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Gyanvapi Mosque Survey: सेशन कोर्ट के फैसले पर भड़के ओवैसी, मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा भड़काने का लगाया आरोप
Gyanvapi Mosque Survey: काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में स्थित श्रृंगार गौरी समेत कई स्थानों के सर्वे को लेकर उत्तर प्रदेश की राजनीति गरमाई हुई है।
Varanasi: काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Temple) और ज्ञानवापी मस्जिद परिसर (Gyanvapi Mosque Complex) में स्थित श्रृंगार गौरी समेत कई स्थानों के सर्वे को लेकर उत्तर प्रदेश की राजनीति (Uttar Pradesh politics) गरमाई हुई है। सेशन कोर्ट के आदेश के बाद भारी सुरक्षा बंदोबस्त के बीच शुक्रवार को सर्वे का काम शुरू हुआ है। सर्वे का आज दूसरा दिन है, लेकिन इसे लेकर विवाद चरम पर पहुंच गया है।
ऑल इंडिया मजलिस –ए –इत्तेहादुल मुस्लिमिन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने सर्वे के फैसले को लेकर सेशन कोर्ट पर ही भड़क गए हैं। एआईएमआईएम सांसद ने सेशल कोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट की अवहेलना बताया है।
ओवैसी ने ट्वीट करते हुए कहा कि मस्जिद परिसर के कुछ इलाकों के सर्वक्षण का आदेश 1980 - 1990 के दशक की रथ यात्रा के दौरान हुए खून–खराबे और मुस्लिम विरोधी हिंसा का रास्ता खोल रही है। यह 1991 के पूजा स्थल अधिनियम का खुलेआम उल्लंघन है। उन्होंने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या फैसले के बाद इस अधिनियम का जिक्र करते हुए कहा था कि ये भारत के धर्मनिरपेक्ष विशेषताओं की रक्षा करता है जो कि संविधान की बुनियादी विशेषताओं में से एक है।
ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में स्थानों पर कमीशन कार्रवाई
गौरतलब है कि वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर (Varanasi Civil Judge Senior Division Ravi Kumar Diwakar) की अदालत ने 26 अप्रैल को अपने पुराने आदेश को बरकरार रखते हुए ईद के बाद और 10 मई से पहले काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में स्थित श्रृंगार गौरी मंदिर सहित अन्य स्थानों पर कमीशन की कार्रवाई और वीडियोग्राफी का आदेश दिया था। कमीशन कार्रवाई के लिए अदालत ने अजय कुमार मिश्रा को वकील कमिश्नर नियुक्त किया था।
मुस्लिम पक्ष ने इनपर पक्षपात का आरोप लगाते हुए अदालत से इन्हें हटाने और इनकी जगह स्वयं या किसी सीनियर वकील को वकील कमिश्नर नियुक्त करने की मांग की है। इस मामले में अगली सुनवाई 9 मई को होगी।