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Bulandshahr : मिट्टी माफिया पर छापे से मचा हड़कंप, 15 पर लगाया जुर्माना, JCB जब्त
Bulandshahr : ताजा मामला बुलंदशहर तहसील सदर क्षेत्र का है, जहां मिट्टी माफिया अवैध तरीके से अवैध मिट्टी खनन कर प्रकृति से छेड़छाड़ करने में जुटे थे।
Bulandshahr : पर्यावरण संरक्षण के लिए सरकार भले ही लाख प्रयास कर रही हो, मगर पर्यावरण के दुश्मन जमीन का सीना चीरने में तनिक भी गुरेज नहीं कर रहे। ताजा मामला बुलंदशहर तहसील सदर क्षेत्र का है, जहां मिट्टी माफिया अवैध तरीके से अवैध मिट्टी खनन कर प्रकृति से छेड़छाड़ करने में जुटे थे, मामले की जानकारी पाकर प्रशासन ने छापामार कार्यवाही की और एक जेसीबी को कब्जे में ले लिया, प्रशासन ने 15 लोगों के खिलाफ लगभग पांच लाख 63 हजार का अर्थदंड आरोपित किया है। जिससे मिट्टी माफियाओं में हड़कंप है।
जिलाधिकारी सीपी सिंह ने बताया कि सदर तहसील क्षेत्र के गुलावठी व कोतवाली देहात क्षेत्र में अवैध मिट्टी खनन की सूचना मिली, जिस पर राजस्व विभाग एवं खनन अधिकारी की टीम बनाकर छापामार कार्रवाई कराई गई है।
छापामार कार्रवाई के दौरान कोतवाली देहात थाना क्षेत्र के गिनोरा शेख में जेसीबी से खुदाई करती हुई एक जेसीबी मशीन को छापामार दल ने कब्जे में ले लिया। जबकि गुलावठी कोतवाली क्षेत्र के अकबरपुर झोझा गांव में अवैध खनन किए जाने के प्रमाण मिलने पर खेत मालिकों के खिलाफ कार्यवाही की गई है।
एडीएम फाइनेन्स ने बताया कि राजस्व विभाग व खनन अधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर 15 लोगों के खिलाफ कार्यवाही की गई है, जिसमें आरोपितों पर अवैध मिट्टी खनन करने के आरोप में ₹जुर्माना किया गया है। राजस्व विभाग खनन अधिकारी को छापे के दौरान मौके पर खनन संबंधी दस्तावेज भू स्वामियों द्वारा नहीं पेश किए गए।
छापे से मिट्टी माफियाओं में हड़कंप
अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व ने बताया कि मौके पर छापा मारने गई राजस्व विभाग व खनन अधिकारी की टीम पहुंची तो गुलावठी में खनन माफिया मौके पर नहीं मिले जबकि कोतवाली देहात क्षेत्र में जेसीबी को कब्जे में ले लिया गया। सूत्र बताते हैं कि छापामार कार्यवाही से खनन माफियाओं में हड़कंप मच गया और खनन माफिया फरार हो गए हालांकि मिट्टी खनन का काला कारोबार रात के अंधेरे में करते है।
रात के अंधेरे में होता था मिट्टी का काला कारोबार
मिट्टी माफियाओं के खिलाफ जिला प्रशासन की छापामार कार्यवाही से मिट्टी माफियाओं में हड़कंप मचा है। सूत्र बताते हैं कि रात के अंधेरे में होने वाले काले धंधे को रात के मुसाफिर या रात के पहरेदार बखूबी जानते हैं, मगर बड़ा सवाल यह है कि आखिर वो कैसी पहरेदारी कर रहे थे, क्या सो गया था मुखबिर तंत्र।