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योगीराज में इंसानियत हुई शर्मसार, इमरजेंसी के बाहर बुजुर्ग घंटों पड़ा रहा बेबस और लाचार
मुजफ्फरनगर: उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के सभी विभागों में सख्ती के बाद भी मुज़फ्फरनगर के जिला चिकित्सालय से इंसानियत को शर्मसार करने वाली तस्वीर सामने आई है। जहां इमरजेंसी के बाहर दो दिन से बीमार बुजुर्ग नग्न अवस्था में पड़ा रहा। लेकिन इलाज तो दूर किसी ने उसकी तरफ देखा भी नहीं।
जब मीडिया की नजर उस बुजुर्ग पर पड़ी, तो कवरेज देखते ही इमरजेंसी के डॉक्टर हरकत में आए और बाहर निकल कर देखा। तुरंत स्ट्रेचर पर लिटा कर बीमार बुजुर्ग को भर्ती कर प्राथमिक उपचार दिया गया।
यह है पूरा मामला
-दरअसल मामला मुज़फ्फरनगर जिला चिकित्सालय के आपातकालीन कक्ष (एमरजेंसी वार्ड) के बाहर बने वोटिंग रूम का है
-जहां रविवार दोपहर एक लाचार वृद्ध नग्न अवस्था में कई घंटे अपने बुढ़ापे और बीमारी के कारण भीषण गर्मी में तड़पता रहा।
-हैरत की बात ये है कि वोटिंग रूम के बराबर में जहां पुलिस चौकी पर 24 घंटे पुलिसकर्मी मौजूद रहने के बावजूद किसी पुलिसकर्मी ने वृद्ध का हालचाल जानने की जहमत उठाई।
-इमरजेंसी वार्ड में मौजूद डॉक्टर और जिला हॉस्पिटल के किसी कर्मचारी ने बूढ़े व्यक्ति को उपचार दिए जाने की कोशिश की।
-लेकिन मीडियाकर्मियों के वहां पहुंचने के बाद जिला हॉस्पिटल के कर्मचारियों ने आनन-फानन में बुजुर्ग को स्ट्रेचर पर लिटा इमरजेंसी वार्ड में ले गए।
आगे की स्लाइड में जानिए किसने दिया इंसानियत का परिचय
इस पूरे मामले में जहां पुलिस और जिला चिकित्सालय की लापरवाही सामने आई है, वहीं जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी पी एस मिश्रा ने इंसानियत का परिचय देते हुए बीमार बुजुर्ग को उपचार के साथ साथ खाने-पीने की व्यवस्था की है। जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी पी एस मिश्रा ने बताया कि बुजुर्ग की हालत अभी ठीक है।
उम्र ज्यादा होने के कारण दिमागी संतुलन ठीक नहीं है। लगता है कि किसी ने अपने बूढ़े पिता बोझ समझ कर यहां छोड़ दिया है। अभी इस मामले की जांच की जा रही है। साथ ही बुजुर्ग के परिजनों की भी तलाश की जा रही है। अगर कोई डॉक्टर या कर्मचारी की लापरवाही सामने आती है, तो निश्चित रूप से कार्यवाही की जाएगी।