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Bulandsahar Crime News: छात्र की गला दबाकर हत्या मामले में आरोपी को उम्रकैद, 10 हजार अर्थदंड
Bulandsahar Crime News : रोहित को निखिल की हत्या का दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास व 10,000 के अर्थदंड की सजा
Bulandsahar Crime News: एडीज फास्ट ट्रैक कोर्ट 1 की न्यायधीश दीपिका तिवारी ने छात्र की गला दबाकर हत्या कर शव छुपाने के दोषी हत्यारे छात्र को आजीवन कारावास और 10 हज़ार रुपये अर्थदण्ड की सजा मुकर्रर की है। ये घटना 10 मई 2017 की है, जब निखिल को उसके साथ ही ने घर बुलाकर हत्या कर दी थी।
ये था पूरा मामला
एडीज फास्ट ट्रैक कोर्ट 1 के एडीजीसी क्राइम ध्रुव कुमार वर्मा ने बताया कि गेसूपुर निवासी निखिल गांव के ही रोहित एक ही स्कूल में पढ़ते थे। 11 मई 2017 को निखिल के पिता पुष्पेंद्र ने सिकंदराबाद कोतवाली में दर्ज कराई रिपोर्ट में कहा कि 10 मई 2017 को उसके बेटे निखिल को उसके ही स्कूल में पढ़ने वाला गांव का ही युवक रोहित घर से बुलाकर ले गया था,लेकिन वह जब देर शाम तक नहीं लौटा तो निखिल की तलाश शुरू की, जब निखिल नहीं मिला तो रात को रोहित व उसके पिता को एक खेत से निकलते देखा, लोगों ने रोहित के पिता को पकड़ लिया, जबकी रोहित फरार हो गया। पता चला कि रोहित ने निखिल की गला दबाकर हत्या कर राजू के शव को खेत में छुपा दिया था।
निखिल के पिता पुष्पेंद्र ने बेटे की हत्या के आरोप में उसी के स्कूल में पढ़ने वाले छात्र रोहित व उसके पिता बिशम्बर के खिलाफ हत्या कर शव छुपाने के आरोप में धारा 302 , 201 आईपीसी के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने पिता-पुत्र के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया था। दोनों पक्षों की जिरह, प्रस्तुत साक्ष्यों व गवाहों के बयानों के आधार पर एडीज फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम की न्यायमूर्ति दीपिका तिवारी ने छात्र रोहित को छात्र निखिल की हत्या का दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास व ₹10000 के अर्थदंड की सजा सुनाई है, जबकि रोहित के पिता को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया।
गलत हरकतों के विरोध पर की हत्या
एडीज फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम के एडीजीसी क्राइम ध्रुव कुमार वर्मा व मृतक छात्र निखिल के पिता पुष्पेंद्र ने बताया कि स्कूल में रोहित गलत हरकतें करता था, जिनका निखिल विरोध करता था। गलत हरकतों की विरोध के कारण ही निखिल से रोहित रंजिश मानने लगा था और 10 मई 2017 को निखिल की गला दबाकर हत्या कर दी थी
कठोर सजा से बचाने को नाबालिग होने का किया था दावा
एडीज फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम के एडीजीसी क्राइम ध्रुव कुमार वर्मा ने बताया कि हत्यारोपी रोहित की कठोर सजा से बचाने के लिए नाबालिक होने का दावा पेश किया गया था, मगर रोहित बालिग निकला। न्यायालय ने रोहित को बालिग मानते हुए आज सजा मुकर्रर कर दी।