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पाकिस्तानी बच्चे को मिला जीवनदान, परिजनों ने जताया सुषमा स्वराज का आभार
पाकिस्तान से इलाज कराने भारत आए चार महीने के रोहान को डॉक्टर्स ने नया जीवन दान दिया है। पाकिस्तानी परिवार ने इसके लिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज समेत सभी डॉक्टर्स का धन्यवाद किया।
नोएडा: पाकिस्तान से इलाज कराने भारत आए चार महीने के रोहान को डॉक्टर्स ने नया जीवन दान दिया है। पाकिस्तानी परिवार ने इसके लिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज समेत सभी डॉक्टर्स का धन्यवाद किया। रोहान के दिल में छेद था। गंभीर हालत में उसे नोएडा के जेपी हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था। रोहान पाकिस्तान के लाहौर का निवासी है।
नहीं मिल रहा थी वीजा
रोहान के माता-पिता को जेपी हॉस्पिटल में इलाज कराने के लिए वीजा नहीं मिल रहा था, लेकिन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के मानवीय प्रयासों के बाद उन्हें वीजा मिला और जेपी हॉस्पिटल, नोएडा में रोहन का सफल इलाज हो सका। यह सफलता जेपी हॉस्पिटल के शिशु ह्रदय रोग विभाग के निदेशक और वरिष्ठ सर्जन डॉ. राजेश शर्मा और उनकी टीम को मिली।
दिल में छेद के साथ थी बड़ी अनिमितता
डॉ. राजेश शर्मा ने बच्चे की बीमारी के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि रोहान को ह्रदय की अति गंभीर बीमारी थी। उसके दिल में छेद था और ह्रदय की बाईं तरफ रहने वाली अरोटा दाईं तरफ से आ रही थी। पल्मोनरी आर्टरीज बाईं तरफ से आ रही थीं। यह शरीर की सामान्य संरचना से बिल्कुल उल्टी थी। जिसके कारण शरीर में बिना आॅक्सीजन वाला खून प्रवाहित हो रहा था। शरीर नीला पड़ गया था। फेफड़ों का प्रेशर बहुत जल्दी से ऊपर चला जाता था। पहले महीने से ही रोहन की सांसें फूलने लगी थीं। वजन नहीं बढ़ रहा था और बार-बार निमोनिया होने के कारण उसके जीवन को खतरा पैदा हो गया था।
जटिल प्रक्रिया से किया गया इलाज
रोहान का आॅपरेशन करने वाले डॉ. राजेश शर्मा ने बताया कि बीमारी का इलाज काफी जटिल पद्धति से किया गया। जिसमें अरोटा और पल्मोनरी आर्टरीज को उसके स्थान से हटाकर सही स्थान पर जोड़ा गया। इस सर्जरी में करीब 5 घंटे का समय लगा। सर्जरी के बाद बच्चे को कम्पलीट वेंटिलेशन के साथ आईसीयू में शिफ्ट किया गया। इस दौरान उसे डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया। बच्चे को वेंटिलेटर से निकालने के लिए ट्रेकियोस्टोमी की गई। सर्जरी के कुछ दिन बाद ट्रेकियोस्टोमी निकाल दी गई और उसे वार्ड में शिफ्ट किया गया।
क्या कहते है सर्जन
डॉ. राजेश शर्मा के अनुसार, महत्वपूर्ण बात यह है कि इस बीमारी का इलाज जल्द ही करवाना चाहिए। जिससे शिशु के जीवन को बचाया जा सकता है और बच्चा सामान्य शिशु की तरह जीवन जी सके। रोहान 4 महीने पूरे कर चुका था इसलिए इस सर्जरी में 5 से 10% जोखिम था, लेकिन भारत और पाकिस्तान के लोगों की दुआएं रोहन के साथ थीं इसलिए सर्जरी पूरी तरह सफल हुई और रोहन को बीमारी से मुक्ति मिली।
रोहन के परिवार में खुशी की लहर
रोहान के पिता कंवल सादिक ने कहा, हम सब बहुत अधिक खुश हैं। जेपी हॉस्पिटल ने हमारी टूटती उम्मीदों को नया जीवन प्रदान किया है। वास्तव में जब से रोहान की बीमारी के बारे में पता चला था उस समय से ही पूरा परिवार परेशान था। पाकिस्तान में इलाज के लिए ऐसा कोई उच्चस्तरीय स्वास्थ्य संस्थान नहीं था इसलिए हमें भारत आना पड़ा।
मैं इसके लिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का बहुत आभारी हूं कि उनके मानवीय प्रयासों से हमें वीजा मिला और आज मेरे बच्चे की जिंदगी बच पाई। रोहन 12 जून को अपनी हार्ट की सर्जरी कराने जेपी हॉस्पिटल, नोएडा आया था और सर्जरी 14 जून को हुई थी।