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पंचायती राज मंत्री ने दिया 100 दिन के काम का हिसाब, बोले- गांवों को सशक्त बनाने के लिए कर रहे कार्य
उत्तर प्रदेश के पंचायती राज मंत्री भूपेन्द्र सिंह चौधरी (Panchayati Raj Minister Bhupendra Singh Choudhary) ने लोकभवन में अपने विभाग का रिपोर्ट कार्ड पेश किया।
Lucknow: उत्तर प्रदेश के पंचायती राज मंत्री भूपेन्द्र सिंह चौधरी (Panchayati Raj Minister Bhupendra Singh Choudhary) ने लोकभवन में अपने विभाग का रिपोर्ट कार्ड पेश किया। उन्होंने 100 दिनों के कार्यों की जानकारी देते हुए बताया कि 'गांव को एक सक्षम इकाई बनाने के लिए उन्हें सशक्त बनाना होगा, जहां लोग अपने आजीविका (livelihood) को आगे बढ़ा सकें, जहां हमारे सम्मानित जन स्वच्छ, हरित, सुखद मनोरंजन, भाईचारे और समुचित परिवेश में पूर्ण सद्भाव एवं गरिमा के साथ रह सकें। इसी संकल्पना के अनुरुप हम अपनी ग्राम पंचायतों को आदर्श ग्राम के रूप में विकसित करने की ओर अग्रसर हैं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के ग्राम पंचायतों के विकास के विजन एवं क्रियान्वयन के दृष्टिगत ग्राम पंचायत के बुनियादी कार्यों के साथ-साथ ग्रामीण जनों की आवश्यकताओं को ध्यान रखते हुये योजनाबद्ध तरीके से कार्य संचालित किया जा रहा है। सरकार की व्यापक विकासशील सोच के कारण विकास के मानकों को समेकित रूप से लक्षित करते हुये कार्य प्रारम्भ किया गया है। जिसमें गांव के व्यापक विकास के लिए एक नया मॉडल तैयार हुआ। हमने ग्राम पचायतों को पूर्ण विकास की परिधि में सम्मिलित करने के लिये ग्राम पंचायत स्तर पर एक नई व्यवस्था भी तैयार की है।
ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाना है- पंचायती राजमंत्री
पंचायती राजमंत्री ने कहा कि हमारा अंतिम उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों की स्वच्छता, भौतिक संरचना और आय बढ़ाने से सम्बन्धित गतिविधियों को लागू कर ग्रामीण जनों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाना है। उन्होंने बताया कि गांधीजी ने अपने उस दौर में सशक्त, सक्षम एवं स्वच्छ भारत का स्वप्न देखा था। बापू के उस सपने को युगदृष्टा प्रधानमंत्री ने साकार करने का संकल्प लिया और मुख्यमंत्री के नेतृत्व में हमने नियत समय से पूर्व ही प्रदेश को खुले में शौच से मुक्त करते हुये एक पड़ाव प्राप्त कर लिया। हम इस क्षेत्र में यही नही रुके है अब हम सार्वभौमिक स्वच्छता की ओर बढ़ रहे है। मुख्यमंत्री के निर्देशन में अपने विभाग के 100 दिवस के लक्ष्य निर्धारित कर ग्राम के सर्वागीण विकास के लिए कार्य किये हैं।
भूपेंद्र सिंह चौधरी ने निर्धारित लक्ष्य के अनुरुप विभाग के 100 दिवस की उपलब्धियां साझा करते हुए बताया कि चयनित सभी 2.41 लाभार्थियों को धनराशि उपलब्ध कराकर निर्माण कार्य पूर्ण कराया गया है। इज्जत घरों का निर्माण शत-प्रतिशत पूर्ण कर लिया गया है। इसके साथ ही साथ नवसृजित परिवारों में शौचालय निर्माण हेतु ऑनलाइन आवेदन का प्राविधान कर ग्रामीण क्षेत्रों में पात्र परिवारों को सम्मिलित कराने के लिये प्रयास किये जा रहे है।
उन्होंने बताया कि कोई भी शौचालय की सुविधा से वंचित न रहे एवं ओडीएफ की स्थिरता को बनाये रखने के लिये ग्रामीण क्षेत्रों में 1494 सामुदायिक शौचालय काम्पलेक्स का निर्माण कार्य पूर्ण करा लिया गया है। निर्मित सामुदायिक शौचालय की देखरेख एवं संचालन हेतु महिला स्वयं सहायता समूहों के द्वारा कराया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन (ग्रा0) फेज-2 के प्रदेश में क्रियान्वयन हेतु वर्ष 2022-23 की वार्षिक कार्ययोजना तैयार कर पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, जलशक्ति मंत्रालय, भारत सरकार को प्रेषित कर दी गयी है। प्रदेश को ओडीएफ प्लस बनाने की दिशा में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंध किये जाने हेतु लक्षित 10000 ग्रामों में नियोजन, प्रशिक्षण एवं ट्रिगरिंग इत्यादि का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। इस वर्ष ओडीएफ प्लस की मॉडल कैटेगरी के गांव विकसित करने के लिए 4,723 गांवो को चिन्हित किया गया है। चिन्हित गांवों की प्रत्येक जनपद में ग्राम स्तर पर निर्मित कार्ययोजना का प्रस्तुतीकरण राज्य स्तर पर संबंधित अधिकारियों एवं विशेषज्ञों के समक्ष कराया जा रहा है एवं यथा आवश्यक संशोधन कराये जाने का सुझाव दिया जा रहा है।
इन जनपदों में 24 परियोजनाएं पूर्ण
इसके साथ-साथ जनपद बुलन्दशहर में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित किया गया है जहां पर प्रत्येक जनपद के सम्बन्धित अधिकारियों/कर्मचारियों, ग्राम प्रधान, सचिव, पंचायत सहायक, सफाई कर्मी एवं राज मिस्त्रियों का एक्सपोजर विजिट कराकर इनकी क्षमतावर्धन का कार्य कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबन्धन के दृष्टिगत गोबरधन योजना में बायोगैस संयत्रों की स्थापना हेतु टेक्निकल संस्थाओं का एम्पैनलमेन्ट एवं कार्य आवंटन का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। जनपद कानपुर देहात, औरैया, इटावा, मैनपुरी, फिरोजाबाद, आगरा, फर्रूखाबाद, मथुरा, वाराणसी, कन्नौज, मेरठ, जालौन, अयोध्या एवं गोरखपुर जनपदों में 24 परियोजनाओं को पूर्ण कर लिया गया है।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2020 में कोरोना महामारी के उपरान्त बड़ी संख्या में वापस आये प्रवासी श्रमिकों को रोजगार के अवसर प्रदान करने हेतु ''गरीब कल्याण रोजगार योजना'' के अन्तर्गत पंचायत भवन विहीन 24617 ग्राम पंचायतों में वृहद् स्तर पर पंचायत भवन का निर्माण विभिन्न योजनाओं से कराया गया। तद्क्रम में ग्राम पंचायत कार्यालय के रूप में प्रत्येक ग्राम पंचायत में ग्राम सचिवालय की स्थापना की गयी है, जिसमें प्रधान, सचिव, पंचायत, बी.सी.सखी, महिला बीट कान्सटेबल व अन्य पंचायत स्तर के कर्मी ग्रामीणों के विभिन्न कार्यों हेतु उपलब्ध होंगे। ग्राम सचिवालयों में कम्प्यूटर, इण्टरनेट इत्यादि सहित आवश्यक उपकरणों की व्यवस्था भी करायी जा रही है।
उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत सचिवालयों की क्रियाशीलता सुनिश्चित करने एवं जनसामान्य को सचिवालय के माध्यम से सूचना व अभिलेख उपलब्धता के दृष्टिगत प्रदेश की प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक पंचायत सहायक की नियुक्ति की गयी है, जिसके माध्यम से ग्राम सचिवालय क्रियाशील होगा इसलिए पंचायत सहायकों की ग्राम सचिवालय में उपस्थिति हेतु ऑनलाइन अटेण्डेंस सिस्टम विकसित किया गया है, जिससे पंचायत सहायक मोबाइल एप के माध्यम से अपनी उपस्थित दर्ज करायेगा। इसके अतिरिक्त सामुदायिक शौचालय के केयर टेकर एवं सफाई कर्मियों की उपस्थिति भी इस मोबाइल एप के माध्यम से दर्ज की जा रही है।
पंचायती राज मंत्री ने बताया कि ग्राम पंचायतों की बेहतर कार्यप्रणाली के लिये भौगोलिक रूप से एक साथ या निकटता के दृष्टिगत रिमोट सेसिंग एप्लीकेशन सेन्टर (आर.ए.एस.ए.सी.), उ0प्र0, लखनऊ के माध्यम से ग्राम पंचायतें का क्लस्टर तैयार कराया गया है। प्रदेश में ऐसे कुल 15720 क्लस्टर बनाये गये है, जिससे पूर्व में आ रही समस्याएं जैसे-कार्य क्षेत्र आवंटन में असमानता, कार्य सम्पादित करने में प्रशासनिक कठिनाईयां इत्यादि को दूर करते हुए व्यवस्था को पारदर्शी बनाया गया है। प्रत्येक क्लस्टर पर मुख्यालय की स्थापना की गयी है, जो कि पंचायत सचिव के कार्यालय के रूप में स्थापित किया जा रहा है। प्रदेश के समस्त जनपदों में क्लस्टर व्यवस्था लागू की जा चुकी है।
ग्राम पंचायतों की पारदर्शिता के लिये राज्य स्तर पर कॉल सेण्टर की स्थापना
उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों की पारदर्शिता एवं गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिये राज्य स्तर पर कॉल सेण्टर की स्थापना की गयी है, जिसके माध्यम से आम जनमानस, जनप्रतिनिधयों एवं पदाधिकारियों की जिज्ञासाओं, समस्याओं का निराकरण किया जा रहा है। कॉल सेण्टर के माध्यम से पंचायत सहायकों द्वारा ग्राम सचिवालय की क्रियाशीलता की स्थिति, स्वयं सहायता समूह को हस्तान्तरित सामुदायिक शौचालय के खुलने की स्थिति, ग्राम पंचायत सचिवों के क्लस्टर मुख्यालय पर उपस्थिति आदि पर सूचना प्राप्त की जा रही है।
इसके अतिरिक्त 4957 जनप्रतिनिधियों/कर्मियों/अधिकारियों को राज्य स्तर पर मॉडल ग्राम पंचायत, ओडीएफ प्लस गतिविधियों के सम्बन्ध में मॉड्यूल विकसित करने सम्बन्धी वृहद् प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया है। सत्त विकास लक्ष्यों के आधार पर 150 मॉडल ग्राम पंचायतों का चयन कर उनको राज्य ग्राम्य विकास संस्थान में प्रशिक्षित किया जा चुका है। मॉडल ग्राम पंचायतों में सम्मिलित 67 ग्राम पंचायतों को परफारमेन्स ग्रान्ट की धनराशि एवं शेष अन्य ग्राम पंचायतों को ओडीएफ प्लस के अन्तर्गत धनराशि निर्गत की जा चुकी है। इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय ग्रामीय विकास एवं पंचायतीराज संस्थान, हैदराबाद के सहयोग से पाइलेट प्रोजेक्ट अन्तर्गत 44 ग्राम पंचायतों में मॉडल ग्राम पंचायत विकास योजना/वार्षिक कार्ययोजना को तैयार किया गया है।
प्रदेश की समस्त जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत एवं ग्राम पंचायतों की वार्षिक कार्ययोजना का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है। इस प्रकार 100 दिवसों हेतु लक्षित सभी कार्यों को पूर्ण कर लिया गया है। हम आज आप सभी आश्वस्त करते है कि ग्राम पंचायतों का सक्षम, सम्पन्न एवं समेकित विकास की ओर ले जाने के लिये हम अपने मुखिया मा0 मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में सफलतापूर्वक कार्य करेंगे एवं निर्धारित लक्ष्यों का समय से पूर्ण कर ग्रामीण जनों के जीवन स्तर को बेहतर बनायेगें।