TRENDING TAGS :
Bulandshahr: जेल में बर्थडे पार्टी की धूम, सब बोले हैप्पी बर्थडे टू यू, फिर कटा केक जो सबमें बटा
बुलंदशहर की जेल में महिला बंदी की मासूम बेटी का जन्मदिन धूमधाम से मनाया गया, बाकायदा ढोलक बजाकर महिला बंदियों ने गीत गाये, जेलर मिजाजी लाल ने बर्थडे केक कटवाया।
Bulandshahr News : बुलंदशहर के जिला कारागार के जेलर मिजाजी लाल के मिजाज दूसरों से बिलकुल अलग है, आये दिन कुछ न कुछ ऐसा कार्य करते रहते हैं जिससे जेल में बंदियों का मनोरंजन होता रहे या फिर जेल के बंदियों की प्रतिभाओं को उजागर किया जा सके। ताजा मामला बुलंदशहर के जिला कारागार में एक महिला बंदी की मासूम बेटी की बर्थडे पार्टी का है, जिला कारागार में महिला बंदी की बेटी की बर्थडे पार्टी मनायी गयी और सभी ने कहा हैप्पी बर्थडे टू यू।
बुलंदशहर की जेल में महिला बंदी की मासूम बेटी का जन्मदिन धूमधाम से मनाया गया, बाकायदा ढोलक बजाकर महिला बंदियों ने गीत गाये, जेलर मिजाजी लाल ने बर्थडे केक कटवाया।
जेल के अंदर बर्थडे पार्टी
दरअसल बुलंदशहर की जिला कारागार में बंदी मां के साथ मासूम बच्ची तनु भी रहने को मजबूर है। बच्ची की माँ के अलावा कोई परवरिश नहीं कर पा रहा। जिला कारागार के अधीक्षक मिजाजीलाल ने बताया कि जब बच्चे के जन्मदिन की जानकारी मिली तो जेल कर्मी बच्ची के जन्मदिन की तैयारियों में जुट गए जेल परिसर में बाकायदा महिला बंदियों ने जन्मदिन के ढोलक बजाकर गीत गए बधाइयां दीं। यही नहीं जेल के अंदर केक मंगाया गया और बर्थडे पार्टी मनायी गयी।
जेल अधीक्षक मिजाजी लाल ने जेल में केक मंगवाया बच्ची को बंदी मां ने गोद में लेकर केक कटवाया। इस दौरान जेल अधीक्षक समेत अन्य जेल अधिकारियों व महिला बंदियों ने बच्ची और उसकी मां को जन्मदिन की बधाई दी।
बच्चे को जन्मदिन पर जेल अधिकारियों ने उपहार भी दिए। जेल अधीक्षक ने बताया कि छोटी उम्र के बच्चे जेल में बंद अपनी मां के साथ रह सकते है। ऐसे में जेल प्रशासन का प्रयास है कि इन बच्चों के चेहरे पर मुस्कान बनी रहे। बच्चे अवसाद से बचे रहें।
अवसाद से बचने को जेल में मासूमो की हुआ करेगी बर्थडे पार्टी
बुलंदशहर जेल के जेल अधीक्षक मिजाजी लाल ने बताया कि जेल में अधीनस्थों को महिला बंदियों के साथ परिस्थितिवश रह रहे अन्य बच्चों का जन्मदिन होने पर जेल में बर्थडे पार्टी मनाने के निर्देश दिए हैं बाकायदा पारंपरिक तरीके से बर्थडे मनाने को कहा गया है ताकि बच्चों को अवसाद से दूर रखा जा सके और मासूम बच्चों के चेहरों पर मुस्कान बनी रहे।