डुबकी लगाई। खासतौर पर दशाश्वमेध घाट पर हजारों की संख्या में लोगों ने कड़ाके की ठण्ड को मात देते हुए गंगा स्नान किया। श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान के बाद गुड़, तील और चावल का दान भी किया।

मकर संक्रांती से ही भगवान सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण होते है। दशाश्वमेध घाट पर सबसे ज्यादा श्रद्धालुओ की भीड़ देखी गई। मान्यता है कि मकरसंक्रांति के ही पावन पर्व पर सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं। जिसके चलते सूर्य से निकलने वाली अद्भुत आभा जब श्रधालुओ पर पड़ती है तो उनमे नई ऊर्जा का संचार होता है। आज के ही दिन से सूर्य उत्तरायण गामी होता है। इसलिए इस पर्व को उत्तरायणी भी कहते हैं।

ऐसी मान्याता है कि आज के दिन गंगा में डूबकी लगाने और दान पूण्य करने से सभी पापों से मुक्ति मिल जाती और इंसान के जीवन सूख समृद्धि सौर्य की प्राप्ती होती है। काशी के सामने घाट से लेकर आदिकेशव घाट तक हर घाट पर श्रदधालुओं का तांता लगा रहा। देर रात से ही हजारों की संख्या में भक्त घाटों पर पहुंच चुके थे। भोर चार बजे से ही गंगा में डूबकी लगाने का सिलसिला जारी हो गया था। सुबह होते होते घाटों पर लाखों भक्तो का उजूम उमड़ पड़ा। डूबकी लगाने वालो में पुरुष के साथ ही महिलाएं और बच्चे भी शामिल है।

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