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Drone Parachute: गुरुत्वाकर्षण बल लगते ही खुल जाएंगे ड्रोन पैराशूट

Drone Parachute: ड्रोन क्रांति युग के लिए आर्डिनेंस पैराशूट फैक्ट्री ने तैयारी शुरू की।हर छोटे-बड़े ड्रोन को फ्री फॉल से बचाने के लिए पैराशूट बन रहे।

Snigdha Singh
Published on: 24 July 2024 8:40 PM IST
Drone Parachute
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Drone Parachute

Drone Parachute:अगले पांच वर्षों में ड्रोन क्रांति युग की कानपुर की पैराशूट फैक्ट्री ओपीएफ ने तैयारी शुरू कर दी है। होम डिलीवरी, लॉजिस्टिक और मेडिकल के क्षेत्र में इस्तेमाल बढ़ने पर पांच से 12 किलो वजन तक के ड्रोनों के लिए पैराशूट बनने शुरू हो गए हैं। आसमान में जितनी ज्यादा संख्या में ड्रोन मंडराते नजर आएंगे, उनमें उतनी ही तकनीकी खराबी से गिरने का खतरा बढ़ेगा। इन खतरों को रोकने के लिए आयुध पैराशूट फैक्ट्री ने छोटे पैराशूट का निर्माण तेज कर दिया है। ड्रोन के फ्री फॉल होते ही जैसे ही गुरुत्वाकर्षण बल ड्रोन पर लगेगा, तत्काल ही पैराशूट खुल जाएंगे और धीमी गति से ड्रोन की सेफ लैंडिंग हो जाएगी।

ड्रोन पैराशूट के लिए बनाए जा रहे पैराशूट विशेषज्ञ छात्र

ऑर्डिनेंस पैराशूट फैक्ट्री प्रबंधन ने हर साल 60 पैराशूट विशेषज्ञ छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षण देना शुरू किया है। ड्रोन इंडस्ट्री के लिए ओपीएफ अप्रेंटिसशिप में पैराशूट विशेषज्ञ छात्र-छात्राओं को इस विधा में दक्ष कर रही है। स्टूडेंट्स फैक्ट्री में पैराशूट निर्माण में मदद कर रहे हैं। इन्हें यहां हर वह तकनीक सिखाई जा रही है, जिसके कौशल से वह निजी सेक्टर में पैराशूट बनाकर आत्मनिर्भर बन सकते हैं। इन्हें अभी पांच से 12 किलो भार वाले ड्रोन के लिए पैराशूट बनाने की ट्रेनिंग दी जा रही है लेकिन इन्हें फाइटर विमानों के ब्रेक पैराशूट और पायलट ब्रेक पैराशूट बनाने की विधा भी सिखाई जाएगी।


आसमान में मंडराते ड्रोन हादसों को रोकेंगे पैराशूट

ड्रोन युग में जब हर वस्तु को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने के लिए ड्रोन कार्गो सेवा का विस्तार होगा तो शहर भर में सिरों पर ड्रोन मंडराते नजर आएंगे। ऑर्डिनेंस पैराशूट फैक्ट्री के अफसरों के मुताबिक तकनीकी खराबी होने पर बिना पैराशूट वाले ड्रोन फ्री फॉल होकर शहरों में गिरेंगे, जिनसे हादसे होने का खतरा होगा। पांच से 12 किलो तक के ड्रोन पर गुरुत्वाकर्षण बल लगते ही वह तेजी से नीचे गिरेंगे। इससे ड्रोन के परखच्चे तो उड़ेंगे ही, आम जन जीवन पर भी खतरा बढ़ेगा। ऐसे में देश और एशिया की इकलौती ऑर्डिनेंस पैराशूट फैक्ट्री इन खतरों को रोकने के लिए ड्रोन पैराशूट तैयार कर रही है। जैसे ही उड़ रहे ड्रोन के पंखों में खराबी या मोटर में समस्या आएगी तो ड्रोन पर लागू 10 मीटर प्रति सेकेंड का गुरुत्वाकर्षण बल पैराशूट को सक्रिय कर देगा और आसानी से उन्हें उतार लिया जाएगा।


एमसी बालासुब्रमणियम, महाप्रबंधक, ओपीएफ के अनुसार भारत में ड्रोन क्रांति युग की शुरुआत हो चुकी है। अगले पांच वर्षों में ड्रोन हर जरूरत को पूरा करेंगे लेकिन इनमें तकनीकी खराबी होने पर फ्री फॉल की आशंका से खतरा भी होगा। ओपीएफ ने हर श्रेणी के लॉजिस्टिक, डिलीवरी और मेडिकल समेत हर क्षेत्र में इस्तेमाल हो सकने वाले ड्रोन के लिए पैराशूट बनाने शुरू किए हैं।



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Shalini singh

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