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UP News: माध्यमिक शिक्षा महकमे के अफसरों को सूबे के मंत्रियों के बारे में नहीं कुछ पता!
UP News: राज्य सरकार के माध्यमिक शिक्षा महकमे की लापरवाही कहें कि उसे यह भी नहीं पता कि उसके विभाग के एक मुलाजिम अब माननीय बन गये हैं। तो माध्यमिक शिक्षा विभाग ने बनारस के एक विद्यालय में टीचर रहे डॉ. दयाशंकर मिश्र दयालु को अयोध्या के एक विद्यालय में प्रैक्टिकल का परीक्षक बना दिया।
UP News: राज्य सरकार के माध्यमिक शिक्षा महकमे की लापरवाही कहें कि उसे यह भी नहीं पता कि उसके विभाग के एक मुलाजिम अब माननीय बन गये हैं।तभी तो माध्यमिक शिक्षा विभाग ने बनारस के एक विद्यालय में टीचर रहे डॉ. दयाशंकर मिश्र दयालु को अयोध्या के एक विद्यालय में प्रैक्टिकल का परीक्षक बना दिया। दयालु लंबे समय से अवैतनिक अवकाश पर हैं। दयालु के परीक्षक बनाये जाने के चलते परीक्षा टालनी पड़ी। छात्रों का समय बर्बाद हुआ। इस घटना से छात्रों में काफ़ी रोष है। बीते 21 जनवरी से शुरू हुई उत्तर प्रदेश में 12वीं बोर्ड की प्रयोगात्मक (प्रैक्टिकल) परीक्षा के पहले चरण में आगरा, बस्ती, लखनऊ, झांसी और अयोध्या समेत 39 जिलों में परीक्षा हुई।
शनिवार को एमएलएमएल इंटर कॉलेज में प्रस्तावित जीव विज्ञान की प्रैक्टिकल परीक्षा नहीं हो सकी। वजह इस एग्जाम के लिए यूपी बोर्ड ने प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री डॉ. दयाशंकर मिश्रा दयालु को परीक्षक नियुक्त किया था। वे परीक्षा करवाने आए ही नहीं। नतीजतन, एग्जाम को टालना पड़ा। परीक्षा की तैयारी कर सेंटर पर पहुंचे परीक्षार्थियों को वापस लौटना पड़ा। परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था माध्यमिक शिक्षा बोर्ड व माध्यमिक शिक्षा विभाग के आला हुक्कमरानों की लापरवाही के चलते इस मौसम में छात्रों का कीमती समय खराब हो गया।
कॉलेज के प्रिंसिपल की सफाई
मंत्री के परीक्षा कराने न पहुंचने पर कॉलेज अब सफाई दे रहा है। एमएलएमएल इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल राजेश राव ने बताया कि डॉ. दयाशंकर मिश्रा से से संपर्क न होने के कारण डीएवी इंटर कॉलेज वाराणसी के प्रधानाचार्य ध्रुव कुमार शर्मा से बातचीत की गई है। उन्होंने बताया कि डॉ. दयाशंकर मिश्रा दयालु राज्यमंत्री हैं। काफी समय से अवैतनिक अवकाश पर भी हैं।
अब जिस तरह परीक्षा कराने में जुटे अफसर सफ़ाई दे रहे है, डीएवी कॉलेज, वाराणसी से लेकर अयोध्या के एमएलएमएल इंटर के प्राचार्य बयानबाज़ी कर रहे हैं वह काफी हैरान कर देने वाला है। उनके बयान से लगता है कि उन्हें इस बात की जानकारी ही नहीं है कि दयाशंकर मिश्रा योगी सरकार में राज्यमंत्री बनाए गए हैं। जबकि पदभार ग्रहण किए अब सालभर होने को है।
वहीं, दूसरी तरफ यह प्रकरण परीक्षा आयोजित करवाने वाली संस्था की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है। क्या जिम्मेदार अधिकारियों को इतनी भी जानकारी नहीं होती कि मंत्री को परीक्षक नियुक्त करने में क्या-क्या परेशानियां आ सकती है। क्या मंत्री की व्यस्तता का अंदाजा परीक्षा कराने वाली संस्था को नहीं था। बता दें कि डॉ. दयाशंकर मिश्रा दयालु को जब पिछले साल मार्च में उत्तर प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री बनाया गया, तब वे वाराणसी के डीएवी इंटर कॉलेज में प्रधानाचार्य के पद पर कार्यरत थे।