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आर्डिनेंस फैक्ट्री धमाका: एक और कर्मचारी की मौत से मृतकों की संख्या दो पहुंची
आर्डिनेंस फैक्ट्री (ओएफसी) में मंगलवार को बैरल टेस्टिंग के दौरान नाइट्रोजन सिलेंडर के धमाके में झुलसे एक कर्मचारी की बुधवार को अस्पताल में मौत हो गयी। इस हादसे में अब तक दो लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि छह लोग अभी भी अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहे हैं।
लखनऊ: आर्डिनेंस फैक्ट्री (ओएफसी) में मंगलवार को बैरल टेस्टिंग के दौरान नाइट्रोजन सिलेंडर के धमाके में झुलसे एक कर्मचारी की बुधवार को अस्पताल में मौत हो गयी। इस हादसे में अब तक दो लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि छह लोग अभी भी अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहे हैं।
अर्मापुर इलाके में स्थित देश के रक्षा प्रतिष्ठानों में एक आर्डिनेंस फैक्ट्री (ओएफसी) में आर्मामेंट यूनिट है, जहां पर बैरलों की टेस्टिंग की जाती है। मंगलवार दोपहर यूनिट में लाइट फील्ड गन (एलएफजी) गन के बैरल का परीक्षण किया जा रहा था। टेस्टिंग के लिए आने वाली बैरल की रेंज पांच किलोमीटर तक होती है। तीन महीने से कैरिज में लगे सिलेंडर के रिक्वायल में रिसाव के चलते नाइट्रोजन सिलेंडर पुलबैक कर गया और धमाके के साथ फट गया।
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इस भीषण धमाके में जबलपुर निवासी सहायक इंजीनियर एमएस राजपूत (59) की मौके पर ही मौत हो गई जबकि परीक्षक एमपी महतो, सहायक अभियंता प्रताप सिंह, पंकज श्रीवास्तव, संदीप केलकर, अतुल श्रीवास्तव, श्रमिक रामचंद्र गुप्ता, करुणा शंकर और संविदा कर्मी द्वारिका शाह गंभीर रूप से झुलस गए। इन सभी का इलाज रीजेंसी अस्पताल में किया जा रहा था, जहां इलाज के दौरान परीक्षक एमपी महतो ने दम तोड़ दिया। अभी भी सात कर्मी जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहे हैं। डॉक्टरों के मुताबिक घायलों में प्रताप सिंह की हालत नाजुक बनी हुई है।
ओएफसी के वरिष्ठ महाप्रबंधक मुकुल कुमार गर्ग ने बताया कि एलएफजी की टेस्टिंग के दौरान हुए हादसे में अब तक दो अधिकारियों की मौत हो गई है। अभी भी सात घायल कर्मचारियों का इलाज चल रहा है। घटना के पीछे क्या कारण रहा और किस स्तर पर लापरवाही बरती गई, इसकी जांच की जा रही है। उधर सूत्रों की मानें तो कानपुर आर्डिनेंस फैक्ट्री में हुए धमाके की केंद्र सरकार ने रिपोर्ट तलब की है जिसको लेकर ओएफसी के अफसरों की बैचेनी बढ़ गई है।