प्रयागराज में संवर गई ऐतिहासिक स्थलों और पार्कों की तस्वीर, प्रत्येक पार्क और ऐतिहासिक स्थल का रखा जाता है खास ध्यान

Parks in Prayagraj: आज जब प्रयागराज की जनता यहां के ऐतिहासिक स्थलों और पार्कों का विचरण करती है तो आज की तस्वीर उनके मन को प्रसन्न कर देती है क्योंकि, 2017 में योगी सरकार के आने से पहले यहां के हालात दयनीय थे।

Syed Raza
Report Syed Raza
Published on: 17 Aug 2022 2:21 PM GMT
प्रयागराज में संवर गई ऐतिहासिक स्थलों और पार्कों की तस्वीर, प्रत्येक पार्क और ऐतिहासिक स्थल का रखा जाता है खास ध्यान
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Parks In Prayagraj: संगम नगरी प्रयागराज ऐतिहासिक धरोहर और क्रांतिकारियों के योगदान के लिए प्रसिद्ध है। उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा पार्क चंद्रशेखर आजाद पार्क या कहें कि अल्फ्रेड पार्क जो आज प्रयागराज में स्वच्छता और नवनीकरण को लेकर एक विशेष पहचान बनाए हुए हैं, ये सिर्फ योगी सरकार की कड़ी मेहनत का नतीजा है। जो यहां की ऐतिहासिक धरोहर को संवारने के साथ ही यहां के पार्कों के रख रखाव पर विशेष ध्यान देने की ओर संकल्पित है।

आज जब प्रयागराज की जनता यहां के ऐतिहासिक स्थलों और पार्कों का विचरण करती है तो आज की तस्वीर उनके मन को प्रसन्न कर देती है क्योंकि, 2017 में योगी सरकार के आने से पहले यहां के हालात दयनीय थे। पार्कों में गंदगी का अंबार होता था और ऐतिहासिक धरोहरें धूल फांकती थीं। लेकिन योगी सरकार के इस कदम ने प्रयागराज की तस्वीर ही बदल दी। जिसके लिए आज प्रयागराज की जनता योगी सरकार की कायल हो रही है। पहली बार सूबे में आई योगी सरकार के कार्यकाल के बाद सरकार ने जन सरोकार से जुड़े मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया है। जिसमें ऐतिहासिक स्थल और पार्क भी शामिल है। तो वहीं दूसरी तरफ ऐतिहासिक भारद्वाज पार्क भी अपने विलुप्त हो रहे अस्तित्व को दोबारा वापस लाई है। 2022 में दोबारा आई योगी सरकार ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि, विकास कार्यों की गति धीमी न हो और हर जिले में विकास कार्य तेजी से हो।


प्रयागराज के कंपनी बाग स्थित शहीद चंद्रशेखर आजाद पार्क में अब लोगों की भीड़ पहले से अधिक देखी जाती है। 2017 के बाद चंद्रशेखर आजाद पार्क में हर ओर स्वच्छता यहां की जनता का मन मोह रही है। सूबे में योगी सरकार से पहले जिसकी भी सरकार रही हो उन सभी सरकारों ने इस एतिहासिक पार्क पर लापरवाही ही दिखाई है। कभी भी स्वच्छता का ख्याल नही रखा था, यहां जगह जगह गंदिगी का अंबार भी देखा जाता था। लेकिन अब योगी सरकार के द्वारा किए गए विकास कार्यों की बदौलत इस पार्क की तस्वीर ही बदल गई। अब इस पार्क को बेहद खूबसूरत तरीके से सजाया गया है जगह-जगह लाइटिंग की व्यवस्था की गई है, जबकि सफाई कर्मचारी समय-समय पर सफाई करते हुए भी नजर आते हैं।

चंद्रशखर आजाद जहां शहीद हुए थे उस जगह का भी विशेष ध्यान रखा जाता है लोगों के लिए यह पार्क हर दिन खुला रहता है। स्थानीय जनता का भी यह मानना है कि, योगी सरकार के आने के बाद इस ऐतिहासिक पार्क की तस्वीर बहुत बदली है। बता दें कि, ये वही पार्क है जहां पर शहीद चंद्रशेखर ने खुद को गोली मार ली थी जब वह अंग्रेजी हुकूमत से घिर गए थे। दिन था 27 फरवरी का और साल 1931 जब चंद्र शेखर आजाद अपने एक साथी के साथ अंग्रेजी हुकूमत से के खिलाफ एक रणनीति बना रहे थे। कि तभी, मुखबिर की सूचना के बाद चंद्रशेखर आजाद को अंग्रेजी हुकूमत ने घेर लिया था। चंद्रशेखर आजाद इसी जगह शहीद हुए और तब से इस पार का नाम चंद्रशेखर आजाद पार्क रख दिया था।


भारद्वाज पार्क की भी बदली तस्वीर , स्थानीय जनता ने जाहिर की खुशी

प्रयागराज के बालसन चौराहे के पास ऋषि भारद्वाज की एक भव्य मूर्ति स्थापित की गई है। भारद्वाज पार्क के ठीक बगल इस मूर्ति को कुंभ मेला के दौरान जनवरी 2019 में ऋषि भारद्वाज की 32 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित की गई थी । बालसन चौराहे पर लम्बे समय से ऋषि भारद्वाज के नाम से पार्क बना हुआ था। मूर्ति स्थापित होने की वजह से लम्बे समय से खस्ताहाल पड़े पार्क का भी जीर्णोद्धार हो गया है। पार्क के अंदर तेजी से नवीनीकरण किया गया और इस पार्क में आने वाला हर शख्स सरकार की तारीफ करता नजर आ रहा है। शहीद चंद्रशेखर आजाद पार्क की तरह यह पार्क भी अपनी बदहाली के आंसू बहा रहा था हर जगह गंदगी का अंबार दिखता था। इन ऐतिहासिक पार्कों की बदहाल तस्वीर की सूचना मिलते ही योगी सरकार ने कड़ी कार्रवाई करते हुए तत्काल प्रभाव से पाकुर का नवीनीकरण करने का आदेश दिया।


महर्षि भारद्वाज को प्रयागराज का प्रथम नागरिक कहा जाता है क्योंकि यह भी पुराणों में उल्लेखनीय है कि, उन्होंने ही प्रयागराज नगरी को बसाया था। पुराणों में ये भी उल्लेख है कि वनवास के लिए चित्रकूट जाते वक्त श्री राम और लक्ष्मण ने प्रयागराज में महर्षि भारद्वाज से उनके आश्रम आकर आशीर्वाद लिया था। उनके नाम पर ही यह पार्क स्थापित किया गया था। ऋषि भारद्वाज की मूर्ति स्थापित होने के 2 साल के बाद आम नागरिकों ने 11 ब्राह्मणों के द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के बीच जनेऊ भी धारण कराया था।

योगी सरकार के आने के बाद प्रयागराज की पहचान खूबसूरत एतेहासिक धरोहर और पार्कों से भी होने लगी है। प्रयागराज का हाथी पार्क हो ,खुसरो बाग या फिर सरस्वती घाट हो, यह सभी स्वच्छता की मिसाल पेश कर रहे हैं। स्थानीय लोग सरकार द्वारा किए गए कामों से बेहद खुश नजर आ रहे हैं और उनका कहना है कि, योगी 2.0 में भी विकास की के कार्य में गति में इजाफा ही देखने को मिल रहा है।


Rakesh Mishra

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