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Ghosi By Election Result: घोसी की हार के बाद क्या मंत्री बन पाएंगे ओमप्रकाश राजभर और दारा सिंह?

Ghosi By Election Result: कयास लग रहे थे कि सपा से नाता तोड़कर भाजपा से जुड़ने वाले सुभासपा चीफ ओमप्रकाश राजभर और सपा छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले दारा सिंह चौहान मंत्री जरूर बनेंगे। लेकिन अब इस करारी हार के बाद क्या ये होगा?

Raj Kumar Singh
Written By Raj Kumar Singh
Published on: 8 Sept 2023 4:15 PM IST
Om Prakash and Dara Singh in Ghosi By Election Result
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Om Prakash and Dara Singh in Ghosi By Election Result (Photo: Social Media)

Ghosi By Election Result: उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा जोरों पर है। लोकसभा चुनाव के पहले सीएम योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल में फेरबदल कर सकते हैं। कयास लगाए जा रहे थे कि इस विस्तार में सपा से नाता तोड़कर भाजपा से जुड़ने वाले सुभासपा चीफ ओमप्रकाश राजभर और सपा छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले दारा सिंह चौहान मंत्री जरूर बनेंगे। लेकिन घोसी उपचुनाव में करारी हार के बाद क्या ये होगा?

ओमप्रकाश राजभर

भारी शोरशराबे के साथ बीजेपी से जुड़ने वाले सुहैलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेता ओमप्रकाश राजभर अपनी पहली ही परीक्षा में असफल रहे हैं। घोसी में बीजेपी को जिताने की जिम्मेदारी उनकी थी। इसके लिए वे जीतोड़ मेहनत भी कर रहे थे। न सिर्फ राजभर वोटों को साधने का जिम्मा उनके पास था बल्कि यादवों के अलावा बाकी ओबीसी वोटों को भी जुटाने का जिम्मा उनके पास था। राजभर ये दंभ भी भरते थे कि उनके पास ओबीसी का एक बड़ा तबका है। लेकिन घोसी चुनाव ने उनकी पोल खोल दी है।

सवाल उठ रहे हैं कि जब राजभर एक सीट नहीं जिता सकते हैं तो प्रदेश भर में उनका क्या असर होगा इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि 2022 के उपचुनाव में ओमप्रकाश राजभर के पुत्र भी चुनाव हार गए थे। ओमप्रकाश राजभर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और देश की राजधानी दिल्ली में जिस तरह की बड़ी बड़ी बातें करते हैं वह हकीकत में नहीं दिखाई देतीं। घोसी इसका उदाहरण है। ऐसे में उनके मंत्री बनने पर फिलहाल सस्पेंस ही है।

दारा सिंह चौहान

दारा सिंह चौहान बुरी तरह पराजित हुए हैं। माना जा रहा है कि वे ओबीसी और दलितों के साथ साथ अपनी जाति के वोटरों को भी एक नहीं रख सके। लगातार दलबदल करने के कारण उनकी छवि एक अविश्वसनीय नेता की बन गई है। जब वह अपनी सीट तक नहीं जीत सके तो प्रदेश में बीजेपी की कितनी मदद कर पाएंगे इस पर सवाल उठने लगे हैं। ऐसे में उनका मंत्री पद फिलहाल खटाई में पड़ता दिखाई दे रहा है।



Shashi kant gautam

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