TRENDING TAGS :
UP News: राजभर और दारा सिंह का कद बढ़ा, मिले बड़े विभाग
UP News: विभागों के बटवारे में ओमप्रकाश राजभर को पंचायती राज एवं अल्पसंख्यक कल्याण का जिम्मा सौंपा गया तो दारा सिंह को कारागार विभाग की जिम्मेदारी दी गई है। वहीं रालोद को विभाग बटवारे में महत्वपूर्ण विभाग नहीं मिला।
UP News: UP News: ओम प्रकाश राजभर (Omprakash Rajbhar) और दारा सिंह का इस बार कद बढ़ा है। इस बार विभाग बटवारे में दोनों को बड़े विभाग दिए गए हैं। योगी वन में ओम प्रकाश राजभर और दारा सिंह (Dara Singh Chauhan) दोनों को महत्वहीन विभाग मिला था। इस बार दोनों की वापसी मंत्रिमंडल में देर से तो हुई लेकिन उन्हें इस बार विभाग बड़े मिले हैं। मंगलवार को विभागों के बटवारे में सुभासपा अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर को पंचायती राज (Panchayati Raj) एवं अल्पसंख्यक कल्याण (Minority Department) का जिम्मा सौंपा गया तो वहीं कैबिनेट मंत्री दारा सिंह को कारागार विभाग (Prison Department) की जिम्मेदारी दी गई है। वहीं रालोद को विभाग बटवारे में महत्वपूर्ण विभाग नहीं मिला।
योगी वन में राजभर को विकलांग कल्याण विभाग और दारा सिंह को वन विभाग मिला था। दोनों ही महत्वहीन विभाग थे।
चुनाव से पहले दोनों ने छोड़ दिया था साथ-
2022 के यूपी विधानसभा चुनाव के पहले ओम प्रकाश राजभर एनडीए से अलग हो गए थे और समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) से गठबंधन कर चुनाव लड़े थे। वहीं दारा सिंह मंत्री पद से इस्तीफा देकर सपा में चले गए थे। दारा सिंह 2022 का चुनाव घोसी से ही सपा के टिकट पर लड़े थे और जीत कर विधानसभा पहुंचे थे। लेकिन कुछ दिनों बाद उनका मोह सपा से भंग हो गया और विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर फिर से भाजपा में शामिल हो गए।
उप चुनाव में मिली हार फिर भी बने मंत्री
दारा सिंह के इस्तीफे के बाद घोसी में उप चुनाव हुआ, जिसमें दारा सिंह बीजेपी (BJP0 के टिकट पर चुनाव लड़े लेकिन उन्हें इस बार हार का सामना करना पड़ा। दारा सिंह को सपा के सुधाकर सिंह से पराजय का सामना करना पड़ा। उसके बाद दारा सिंह के राजनीतिक भविष्य को लेकर चर्चाएं जोरों पर थीं, लेकिन भाजपा ने उन्हें विधान परिषद में भेजा और पांच मार्च को योगी टू सरकार के पहले मंत्रिमंडल विस्तार में उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया।
2022 आते-आते अखिलेश के साथ हो गए थे
2022 के यूपी विधानसभा चुनाव से पहले योगी सरकार से अलग होने के बाद ओम प्रकाश राजभर अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की अगुवाई वाली समाजवादी पार्टी के करीब जाने लगे और विधानसभा चुनाव आते-आते राजभर और अखिलेश यादव की पार्टी में गठबंधन हो गया और विधानसभा चुनाव में साथ उतरे। राजभर जिन हवाओं का रुख देखकर अखिलेश के साथ चुनाव मैदान में उतरे थे वह बेअसर रहा। विधानसभा चुनाव में भाजपा ने लगातार दूसरी बार प्रचंड जीत दर्ज की और इस तरह यूपी में फिर से योगी सरकार की वापस हो गई।
योगी सरकार (Yogi Government) की हुई थी दमदार वापसी
2022 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को एक बार फिर हार का सामना करना पड़ा। बीजेपी अपने दम पर 255 सीटें जीत ली, उनके सहयोगी दलों ने भी काफी अच्छा प्रदर्शन किया। विरोधी सुभासपा के खाते में 6 और समाजवादी पार्टी के खाते में 111 सीटें आईं। चुनाव में सपा की करारी हार के बाद राजभर न इधर के हुए न उधर के।
एक साल बाद फिर से बदला मिजाज-
विधानसभा चुनाव के एक साल बाद राजभर का फिर से मिजाज बदल गया और वो धीरे-धीरे बीजेपी के करीब आने लगे। जुलाई 2023 में राजभर ने दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) से मुलाकात की और उसी दिन एनडीए में शामिल होने का ऐलान हो गया।
और इस तरह खत्म हो हो गया चार साल का वनवास
एनडीए में शामिल होने के बाद से ओपी राजभर के योगी कैबिनेट (yogi cabinet expansion) में भी शामिल होने की चर्चा तेज हो गई थी। वहीं कहा जाता था कि योगी आदित्यनाथ राजभर को फिर से कैबिनेट में शामिल करने के इच्छुक नहीं थे। उधर कुछ लोगों का यह भी मानना था कि बीजेपी राजभर को कैबिनेट में शामिल करने के लिए सही समय का इंतजार कर रही है। करीब पांच महीने तक कैबिनेट विस्तार का इंतजार करने के बाद पिछले साल दिसंबर में राजभर एक बार फिर दिल्ली पहुंचे और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (National President JP Nadda) से मुलाकात की। हालांकि, तमाम कयासों के बाद योगी सरकार (Yogi Government)के दूसरे कार्यकाल के पहले मंत्रिमंडल में राजभर को कैबिनेट मंत्री बनाया गया और इस तरह से राजभर अपना चार साल का वनवास खत्म करते हुए मंत्री भी बन गए। आज उन्हें महत्वपूर्ण विभाग भी मिल गया है।