×

Baghpat News: बागपत का गन्ना किसान चला फूल की ओर, गन्ना भुगतान में देरी के चलते गन्ने की मिठास पड़ी फ़ीकी

Baghpat News: पश्चिम उत्तर प्रदेश के किसानों ने गन्ने की खेती छोड़कर अब फूलों की खेती की तरफ रुख कर लिया है। क्योंकि फूल की फसल का दाम हाथों-हाथ मिलता है।

Paras Jain
Report Paras JainPublished By Shashi kant gautam
Published on: 8 Jan 2022 8:29 PM IST
Baghpat News: बागपत का गन्ना किसान चला फूल की ओर, गन्ना भुगतान में देरी के चलते गन्ने की मिठास पड़ी फ़ीकी
X

Baghpat News: पश्चिम उत्तर प्रदेश (West Uttar Pradesh) को शुगर बाउल इसलिए बोला जाता है क्योंकि यहां का किसान गन्ने की फसल (sugarcane crop) बहुतायत में बोता है । इसी कारण पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति में भी गन्ना मुख्य भूमिका में होता है । लेकिन शुगर बाउल के किसानों का मिज़ाज़ अब बदलने लगा है । गन्ने की मिठास फीकी होती जा रही है इसीलिए इस गन्ना बेल्ट के किसान अब गन्ना छोड़कर फूल की खेती (flower farming) करने लगे है।

बागपत में खास कर छोटे किसानों का गन्ने से मोहभंग होता जा रहा है और छोटा किसान अब गन्ने से इतर अन्य फसलों को भी बोने लगे हैं। बागपत के अधिकांश छोटे किसानों ने गन्ने की फसल को बाय-बाय बोल कर फूलों की खेती की तरफ रुख कर लिया है । बागपत के दर्जनों गांव के छोटे किसानों ने अब फूलों की खेती करनी शुरू कर दी है।

दर्जनों गांव के किसान फूलों की खेती करने लगे हैं

बागपत के ऐसे ही दर्जनों गांव है जैसे बरनावा, संतनगर, बाणगंगा, मविकला, मवीखुर्द, पुरा महादेव, बुढ़सैनी, कमाला, चंदायन सहित दर्जनों गांव में फूलों की खेती की जाने लगी है । गन्ने की फसल को छोड़ कर फूलों की खेती करने वाले ज्यादातर किसानों का कहना है कि गन्ने की खेती में लागत ज्यादा आती है और किसान को गन्ना भुगतान के लिए सालों इंतज़ार करना पड़ता है जबकि छोटे किसान को अपना परिवार चलाने के लिए पैसे की जरूरत होती है । इसलिए छोटे किसानों ने गन्ना छोड़ कर फूलों की खेती की ओर रुख कर लिया है।

फूल की फसल का दाम हाथों-हाथ मिलता है

फुल उत्पादक किसानों का कहना है कि फूल की फसल का दाम हाथों-हाथ मिलता है जिस कारण छोटे किसान अब फूलों की खेती की तरफ आकर्षित होने लगे हैं।इसी के साथ साथ किसानों की ये भी मांग है कि अगर सरकार बागपत जिले में ही फूलों की मंडी की स्थापना करा दे तो फूल उगाने वाले किसानों को बहुत सुविधा हो जाएगी । क्योंकि यहां के किसानों को अपनी फूलों की फसल को लेकर दिल्ली और हरियाणा नही जाना पड़ेगा और फूलों की खेती का क्षेत्रफल भी बढ़ेगा । फिलहाल यहां के किसान जो फूलों की खेती कर रहे है वो गाजीपुर मंडी में अपना फूल बेचते है । बहराल छोटे किसान गन्ने की खेती को छोड़ कर फूलों की खेती कर के गन्ने से ज्यादा फायदा कमा रहे है, और खुश नजर आ रहे है ।

taja khabar aaj ki uttar pradesh 2022, ताजा खबर आज की उत्तर प्रदेश 2022

Shashi kant gautam

Shashi kant gautam

Next Story