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Padma Vibhushan 2023: मुलायम को पद्म विभूषण देकर मोदी सरकार ने सबको चौंकाया, आखिर क्या हैं इस कदम के सियासी मायने
Padma Vibhushan 2023: उत्तर प्रदेश की सियासत में भाजपा की धुर विरोधी माने जाने वाली पार्टी के दिग्गज नेता मुलायम सिंह यादव को पद्म विभूषण सम्मान देकर भाजपा ने उनकी विरासत को हासिल करने पर निगाहें लगा रखी हैं।
Padma Vibhushan 2023 Mulayam Singh Yadav: गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर बुधवार को केंद्र की मोदी सरकार की ओर से पद्म सम्मान पाने वाले लोगों के नामों का ऐलान किया गया। इस बार छह पद्म विभूषण,नौ पद्म विभूषण और 91 पद्मश्री सम्मान दिए जाने की घोषणा की गई है। समाजवादी पार्टी की स्थापना के बाद उत्तर प्रदेश में उसे बड़ी ताकत बनाने वाले मुलायम सिंह यादव को पद्म विभूषण सम्मान देकर मोदी सरकार ने सबको चौंका दिया है।
सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव को यह बड़ा सम्मान दिए जाने के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश की सियासत में भाजपा की धुर विरोधी माने जाने वाली पार्टी के दिग्गज नेता मुलायम सिंह यादव को पद्म विभूषण सम्मान देकर भाजपा ने उनकी विरासत को हासिल करने पर निगाहें लगा रखी हैं। भाजपा इन दिनों मिशन 2024 की तैयारियों में जुटी हुई है और मोदी सरकार के इस कदम को मिशन 2024 में भाजपा की रणनीति से जोड़कर भी देखा जा रहा है।
भाजपा के खिलाफ हमेशा लड़ते रहे मुलायम
भाजपा और संघ के खिलाफ बड़ा अभियान चलाकर समाजवादी दिग्गज मुलायम सिंह यादव ने उत्तर प्रदेश में अपनी सियासी जमीन मजबूत बनाई थी। 1990 के दौर में मुलायम सिंह यादव ने सपा की स्थापना करके भाजपा को मजबूत चुनौती दी थी। बाद के दिनों में वे उत्तर प्रदेश की सियासत में सबसे मजबूत धुरी बने रहे। मुलायम के दामन पर अयोध्या में राम भक्तों पर गोली चलाने का दाग भी लगा।
इस कारण एक बड़ा वर्ग उनसे नाराज जरूर हुआ मगर वे मुस्लिम वोट बैंक पर मजबूती से प्रभुत्व स्थापित करने में कामयाब भी हुए। अयोध्या मुद्दे को लेकर भाजपा ने हमेशा मुलायम सिंह पर हमलावर रुख अपनाया मगर अब मोदी सरकार ने सियासी अदावत से ऊपर उठकर मुलायम सिंह यादव को पद्म विभूषण सम्मान देने की घोषणा करके सियासी सूरमाओं को भी चौंका दिया है।
भाजपा की यादव वोट बैंक पर निगाहें
लंबे समय तक प्रदेश की सत्ता से बाहर रहने के बाद 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने मजबूत वापसी करते हुए बड़ा बहुमत हासिल किया था। भाजपा ने सवर्णों के साथ ही ओबीसी वर्ग के मजबूत समर्थन से प्रदेश में बड़ी जीत हासिल की थी। इसके साथ ही पार्टी मायावती के वोट बैंक में भी सेंधमारी करने में कामयाब हुई थी।
इसी का नतीजा था कि 2017 में भाजपा 325 सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब रही। 2022 के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने अपनी ताकत दिखाते हुए उत्तर प्रदेश की सत्ता पर कब्जा बनाए रखा। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भी भाजपा ने उत्तर प्रदेश में बड़ी जीत हासिल करते हुए विपक्ष को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया।
इन बड़ी चुनावी जीतों के बावजूद भाजपा यादव वोट बैंक को अभी तक रिझाने में कामयाब नहीं हो सकी है। 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव को कड़ी चुनौती मिली थी। हाल में हुए मैनपुरी उपचुनाव के दौरान भी यादव वोट बैंक पूरी मजबूती से सपा के साथ खड़ा रहा। ऐसे में मोदी सरकार की ओर से मुलायम सिंह यादव को पद्म विभूषण सम्मान दिए जाने के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।
भाजपा की ओर से मुलायम को सम्मान
पिछले दिनों मुलायम सिंह के निधन के बाद भाजपा उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करने में पीछे नहीं रही। मुलायम के निधन की सूचना मिलते ही गृहमंत्री अमित शाह उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचे थे। इसके साथ ही योगी कैबिनेट भी उन्हें श्रद्धांजलि देने में पीछे नहीं रही। इसके जरिए पार्टी ने यह संदेश देने की कोशिश की कि मुलायम सिंह भाजपा के लिए भी श्रद्धेय रहे हैं। मुलायम सिंह यादव के भतीजे तेज प्रताप यादव की शादी में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इटावा पहुंचे थे।
मिशन 2024 पर निगाहें
2017 में योगी सरकार के शपथग्रहण समारोह में भी पीएम मोदी और मुलायम सिंह यादव की नजदीकी उजागर हुई थी। पीएम मोदी के कान में मुलायम सिंह यादव के कुछ कहने की तस्वीर उस समय जमकर वायरल हुई थी।
लोकसभा में एक बार भाषण के दौरान मुलायम ने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए उनके फिर सत्ता में लौटने की भविष्यवाणी तक कर डाली थी। उनके इस भाषण पर सपा के नेता भी चौक गए थे।
पीएम मोदी भी अपने भाषणों में मुलायम सिंह यादव को काफी सम्मान देते रहे हैं। इन सब कारणों को देखते हुए मोदी सरकार की ओर से उठाए गए इस कदम को बड़ा सियासी दांव माना जा रहा है। इसे भाजपा के मिशन 2024 की रणनीति से जोड़कर भी देखा जा रहा है।