TRENDING TAGS :
सैकड़ों शिक्षकों की मौत: लोगों की जान से ज्यादा जरूरी है पंचायत चुनाव, रो रहे कई परिवार
यूपी में पंचायत चुनाव कराए जा रहे हैं। ऐसे में प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ अध्यक्ष ने कड़ी आपत्ति जाहिर की है।
लखनऊ। यूपी में कोरोना के लगातार बढ़ते कहर से हर तरफ हाहाकार मचा हुआ है। ऐसे में पंचायत चुनाव कराए जा रहे हैं। इस पर तमाम लोगों ने कड़ी आपत्ति जाहिर की है कि इतनी बड़ी महामारी फैली हुई है, लोगों को इलाज तक नहीं मिल पा रहा है उसके बाद भी इस संकट की घड़ी में चुनाव क्यों कराए जा रहे हैं। क्या चुनाव जनता की जान से ज्यादा जरूरी हैं।
ऐसे में उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से पंचायत चुनावों में शिक्षकों के संक्रमित होने और उनकी मौतों को लेकर अवगत कराया है।
शिक्षकों के घरों में मातम
शिक्षक संघ के अध्यक्ष ने इस बारे में ट्वीट कर कहा है कि क्या पंचायत चुनाव लोगों की जान से ज्यादा जरूरी है। मा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी मा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी चुनाव duty से लौटे तमाम शिक्षक कोरोना संक्रमित हो गये हैं व सैकड़ों की जान चली गई। मृत शिक्षकों के घर चीख पुकार सुनकर हृदय काँप जा रहा है।
लगातार पंचायत चुनाव में ड्यूटी के दौरान शिक्षकों को हो रही मौतों पर सरकार के इस फैसले पर अपना गुस्सा निकाला है। उन्होंने एक दूसरे ट्वीट में लिखा है कि शिक्षकों को ज़बरदस्ती मौत के मुँह में ढकेला जा रहा है।प्रतिदिन काल के काल में समा रहे हैं हमारे शिक्षक ।रात दिन साथ रहने वाले छोड़कर जा रहे हैं आहत व स्तब्ध हूँ। अब बर्दाश्त से बाहर है।
ऐसे में इस बीच इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कोरोना काल में पंचायत चुनाव कराने के तरीकों को लेकर सख्त टिप्पणी की है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर कर चुनाव रुकवाने की मांग की गई है।
इन सबके बीच यूपी पंचायत चुनाव के दौरान एक ऐसा मामला सामने आया था, जिसने लोगों को हिला के रख दिया। पंचायत चुनाव में तैनात एक शिक्षक की तबीयत बिगड़ने के बाद उसकी मौत हो गई। इसकी जांच रिपोर्ट में मृतक शिक्षक को कोरोना संक्रमित पाया गया है।
सामने आई रिपोर्ट में बताया कि कुछ दिन पहले ड्यूटी करते हुए सुरेशचंद्र की तबीयत बिगड़ गई थी। तभी उन्होंने उस समय चुनाव अधिकारियों से विनती की थी कि उन्हें ड्यूटी से हटाया जाए। लेकिन तब उनकी बात नहीं सुनी गई। फिर बाद में उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। जहां सुरेशचंद्र की मौत हो गई।