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बड़ा खुलासाः कहीं इसलिए तो नहीं हो रही यूपी में ऑक्सीजन की क्राइसिस
प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने कहा है कि यूपी का कोटा काटकर दिल्ली को ऑक्सीजन की सप्लाई की जा रही है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) ऑक्सीजन की कमी (Oxygen Shortage) के गंभीर संकट से गुजर रहा है। अस्पतालों के बाहर और भीतर के हाल बेहद खराब हो चुके हैं। तमाम अस्पतालों में ऑक्सीजन (Oxygen) की कमी से मरीजों की भर्ती बंद हो चुकी है। लेकिन सूबे में ऑक्सीजन की कमी के बारे में यूपी सरकार (UP Government) के प्रवक्ता ने चौंकाने वाला खुलासा किया है।
प्रदेश सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह (Siddharthnath Singh) ने कहा है कि केंद्र सरकार ने सभी राज्यों का ऑक्सीजन कोटा निर्धारित किया हुआ है। उसमें से भी यूपी का कोटा काटकर दिल्ली को ऑक्सीजन की सप्लाई की जा रही है।
दिल्ली को भेजी जा रही यूपी के हिस्से की ऑक्सीजन
मंत्री ने आंकड़े देते हुए कहा है कि उत्तर प्रदेश को गाजियाबाद, मोदीनगर में आईनॉक्स प्लांट से 149 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की सप्लाई होती थी जो अब मात्र 80 मीट्रिक टन हो रही है। इसी तरह रुड़की से 40 मीट्रिक टन को घटाकर 15 मीट्रिक टन कर दिया गया है। पानीपत का पूरा 40 मीट्रिक टन ऑक्सीजन दिल्ली को जा रहा है।
सिद्धार्थनाथ सिंह का दावा है कि दिल्ली को निर्धारित कोटे से 175 मीट्रिक टन ऑक्सीजन अधिक दी जा रही है। कैबिनेट मंत्री आगे कहते हैं कि इस विषमता को लेकर यूपी सरकार न तो रो रही है और न ही कोई आपत्ति कर रही है।
क्या दिल्ली से कम गंभीर है यूपी का संकट?
सवाल ये है कि क्या यूपी का संकट दिल्ली से कम गंभीर है जो दिल्ली को बचाने के लिए यूपी का कोटा काटा जा रहा है। मंत्री निसंदेह दिल्ली सरकार के आरोपों का जवाब दे रहे थे लेकिन सरकार या मंत्री ने अब तक ये साफ नहीं किया है कि यूपी में कितनी ऑक्सीजन आ रही है। यूपी में सामान्य दिनों में कितनी ऑक्सीजन आती थी। कोविड काल में यूपी में कितनी ऑक्सीजन की डिमांड है। और यूपी में ऑक्सीजन सप्लाई का कोटा कटने के बाद इसे पूरा करने के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है।