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Etah News: एटा में परीक्षा केंद्रों के डाटा से हुई छेड़छाड़, ऑनलाइन तरीकें से हुआ वारदात

Etah News: जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय द्वारा एक ओर ऐसे विद्यालयों के सेंटर काट दिए गए जिनमें पिछले कई वर्षों से लगातार सेंटर पढ़ रहे थे। किंतु इस बार सभी सेंटरों विद्यालयों के ऊपर से गलत तरीके से हाईटेंशन तार दिखा उनके सेंटरों को हटा दिया गया।

Sunil Mishra
Published on: 17 Dec 2022 8:19 PM IST
Etah News
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Etah News (Newstrack)

Etah News: एटा जनपद में हाई स्कूल इंटरमीडिएट की परीक्षाओं के नजदीक आते ही सेंटरों के निर्धारण में भारी भ्रष्टाचार के खेल के चलते गलत विद्यालयों का चयन कर सेंटर बना दिए जाने का मामला सामने आया है। जिसमें जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय द्वारा एक ओर ऐसे विद्यालयों के सेंटर काट दिए गए जिनमें पिछले कई वर्षों से लगातार सेंटर पढ़ रहे थे। किंतु इस बार सभी सेंटरों विद्यालयों के ऊपर से गलत तरीके से हाईटेंशन तार दिखा उनके सेंटरों को हटा दिया गया जिसकी खबर छपने तथा शिकायत पर पुनः जांच कराई जा रही हैं ।

आपको बताते चलें जो विद्यालय गत वर्ष परीक्षा केंद्र बनाए गए थे तथा जिनके ऊपर से हाईटेंशन लाइन नहीं गई उन विद्यालयों के ऊपर से हाई टेंशन लाइन के गलत तरीके से दिखाकर आन लाइन डाटा से छेड़छाड़ कर सेंटर हटा देने तथा हाईटेंशन तार निकलने वाले विद्यालय में सेंटर बनाए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है।

एटा जनपद में सेंटरो के निर्धारण में भष्टाचार के बड़े खेल का एक बड़ा खुलासा हुआ है जिसमें कार्यालय द्वारा ऑनलाइन डाटा में छेड़छाड़ कर अल्लाह नूर सहाय इस्लामिया इंटर कॉलेज निधौली कला, सिद्धार्थ इंटर कॉलेज जलेसर बदन सिंह इंटर कॉलेज रेवाड़ी, प्रेमचंद्र शिव धारा देवी इंटर कॉलेज धुमरी, एसबीएस इंटर कॉलेज कंगरौल के ऊपर से हाईटेंशन तार निकाल दिया गया जबकि किसी भी विद्यालय के ऊपर से कोई भी तार नहीं गुजर रहा है और उनके पिछले कई वर्षों से विद्यालयों में सेंटर भी रहे हैं।

जबकि राजाराम सूरजमुखी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय नगला बल्लभ अलीगंज के ऊपर से 11000 की हाईटेंशन लाइन गई हुई है उसको हरी झंडी दे दी गई और उसमें सेंटर निर्धारित हो गया जिसका ढींगरा जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा माध्यमिक शिक्षा परिषद इलाहाबाद पर फोड़ कर अपने को बचाने का प्रयास किया गया।

उन्होंने कहा था कि यह सेंटर इलाहाबाद माध्यमिक शिक्षा परिषद से निर्धारित किए गए थे। आपको बताते चलें की हाई स्कूल, इंटरमीडिएट की बोर्ड परीक्षाओं हेतु निर्धारित किए जाने वाले परीक्षा केंद्रों के संबंध में ऑनलाइन भेजे गए विवरण में हेरा फेरी तथा छेड़छाड़ की आशंका विद्यालय प्रधानाचार्य प्रबंधकों द्वारा संज्ञान में लाई गई है जिसके अंतर्गत जिन विद्यालयों के ऊपर से हाईटेंशन लाइन नहीं गई है उन विद्यालयों का डाटा छेड़छाड़ करते हुए उनके साथ जानबूझकर हाईटेंशन लाइन दिखाते हुए उन विद्यालयों को परीक्षा केंद्र न बनाने के संबंध डिबार श्रेणी में रखा गया है।

जबकि उक्त 20 विद्यालयों में से कई विद्यालय गत वर्षों से लगातार परीक्षा केंद्र बनते चले आ रहे हैं जिनकी सूची संलग्न है सिद्धार्थ इंटर कॉलेज जलेसर के प्रबंधक बी एल कुशवाह ने बताया कि पिछले 10 वर्षों से मेरे विद्यालय में लगातार सेंटर है किंतु गलत तरीके से मेरे विद्यालय के ऊपर से हाईटेंशन तार दिखाकर उसे काट दिया गया, प्रेमचंद्र शिव धारा देवी इंटर कॉलेज धुमरी के प्रबंधक डॉ राजेश कुमार ने बताया मेरे कॉलेज के ऊपर से कोई हाईटेंशन या किसी भी प्रकार का कोई तार नहीं गया है हाईटेंशन तार दिखाकर मेरा सेंटर काट दिया गया था मैंने जेई से रिपोर्ट लगवा कर डीएम को तथा जिला विद्यालय निरीक्षक को दे दी गई है। जिस पर जीआईसी के प्रिंसिपल द्वारा जांच भी की जा चुकी है।

वहीं बदन सिंह इंटर कॉलेज रेवाड़ी के प्रबंधक हरिओम यादव ने बताया कि मेरे विद्यालय के ऊपर तथा पास से कोई भी हाई टेंशन लाइन नहीं गई है मेरा गलत तरीके से सेंटर काटा गया है मेरे द्वारा पुनः प्रत्यावेदन दे दिया गया है तथा मेरे विद्यालय की जीआईसी के जितेन्द्र कुमार द्वारा जांच कर रिपोर्ट भेजी गई है।

इस पूरे घटनाक्रम में लगातार कभी हाईटेंशन तार के नाम पर सेंटर काटे गए और कहीं शासनादेश को ताक पर रखकर शासन की नीति के विरुद्ध हाई स्कूल वा इंटर के परीक्षा केंद्रों का निर्धारण किया गया आखिर इस पूरे खेल के पीछे क्या कारण है? और इसे करने वाले सुरक्षित तथा अपनी सीटों पर क्यों बैठे हैं क्या इनसे ऊपर बैठे अधिकारियों की कोई नैतिक जिम्मेदारी नहीं है?

एक ओर शासन की मंशा है कि किसी भी विद्यालय का सेंटर 5 से 10 किलोमीटर दूरी से अधिक नहीं होना चाहिए किंतु एटा में 25 से 55 किलोमीटर दूरी तक सेंटर कैसे और क्यों निर्धारण कर दिए गए इस सब के पीछे अधिकारियों की क्या मंशा थी या वह सब कुछ बिना जांचे देखे परखे कार्यालय में बैठकर ही करते रहे।

ऐसे गैर जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी अभी भी सुरक्षित है आखिर क्यों?



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Durgesh Sharma

Durgesh Sharma

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