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Sonbhadra News: फर्जी रिलीज आर्डर प्रकरण, जमकर खेला आनलाइन-आफलाइन रसीद का खेल
Sonbhadra News: सोनभद्र में जिले के सहायक संभागीय परिवहन कार्यालय से जारी होने वाले रिलीज आर्डर को लेकर सामने आए फर्जीवाड़े के बाद, इसको लेकर एक के बाद एक खुलासे जारी हैं।
Sonbhadra News: जिले के सहायक संभागीय परिवहन कार्यालय से जारी होने वाले रिलीज आर्डर को लेकर सामने आए फर्जीवाड़े के बाद, इसको लेकर एक के बाद एक खुलासे जारी हैं। ताजा मामला ओवरलोड में सीज वाहनों को रिलीज करने के नाम पर जमा की जाने वाली राशि की कभी आनलाइन तो कभी आफलाइन रसीद काटे जाने का सामने आया है। आरोप है कि आफलाइन वाली रसीदों के जरिए सोनभद्र में अब तक राजस्व को करोड़ों का चूना लगाया जा चुका है। जब, फर्जी रिलीज आर्डर पर वाहनों को छुड़ाने का खेल सामने आया तो पूर्व में ली गई रकम को अब आनलाइन जमा दिखाकर मामले को मैनेज करने का प्रयास किया जा रहा है।
जब रसीद काटी गई तो पूर्व के बकाए पर जरा भी ध्यान नहीं दिया गया। फर्जी रिलीज आर्डर ले जाने वाले वाहन स्वामियों और चालकों के खिलाफ नामजद एफआईआर न दर्ज कराए जाने को लेकर भी तरह-तरह की चर्चा है। वहीं मसले को लेकर सीएम, डीएम, कमिश्नर, परिवहन आयुक्त सहित अन्य को रजिस्टर्ड डाक से शिकायत भेजी गई है, जिसमें इसके लिए विभागीय अधिकारियों और कर्मियों की भूमिका पर तीखे सवाल उठाए गए हैं।
बगैर रोडटैक्स जमा कराए ही छोड़ दिए गए सीज वाहन
शिकायतकर्ता ने शिकायत के समर्थन में शपथपत्र भी अधिकारियों के यहां भेजा है। बताया है कि यूपी-61 नंबर वाले वाहन का ओवरलोड में दो जून 2021 को चालान किया गया गया लेकिन पांच जून को रोड टैक्स फेल होने के बाद भी कोई पेनाल्टी नहीं लगाई गई। रसीद भी आफलाइन काटकर जमा की गई धनराशि 38800 डकार लिए गए। जब फर्जी रिलीज आर्डर पर वाहनों को छूटने का खुलासा हुआ, तब इस पर पर्दा डालने के लिए 22 जुलाई 2022 में पूर्व में दो जून 2021 को किए गए चालान के परिप्रेक्ष्य में 41300 रूपये की नई रसीद काटी गई।
जबकि उक्त वाहन पांच जून की आफलाइन रसीद पर अवमुक्त किया जा चुका था। इसी तरह 14 जून 2021 को भी उक्त वाहन का ओवरलोड में चालान हुआ था। उस दौरान भी बकाए पड़े रोड टैक्स की कोई गणना नहीं की गई सिर्फ ओवरलोड की पेनाल्टी जमा कराकर वाहन अवमुक्त कर दिया गया। आरोप लगाया गया है कि इसी तरह सैकड़ों वाहन यहां से अवमुक्त किए गए हैं, जिन वाहनों की जानकारी सामने आ जा रही है, उनका नया चालान काटकर धनराशि जमा कर दी जा रही है।
अधिकारियों-कर्मियों पर संलिप्तता का लगाया गया आरोप
भेजी शिकायत में एआटीओ के साथ ही दो पटल सहायकों पर संलिप्तता के आरोप लगाए गए हैं। ओवरलोड में चालान किए गए वाहनों की रसीद कभी आनलाइन तो कभी आफलाइन काटने के पीछे एआरटीओ और संबंधित पटल से जुड़े दो कर्मियों को जहां सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया गया है। वहीं फर्जी रिलीज आर्डर प्रकरण में उनकी भूमिका पर सवाल खड़े करने के साथ ही, मामले में जांच कर कार्रवाई की मांग की गई है। ट्रक मालिक कल्याण समिति के अध्यक्ष धीरज सिंह ने आरोप लगाया है कि कई वाहनों की जमा धनराशि एक साल से अधिक समय तक दबाए रखी गई।
आनलाइन और मैनुअल रिलीज आर्डर दोनों पर अंकित हस्तलेखन में समानताएं बताते हुए भी एआरटीओ और संबंधित पटल सहायकों की भूमिका पर सवाल उठाए गए हैं। वहीं प्रकाश में आए फर्जी आनलाइन रिलीज आर्डर और ओरिजनल रिलीज आर्डर पर हुए हस्तलेखन में समानता का दावा करते हुए, विभागीय लोगों पर मिलीभगत का आरोप लगाया गया है। इस बारे में जानकारी के लिए एआटीओ पीएस राय को काल की गई तो वह व्यस्त मिले।