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Bulandshahar News: बुलंदशहर से गाजीपुर बार्डर की ओर रवाना हुआ ट्रैक्टर रथ
बुलंदशहर में किसानों ने आज ट्रैक्टर रैली निकाला है, जिसमें सैकड़ों की संख्या में बाइक व ट्रैक्टर शामिल थें।
Bulandshahar News: पिछले 8 महीने से कृषि संशोधन विधेयक वापस लेने की मांग को लेकर किसानों का संघर्ष रुकने का नाम नहीं ले रहा है। आज बुलंदशहर से AC, पंखों से सुसज्जित ट्रैक्टरों में सवार होकर किसानों का जत्था कृषि कानून रद्द करने की मांग को लेकर गाज़ीपुर बार्डर की ओर रवाना हुआ। किसानों की भीड़ व ट्रैक्टरों से काला आम चौराहे पर जाम लगने से पुलिस को रुट डाइवर्ट करना पड़ा।
न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बनाने आदि की मांगों को लेकर किसान संगठनो का यूपी बॉर्डर पर आंदोलन जारी है। आज बुलंदशहर से भाकियू नेता गुड्डू प्रधान के नेतृत्व में सैकड़ो किसान बुलंदशहर के मलका पार्क में एकत्र हुए, जहां किसान अपने-अपने ट्रैक्टरों व बाइको पर सवार होकर पहुँचे, भाकियू कार्यकर्ताओ ने हाथों में भाकियू का झंडा ले कृषि संशोधन बिल को वापस लेने की मांग कर नारेबाजी की।
बुलंदशहर में किसानों ने बाइक व ट्रैक्टर रैली निकाल काला आम चौराहे पर प्रदर्शन किया
किसानों ने बाइक व ट्रैक्टरों में बैठ कर एक साथ बुलंदशहर में रैली भी निकाली। किसानों की भीड़ को देख अधिकारियों के हाथ पांव भूल गए ,आनन-फानन में काले आम चौराहे पर भारी पुलिस बल को तैनात किया गया। सीओ संसार सिंह ने किसानों से सहयोग की अपील की किसान नेता गुड्डू प्रधान ने किसानों की मांगें पूरी नही होने तक आंदोलन जारी रखने की बात कही, साथ ही दावा किया कि दिल्ली के साथ लखनऊ भी खेलेंगे योगी सरकार को जो करना है कर ले, किसान डरने वाले नहीं है।
किसानों के वाहनों से लगा जाम
यूपी के गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलनरत किसानों के आंदोलन में शिरकत करने के लिए बुलंदशहर से रवाना हुए किसानों के वाहनों व किसानों की भीड़ से कला आम चौराहा बुलंदशहर रोड मार्ग पर जाम लग गया जिसके चलते पुलिस को रूट डायवर्ट करना पड़ा। रूट डायवर्शन के बाद वाहन चालकों को जाम से निजात मिल सकी।
एसी, कूलर पंखे से सुसज्जित थे किसान रथ
बुलंदशहर से यूपी के गाजीपुर बॉर्डर रवाना हुए किसानों के रथ (ट्रेक्टर)एसी ,कूलर ,पंखे आदि से सुसज्जित थे। बाकायदा डीसी लाइट के साथ सिस्टम लगाए गए थे। यूं तो खेत, खलिहान, बॉर्डर, बारिश ओला हर मौसम में काम करने वाले होते है, लेकिन भौतिक संसाधन व सुविधाएं तो किसानों को भी चाहिए, शायद इसीलिये किसानो ने अपने रथ कहे जाने वाले ट्रैक्टरो को भौतिक संसाधन युक्त बनाये हैं।