×

आईआईटीआर के Open Day पर छाई रही 'धु़ु़ंंध', डायरेक्‍टर बोले- लोग हो जाएं सतर्क

aman
By aman
Published on: 8 Nov 2016 1:16 PM GMT
आईआईटीआर के Open Day पर छाई रही धु़ु़ंंध, डायरेक्‍टर बोले- लोग हो जाएं सतर्क
X

लखनऊ: राजधानी स्थित इंडियन इंस्‍टीटयूट ऑफ टॉक्सिकोलॉजी रिसर्च पर 'ओपेन डे' का मंगलवार को आयोजन किया गया। इस दौरान शहर के कई प्रतिष्ठित स्‍कूलों के स्‍टूडेंटस के साथ-साथ बड़े पैमाने पर साइंस स्‍ट्रीम स्‍कॉलर्स और वैज्ञानिकों ने शिरकत की।

इस पूरे कार्यक्रम के दौरान लखनऊ में चारों तरफ फैले स्‍मॉग की चर्चा छाई रही। अाईआईटीआर के डायरेक्‍टर सहित अन्‍य लोगों ने इस बारे में लोगों से सतर्क रहने की अपील की है।

ये भी पढ़ें...मोदी सरकार शिक्षा पर राज्‍यों का तैयार करेगी रिपोर्ट कार्ड, मिलेगी रैंकिंग

पर्टिकुलेट मैटर की दी जानकारी

-आईआईटीआर में मंगलवार को ओपेन डे में स्‍मॉग को लेकर चर्चा छाई रही।

-कार्यक्रम के चीफ गेस्‍ट सीमैप के पूर्व डायरेक्‍टर डॉ. एसपीएस खनूजा ने कहा, कि 'स्‍मॉग से सबको सावधान रहने की जरूरत है।'

-वहीं दूसरी तरफ, कैंप लगाकर आम लोगों और स्‍टूडेंटस को 'पॉल्‍यूशन लेवल' और 'पॉल्‍यूटेंट' की जानकारी दी गई।

-साथी ही इसे कम करने के लिए ज्‍यादा से ज्‍यादा पेड़ लगाने को जागरूक किया गया।

-इन साइंटिफिक उपकरणों में पर्सनल एयर मॉनिटर टूल, न्‍वाइज लेवल मॉनिटर किट फलू गैस एनालाइजर, बेंजीन हैंडी सैंपलर, पार्टिकुलेट मैटर मॉनीटर सहित अन्‍य कई डिवाइस शामिल रहीं।

आगे की स्लाइड में पढ़ें पूरी खबर ...

लखनऊ में पाल्‍यूटेंट मैटर की बढ़ रही है वाल्‍यूम

-आईआईटीआर के डायरेक्‍टर डॉ. आलोक धवन ने बताया कि सिटी के अलग अलग जगह पाल्‍यूटेंटस के लेवल को चेक किया गया है।

- इन्‍होंने बताया कि लखनऊ में पर्टिकुलेट मैटर की पार्टस पर मिलियन में 6 गुना अधिकता हो गई है।

-पर्टि‍कुलेट मैटर पॉल्‍यूशन बढ़ाने वाले पॉल्‍यूटेंट पार्टिकल्‍स को कहते हैं जो हवा में आसानी से मिश्रित हो जाते हैं।

-इंदिरानगर के रिहाइशी इलाकों में इसकी मात्रा 495 माइक्रोग्राम प्रति क्‍यूबिक मीटर मिली और अन्‍य इलाकों में भी 400 से 450 माइक्रोग्राम प्रति क्‍यूबिक मीटर मिली है।

ये भी पढ़ें...IGNOU जल्द शुरू करेगा ‘सैंड आर्ट’ में सर्टिफिकेट कोर्स, जानिए पूरी खबर

प्रदूषण खतरनाक स्तर पर

-इसके अलावा यहां की एयर क्‍वालिटी इंडेक्‍स 450 के आंकड़े को पार कर चुकी है।

-यह एक खतरनाक लेवल है।

-इस हिसाब से लखनऊ के कई रिहाईशी इलाकों की हवा में पाल्‍यूटेंटस का लेवल इतना बढ़ चुका है कि अगर इससे बचाव के उपाय नहीं किए तो उससे रेस्‍पीरेशन रिलेटेड डिसार्डर्स हो सकते हैं।

-उन्होंने इस समस्या का इसका मुख्‍य कारण यातायात और दिवाली में बड़े पैमाने पर क्रैकर्स को एक बड़ी वजह माना है।

स्‍टूडेंटस ने देखे रिसर्च मॉडयूल्‍स

-साइंटिस्‍ट डॉ. केसी खुल्‍बे ने बताया कि आईआईटीआर के रिसर्च वर्क ने आम आदमी के जीवन को काफी हद तक सरल बनाया है।

-ओपेन डे में केंद्रीय विदयालय, जयपुरिया समेत तमाम प्रतिष्ठित स्‍कूलों के स्‍टूडेंटस इन रिसर्च मॉडयूल्‍स से रूबरू हुए।

-रूटूडेंटस ने यहां निर्मित दो घड़ों की मदद से घरेलू पानी शुद्ध करने वाला यंत्र 'अमृत कुंभ' को देखा।

-ग्रामीण इलाकों में दूषित पेयजल से होने वाली बीमारियों को इस यंत्र के सहारे काफी हद तक रोका जा सका है।

-इसके अलावा एक ऐसी किट को भी जांचा, जिससे पीने के पानी में मौजूद बैक्टीरिया के बारे में पता चलता है।

-इसके अलावा अन्‍य रिसर्च मॉडयूल्‍स को भी करीब से देखा और समझा।

aman

aman

Content Writer

अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

Next Story