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Kushinagar: पानी न बरसने से खेत में सूख रही धान की फसल, किसान प्रकृति की मार झेलने को फिर से हुए मजबूर

Kushinagar News: प्रकृति की मार सीधे जनपद के किसान झेल रहे हैं। पानी न बरसने से धान की फसलें सूख रही हैं। किसान मजबूर होकर सरकार के तरफ टकटकी लगाए बैठा है कि सरकार से राहत मिलेगी।

Mohan Suryavanshi
Published on: 27 Aug 2022 9:02 AM GMT
Kushinagar News
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बरसात न होने से सूखा पड़ा धान का खेत (फोटों न्यूज नेटवर्क)

Kushinagar News: प्रकृति की मार सीधे जनपद के किसान झेल रहे हैं। पानी न बरसने से धान की फसलें सूख रही हैं। किसान मजबूर होकर सरकार के तरफ टकटकी लगाए बैठा है कि सरकार से कुछ राहत मिलेगी। भादो के महीने में भी धूल उड़ रहा है। बहुत से ताल पोखरे में भी पानी सूख गई है। इंसानों से लेकर बेजुबानो जवानों के बीच हाहाकार मचा हुआ है।

जनपद में भारी मात्रा में होती धान की खेती

कुशीनगर जनपद दोमट मिट्टी का गढ़ माना जाता है । यह मिट्टी बहुत उपजाऊ होती है । एक तरफ जहां गन्ना बहुतायत बोया जाता है तो धान भी अधिक मात्रा में बोया जाता है। जनपद में नहरों का जाल है लेकिन बहुत से नहरो में टेल तक पानी नहीं पहुंचने से धान की सिंचाई सीमित क्षेत्रों तक रह जाती है । ऐसा कहा जाता है कि धान और पान की खेती के लिए भरपूर पानी चाहिए। इस बार मानसूनी वर्षा बहुत कम हुई है जिससे धान की फसल प्रभावित हो गई है। कुछ इलाकों में नहरे हैं उस इलाकों की धान की फसल बची है।

लेकिन जहां ऊंचा जमीन या पानी का स्रोत वर्षा का जल है वहां की फसलें सूख रही हैं ।बहुत से किसान बोरिंग से पानी खेतों में चला कर फसलों को बचाए हैं ।लेकिन उनकी भी फसल प्रभावित हो गई है । जनपद में सूखे जैसे आसार हो गए हैं। जनपद में सांभा प्रजाति की धान की खेती ज्यादा क्षेत्रफल में होती है । सांभा खाने में बहुत ही स्वादिष्ट है और महीन प्रजाति होने के वजह से लोग यज्ञ भोज में इसका भरपूर प्रयोग करते हैं। इसकी कीमत भी सामान्य है जो सभी को उपलब्ध हो जाती है। मौसम की मार ने सबसे अधिक इसी धान की प्रजाति को प्रभावित किया है ।

3 साल से किसान झेल रहे मार

इस वर्ष को छोड़कर पिछले 3 वर्षों तक जनपद में भारी बारिश हुआ है। जिसके चलते गन्ने की फसल पूरी तरह चौपट हो गई थी किसान बर्बाद हो गया था। किसी तरह हिम्मत जुटाकर किसान नई फसल को तैयार किया है जिसमें गन्ने की फसल तो अच्छी है लेकिन धान, केला की फसलें पानी बरसने से प्रभावित हो गई हैं।

फसल बीमा योजना हवा हवाई

जनपद में किसान फसल बीमा योजना हवा-हवाई है ।फसल बीमा योजना गन्ने पर लागू नहीं है इसलिए गन्ने का कोई लाभ किसान को नहीं मिलता है। जिन फसलों पर फसल बीमा योजना लागू है उन पर जानकारी के अभाव में किसान लाभ नहीं ले पाते हैं । फसल बीमा की कंपनियों की पेचीदे के नियमों के चलते किसान, फसल बीमा भी नहीं कराता है।

Prashant Dixit

Prashant Dixit

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