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विधानमंडल का विशेष सत्र: बायकॉट में एकजुटता नहीं रख पाए विपक्षी दल

raghvendra
Published on: 9 July 2023 5:34 PM IST
विधानमंडल का विशेष सत्र: बायकॉट में एकजुटता नहीं रख पाए विपक्षी दल
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लखनऊ: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर आयोजित विधानमंडल के दोनों सदनों के विशेष सत्र का विरोधी दलों की तरफ से किया गया बहिष्कार असफल साबित हुआ। विपक्षी दलों सपा, बसपा व कांग्रेस के दो-दो विधायकों ने पार्टी लाइन से अलग हटकर सदन की कार्यवाही में हिस्सा लिया। इसके चलते विपक्ष की खूब किरकिरी हुई।

उल्लेखनीय है कि सपा, बसपा और कांग्रेस ने विधानमंडल के इस विशेष सत्र का बहिष्कार करने का ऐलान कर रखा था। इन तीनों दलों को उस समय करारा झटका लगा जब इन तीनों दलों के दो-दो विधायकों ने इस विशेष सत्र में शामिल होकर अपनी ही पार्टी के फैसले को चुनौती दे दी है। चर्चा है कि इन छह विधायकों में से कुछ विधायक जल्द ही भाजपा खेमें में नजर आएंगे।

पार्टी की लाइन से अलग हटकर कांग्रेस की विधायक अदिति सिंह जब 36 घंटे के अनवरत सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेने जब बुधवार रात अचानक विधानसभा पहुंचीं तो वहां सदन में मौजूद सदस्यों के आश्चर्य का ठिकाना न रहा। इसी तरह कांग्रेस के राकेश सिंह भी सदन की कार्यवाही में भाग लेने पहुंचे। खास बात यह है कि कांग्रेस के ये दोनों विधायक रायबरेली से हैं। रायबरेली को कांग्रेस का गढ़ माना जाता रहा है। इनके अलावा बसपा के मो.असलम राइनी और अनिल सिंह ने भी सदन की कार्यवाही में हिस्सा लिया।

शिवपाल ने की योगी सरकार की तारीफ

तकनीकी रूप से समाजवादी पार्टी के नितिन अग्रवाल ने भी सदन में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। यह बात अलग है कि उनके पिता नरेश अग्रवाल पहले से ही भाजपा में है। इसलिए कहा जा रहा है कि जल्द ही नितिन अग्रवाल भी भाजपा में शामिल होंगे। सदन की कार्यवाही के दौरान सबसे बड़ा अचरज तो शिवपाल सिंह यादव का सदन में आना रहा। उन्होंने सदन में योगी सरकार के कामकाज की सराहना करते हुए योगी को ईमानदार सीएम बताया। उन्होंने सरकार को बेहतर ढंग से चलाने और पुलिस व्यवस्था सुधारने के लिए कुछ सुझाव भी दिए।

पार्टी का फैसला मुझे मंजूर होगा: अदिति

कांग्रेस की अदिति सिंह ने तो यहां तक कह दिया कि उनकी पार्टी इसे जिस तरह से लेना चाहे ले सकती है, लेकिन उन्होंने अपने क्षेत्र की जनता के विकास और हित को लक्ष्य मानकर विशेष सत्र में शामिल होने का फैसला लिया। जनता की आवाज उठाना मेरा फर्ज है। अदिति सिंह ने कहा कि वह अपने पिता की सोच के मुताबिक राजनीति कर रही है। अब पार्टी जो भी फैसला लेगी, वह उन्हें मंजूर होगा। उन्होंने मोदी सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से धारा-370 व 35ए को हटाए जाने का भी स्वागत किया था।

नितिन ने उठाई सपा पर ही उंगली

हरदोई से सपा के विधायक नितिन अग्रवाल ने विशेष सत्र में शामिल नहीं होने के अपने दल के फैसले पर ही उंगली उठाते हुए इसे जनहित के खिलाफ बताया। उन्होंने कहा कि जब जनता के हितों की बात होती है तो विपक्षी नेता सदन छोडक़र भाग जाते हैं। नितिन ने कहा कि वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में जनता उन्हें सबक सिखा चुकी है और आगे भी सिखाएगी। उन्नाव के पुरवा विधानसभा से बसपा विधायक अनिल सिंह ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बयान पर अपनी मुहर लगाते हुए कहा जिस तरह पुत्र को पिता की जरुरत होती है, वैसे ही भारत को मोदी की जरुरत है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों में राजनीति भोग और पैसा कमाने का जरिया थी। इसके अलावा बसपा के मो.असलम राइनी भी योगी सरकार की कई योजनाओं की सराहना कर बसपा की लाइन से अलग खड़े दिखाई दिए।



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राघवेंद्र प्रसाद मिश्र जो पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद एक छोटे से संस्थान से अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में रायपुर से प्रकाशित दैनिक हरिभूमि व भाष्कर जैसे अखबारों में काम करने का मौका मिला। राघवेंद्र को रिपोर्टिंग व एडिटिंग का 10 साल का अनुभव है। इस दौरान इनकी कई स्टोरी व लेख छोटे बड़े अखबार व पोर्टलों में छपी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई।

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