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बुलंदशहर: 604 बहनों ने बांधी जेल में बंदी भाइयों को राखी, मांगा रक्षा का वचन

बुलंदशहर जेल पहुंची 604 बहनों ने कोविड-19 नियमों के पालन के साथ जेल में बंद अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर जहां रक्षा का वचन लिया। वहीं, भाइयों की सलामती की दुआएं भी की।

Sandeep Tayal
Report Sandeep TayalPublished By Deepak Kumar
Published on: 23 Aug 2021 12:04 AM IST (Updated on: 23 Aug 2021 6:10 AM IST)
604 sisters tied rakhi to the prisoner brother in Bulandshahr jail
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बुलंदशहर जेल में कैदी भाइयों को बहनों ने राखी बांधते।

Bulandshahr News: बुलंदशहर की जिला कारागार में बहन -भाई के पवित्र पर्व "रक्षाबंधन " पारंपरिक तरीके से मनाया गया। जिला जेल पहुंची 604 बहनों ने कोविड-19 नियमों के पालन के साथ जेल में बंद अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर जहां रक्षा का वचन लिया। वहीं, भाइयों की सलामती की दुआएं भी की। रक्षा बंधन पर्व पर आज जिला कारागार के मुख्य द्वार पर प्रातः काल से ही राखी बंधने पहुंची बहनों की भीड लगनी शुरू हो गई। कारागार में अन्दर कोविड 19 नियमो के पालन के साथ बहनो को उनके बंदी भइयो से मिलवाया गया। बाकायदा बहनो ने अपने बंदी भाईयो की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधा और मिठाई भी खिलाई।


604 बहनों ने बंदी भइयों को बांधी राखी

बुलंदशहर जेल अधीक्षक मिजाजी लाल ने बताया कि बहन-भाइयों के इस पर्व के लिए जेल परिसर में जाली घर का निर्माण कराया गया और जिन बहनों पर मास्क नहीं थे, उन्हें कारागार में निर्मित मास्क दिए गए। आज कुल 604 बहनें व उनके साथ आए 244 छोटे छोटे बच्चों ने बंदियों के राखियां बांधी।

कारागार में निरुद्ध 12 महिला बंदियों ने भी कारागार में ही निरुद्ध अपने भाइयों को भी राखी बांधकर रक्षाबंधन का पर्व मनाया। महिलाओं को राखी आदि की व्यवस्था कारागार प्रशासन द्वारा की गई। जेल अधीक्षक मिजाजी लाल ने बताया कि रक्षा बंधन पर्व जेल अधिकारियों व कर्मचारियों की मुस्तैदी के बीच मनाया गया। जेल अधीक्षक ने बताया कि सभी बहनें एक वर्ष छः माह बाद अपने भाइयों से रूबरू होकर भाव विभोर हो गई। क्योंकि कोविड 19 के कारण विगत डेढ़ वर्ष से मुलाकात बंद चल रही थी।


कोरोना जांच के बाद ही बहन-भाइयों को मिलवाया

जेल अधीक्षक मिजाजी लाल ने बताया कि जो बहाने अपनी कोरोना की RTPCR जांच कराकर जांच रिपोर्ट के साथ जेल पहुंची उन बहनों को ही कारागार मेें निरुद्ध उनके भाइयों को रक्षा सूत्र बांधने की अनुमति दी गई। इसके लिए बाकायदा तीन-चार दिन से विभिन्न माध्यमों से प्रचारित भी किया गया था।



Deepak Kumar

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