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ऐसा गांव जहां केवल एक ही प्रत्याशी होता है पंचायत चुनाव में

सिद्दार्थनगर में एक ऐसी ग्राम पंचायत है, जहां पंचायत और ग्राम प्रधान को आम सहमति से चुन लिया जाता है। छह हजार की आबादी वाले इस गांव में वोटिंग नहीं होती।

Shreedhar Agnihotri
Written By Shreedhar AgnihotriPublished By Shivani
Published on: 10 April 2021 6:39 AM GMT
UP Panchayat Chunav
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फाइल फोटो 

लखनऊ। इसे सामाजिक समरसता और भाई चारा की मिसाल ही कहा जाएगा कि जहां एक तरफ पंचायत चुनाव को लेकर लोग अपने अपने विरोधियों के खिलाफ मैदान में ताल ठोंक रहे हैं, वहीं यूपी के सिद्धार्थनगर जिले में एक ऐसा भी गांव है, जहां पर पंचायत के चुनाव इसलिए नहीं होते क्योंकि यहां आम सहमति से लोग अपने गांव की सरकार को चुन लेते हैं।

सेहरी बुजुर्ग गांव में पंचायत चुनाव में एक ही प्रत्याशी

अपने आप में एकता और सद्भाव की मिसाल बना यह गांव जिले की बांसी विधानसभा का सेहरी बुजुर्ग गांव है। जहां पर ग्राम पंचायत क्षेत्र पंचायत और ग्राम प्रधान को आम सहमति से चुन लिया जाता है। छह हजार की आबादी वाले इस गांव में सभी जाति धर्म के लोग रहते हैं। चाहे वह ब्राम्हण हो, ठाकुर हो, पिछड़ा दलित अथवा मुस्लिम क्यों न हो। पर आपसी सहमति से बिना मतदान के लोगों का चुनाव कर लिया जाता है। जिसके नाम पर सहमति होती है उसके नाम का नामांकन पत्र ले लिया जाता है। पूरे गांव के लोग नामांकन करवाने जाते हैं और बिना चुनाव के ही निर्विरोध यह लोग प्रतिनिधि को चुन लिया जाता हैं।


बिना मतदान के आपसी सहमति से ग्राम प्रधान का चयन

इस गांव का विकास सबके सहयोग से होता है। गांव का प्रत्येक नागरिक खुद को जनप्रतिनिधि मानकर विकास की दिषा में काम करता रहता है। इस गांव का विकास कार्य देखते ही बनता है तालाब नदी पोखर आदि से लेकर अन्य जरूरी व्यवस्थाएं यहां पर हैं। गांव की सभी सड़के और गलियों को पक्का कर दिया गया है। यहां केन्द्र और प्रदेश सरकार की सभी योजनाओं को लाभ गांव के लोगों को मिलता आ रहा है। कभी कोई विवाद भी देखने को नहीं मिलता है। यहां पर सोलर लाइट और पंप के अलावा गांव में प्राथमिक विद्यालय राशन और किराने की दुकाने हैं। इसके अलावा खास बात यह है कि जब से पंचायती राज व्यवस्था के तहत चुनाव होते आए हैं कभी भी कोई विवाद नहीं हुआ।
Shivani

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