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बाराबंकी: ऑक्सीजन प्लांट में लिक्विड खत्म होने से मचा हाहाकार, आफत में पड़े कोरोना मरीज
अभी तक बाराबंकी जिले के अस्तपतालों में आक्सीजन प्लांट न होने से आक्सीजन गैस सिलिंडर नहीं भरे जा पा रहे थे।
बाराबंकी: अभी तक बाराबंकी जिले के अस्तपतालों में आक्सीजन प्लांट न होने से आक्सीजन गैस सिलिंडर नहीं भरे जा पा रहे थे, लेकिन अब लिक्विड ऑक्सीजन न मिलने से जिले के आक्सीजन प्लांट बंद हो गए हैं। बाराबंकी के सारंग ऑक्सीजन प्लांट को प्रति दिन कम से कम 10 टन लिक्विड की जरूरत होती है, मगर नियमित लिक्विड ऑक्सीजन न मिलकर तीसरे-चौधे दिन मिल रही है। ऐसे में /u प्लांट बंद हो गया है। जिसकी वजह से मरीजों को ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही है। इस प्लांट से बाराबंकी जिले के अलावा लखनऊ, सीतापुर, गोंडा, बहराइच, बस्ती, बलरामपुर सहित दूसरे आसपास के कई जिलों में ऑक्सीजन सप्लाई होती है। ऐसे में ऑक्सीजन न मिलने से कोरोना मरीजों की जान आफत में पड़ गई है।
बाराबंकी जिले में लखनऊ-अयोध्या मार्ग के असेनी मोड पर सांरग गैस प्लांट स्थित है। यहां लिक्विड की कमी के चलते कोविड हास्पिटलों के अलावा निजी चिकित्सालयों को आक्सीजन आपूर्ति नहीं हो पा रही। इस प्लांट से बाराबंकी जिले के अलावा लखनऊ, सीतापुर, गोंडा, बहराइच, बस्ती, बलरामपुर सहित दूसरे आसपास के कई जिलों में ऑक्सीजन सप्लाई होती थी और वहां के चिकित्सालयों के सिलिंडर थे भरे जाते थे। लेकिन अब लिक्विड खत्म होने से यह प्लांट ठप हो गा है, जिससे यहां हाहाकार मच गया है।
प्लांट मैनेजर जेपी तिवारी ने बताया कि लिक्विड खत्म हो गया है। जब तक लिक्विड का टैंकर नहीं आएगा तब तक प्लांट से दोबारा ऑक्सीजन की मैन्युफैक्चरिंग शुरू नहीं हो पाएगी। उन्होंने बताया कि उनका एक टैंकर बनारस में है। वह जब यहां पहुंचेगा तो रिफलिंग के बाद ही प्लांट दोबारा शुरू हो पाएगा।
वहीं प्लांट पर ऑक्सीजन लेने पहुंचे मरीजों के परिजनों का कहना है कि पंलांट में गैस खत्म होने के चलते उन्हें ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही है। परिजनों का कहना है कि वह कई घंटों से यहां खड़े हैं, लेकिन गैस नहीं मिलने से उनके मरीजों की हालत बिगड़ती जा रही है।