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Bulandshahr News Today: नरोरा गंगा बैराज पुल, हो सकता है कभी भी बड़ा हादसा, 2 साल से बजट आने का इंतजार

Bulandshahr News Today: बुलंदशहर में पिछले दो साल से नरोरा गंगा बैराज पुल का जर्जर है। वहीं सिंचाई विभाग ने 'पुल जर्जर है' का बोर्ड लगा दिया है।

Sandeep Tayal
Report Sandeep TayalPublished By Chitra Singh
Published on: 15 Sept 2021 7:12 PM IST
Narora Ganga Bairaj Pul
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क्षतिग्रस्त नरोरा गंगा बैराज का पुल (फोटो- न्यूज ट्रैक)

Bulandshahr News Today: प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Sarkar) ने संभावित हादसों पर अंकुश लगाने के लिए भले ही जर्जर भवनों, सरकारी इमारतों आदि को दुरुस्त कराने की सरकार बनने के बाद कवायद की हो, मगर यूपी के बुलंदशहर जनपद के नरोरा एटॉमिक पावर प्लांट (Narora Atomic Power Station) क्षेत्र के सिंचाई विभाग (Sichai Vibhag) की लापरवाही के चलते गंगा बैराज पल की रेलिंग, ऑपरेटिंग टावर की हालत पिछले 2 साल से इतनी जर्जर है कि कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।

आलम ये है कि मुरादाबाद- बुलंदशहर को जोड़ने वाला नरोरा बैराज पुल (Narora Ganga Bairaj Pul) पर बरसात के दिनों में जल स्तर बढ़ने से खतरे के निशान तक पहुंच जाता है, हालांकि सिंचाई विभाग ने 2 साल पूर्व 1.75 करोड़ रुपये का मरम्मत के लिए शासन को बजट भेज दिया था, लेकिन बजट स्वीकृत न होने पर सिंचाई विभाग ने 'पुल जर्जर है' का बोर्ड लगाकर अपने दायित्व की इतिश्री कर ली और अब इंतजार है तो शायद किसी बड़े हादसे का ?

बुलंदशहर का नरोरा एटॉमिक पावर प्लांट (एनपीपी) दुनिया के नक्शे पर है। लेकिन नरोरा-मुरादाबाद हाईवे (Narora-Moradabad Highway) को जोड़ने वाला नरोरा गंगा बैराज का पुल पिछले 2 वर्षों से अपनी दयनीय दशा पर आंसू बहा रहा है। नरोरा गंगा बैराज पुल के दोनों साइड लगी ग्रिल कई स्थानों से पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी है। ऑपरेटिंग टावर भी जर्जर हालत में है। यही नहीं पुलिस चौकी की दशा भी दयनीय है। जो गंगा का जल स्तर बढ़ने या फिर अपनी जर्जर हालत के चलते कभी भी ज़मींदोज़ हो सकती है, लेकिन सिंचाई विभाग पूरी तरह से आंखें मूंदे बैठा हुआ है।

बजट प्रस्ताव भेजा, पर अभी तक स्वीकृत नहीं- SDO

नरोरा गंगा बैराज को लेकर सिंचाई विभाग के एसडीओ सुनील कुमार ये तो स्वीकार कर रहे हैं कि नरोरा गंगा बैराज पुल की हालत जर्जर है, साथ ही दावा कर रहे है कि पुल की स्थिति की रिपोर्ट शासन को 2018 में ही भेजी गई थी। 2019 में शासन को रिमाइंडर भी भेजा गया था, साथ ही लगभग 1.75 करोड़ रुपये का बजट प्रस्ताव भी शासन को भेज जा चुका है लेकिन अभी तक नरोरा गंगा बैराज पुल की मरम्मत का भेजा गया बजट स्वीकृत नही हुआ है।

नरोरा गंगा बैराज पुल (फोटो- न्यूज ट्रैक)

जल स्तर बढ़ने पर लगता है डर

नरोरा निवासी लल्ली यादव व मुरारी की माने तो नरोरा गंगा बैराज 2 शहरों को एक दूसरे से जोड़ता है। पुल की लंबाई तकरीबन 600 मीटर है। बैराज की जर्जर हालत किसी बड़े हादसे को दावत दे रही है । स्थानीय लोगों का कहना है कि आए दिन बैराज पर कोई ना कोई हादसा होता ही रहता है। ग्रिल से कई लोग नीचे गिर चुके हैं व कई वाहन टकरा भी चुके हैं। जब पीछे से पानी खोला जाता है तो उस वक्त बेहद खतरनाक हालात बन जाते है, जल स्तर बढ़ने के दौरान पुल से गुजरते वक्त डर लगता है।

जर्जर पुल टूटा तो हो सकती है जल प्रलय

बरसात के दिनों में गंगा का जल स्तर बढ़ने से नरोरा गंगा बैराज का भी जल स्तर बढ़ जाता है। जल प्रवाह तीव्र होने या जल स्तर बढ़ने से जर्जर नरोरा बैराज को यदि कोई नुकसान पहुंचता है तो आसपास के 20 से 30 किलोमीटर का क्षेत्र पूरी तरह से जलमग्न हो जाएगा। जल प्रलय के हालात उत्पन्न होने की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता।

चेतावनी- पुल की रेलिंग क्षतिग्रस्त है, सावधानी पूर्वक चले

आश्चर्यजनक बात ये है कि पुल की जर्जरता को देख सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने नरोरा गंगा बैराज पुल पर चेतावनी भरा नोटिस दीवारों पर लिखवा अपने दायित्व की इतिश्री कर ली। हालांकि जल स्तर बढ़ने पर भारी वाहनों का आगमन बिल्कुल बंद करा दिया जाता है, जिससे भारी वाहन चालकों को परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है। लेकिन बड़ा सवाल ये है कि क्या चेतावनी लिखने और हैवी वेटेड गाड़ियों की आवाजाही बंद करने से नरोरा गंगा बैराज पुल से खतरा टल जाएगा।



Chitra Singh

Chitra Singh

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