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Russia-Ukraine Conflict: यूक्रेन में फंसे बिजनौर के दर्जनों छात्र, परिजनों की मांग- केंद्र सरकार सुरक्षित वापस लाए हमारे बच्चों को
जिले के नजीबाबाद (Najibabad) के रहने वाले एक दर्जन से ज्यादा छात्र यूक्रेन में फंसे हैं। अब इनके परिजनों ने सरकार से स्पेशल विमान भेजकर उनके बच्चों को वापस बुलाने की गुहार मीडिया के माध्यम से लगाई है।
Russia-Ukraine Conflict : रूस और यूक्रेन युद्ध (russia ukraine war) का असर अब उत्तर प्रदेश के बिजनौर (Bijnor) में भी दिखने लगा है। जिले के दर्जनों छात्र यूक्रेन (Ukraine) में एमबीएबीएस (MBBS) की पढ़ाई करने गए थे। जिले के नजीबाबाद (Najibabad) के रहने वाले एक दर्जन से ज्यादा छात्र यूक्रेन में फंसे हैं। अब इनके परिजनों ने सरकार से स्पेशल विमान भेजकर उनके बच्चों को वापस बुलाने की गुहार मीडिया के माध्यम से लगाई है।
दरअसल, रूस द्वारा यूक्रेन पर किए गए हमले से बिजनौर के दर्जनभर से ज्यादा छात्र वॉर जोन में फंस गए हैं। बता दें, कि बिजनौर जिले के दर्जनों छात्र यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई करने गए थे। ये सभी छात्र यूक्रेन के 'इवानो' और 'क्यों' शहर में फंसे हैं। इनमें नजीबाबाद इलाके के एक दर्जन से ज्यादा छात्र हैं। दोनों देशों में युद्ध शुरू होने के बाद ये वहीं फंसे हैं। देश में अब इनके माता-पिता और परिजन परेशान नजर आ रहे हैं। परिजनों ने भारत सरकार से गुहार लगाई है, कि सरकार विशेष विमान भेजकर उनके बच्चों को सुरक्षित वापस लाए।
एयरपोर्ट बंद होने से बढ़ा संकट
नजीबाबाद की रहने वाली छात्रा सारिबा जिया की मां आबिदा ने बताया, कि यूक्रेन की राजधानी कीव के एयरपोर्ट से फ्लाइट पकड़ने के लिए उनके बच्चे तथा अन्य गए थे लेकिन, युद्ध के खतरे को देखते हुए अचानक एयरपोर्ट बंद कर दिया गया। जिसके बाद से सभी भारतीय छात्र वहां फंसे हैं। भारतीय दूतावास के पास कुछ छात्रों ने शरण ली हुई है। ये फोन पर परिजनों से अपनी हालत बयां कर रहे हैं। परिवार वाले अब इनके सुरक्षित वतन वापसी की दुआएं मांग रहे हैं।
आखिरी वक़्त में विमान रद्द, अटके
वहीं, गुलशमा रेलवे कॉलोनी नजीबाबाद के रहने वाले डॉ. मशरूर पुत्र अब्दुल सलाम बताते हैं, कि वहां के हालात दिनों दिन खराब होते जा रहे हैं। उनके बच्चे ने भी युद्ध के हालात देखकर यूक्रेन छोड़ने का फैसला लिया था। लेकिन, आखिरी समय में फ्लाइट कैंसिल हो गई। जिससे सभी कीव सहित अन्य शहरों में ही फंसे हैं। अब इनके परिवार वालों को चिंता सता रही है।
कई परिवार सुरक्षित
इसी तरह, आसिद नेगी पुत्र केदार सिंह नेगी का, शिवानी और असद का एमबीबीएस में पहला साल है। डॉक्टर मशरुर करीब 6 साल से यूक्रेन में रहकर बच्चों को एमबीबीएस की पढ़ाई करवा रहे हैं। उनके भाई ने बताया, कि जिले के कई बच्चे यूक्रेन में पढ़ाई कर रहे हैं। उनके भाई और भांजी भी वहीं हैं। फिलहाल वो सभी सुरक्षित हैं। उन्होंने बताया, फंसे छात्र परिजनों द्वारा वीडियो कॉल के माध्यम से बाहर निकलने की मांग कर रहे हैं।
एटीएम में पैसे तक खत्म, हालात ख़राब
बता दें, कि यूक्रेन में जंग की वजह से इमरजेंसी लगा दी गई है। वहां के एटीएम में पैसे खत्म हो गए हैं। एयरपोर्ट बंद कर दिए गए हैं। सड़कों पर टैक्सी आदि कुछ नहीं मिल रहा। इन वजहों से वहां फंसे छात्र काफी परेशान हैं। वह सरकार से मांग कर रहे हैं कि यूक्रेन में फंसे लोगों जल्द भारत सरकार विमान भेजकर सुरक्षित निकाले।