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UP Election 2022: हापुड़ में बन रहे उलटफेर के आसार, पाला बदल से दिलचस्प हुआ मुकाबला

UP Election 2022: हापुड़ विधानसभा सीट में करीब साढ़े तीन लाख वोटर हैं। इनमें मुसलमानों और दलितों की बड़ी संख्या है और उन्हें निर्णायक माना जाता है।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Deepak Kumar
Published on: 3 Feb 2022 3:04 PM IST
UP Election 2022
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UP Election 2022 (Social Media)

UP Election 2022: यूपी विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) में हापुड़ सीट (Hapur assembly seat) का मुकाबला दिलचस्प बन गया है। इस सीट की यही खासियत है कि इस पर बड़े उलटफेर होते रहे हैं। यहां से चार बार जीत हासिल करने वाले कांग्रेसी नेता गजराज सिंह (अब रालोद में) को भी पांच बार हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि कांग्रेस के प्रत्याशी की इस सीट पर सबसे अधिक सात बार जीत हुई है। जबकि भाजपा (BJP) ने तीन बार और बसपा (BSP) ने दो बार जीत हासिल की है।

पुराने कांग्रेसी दिग्गज गजराज सिंह (Congress leader Gajraj Singh) इस बार सपा (SP) रालोद (RLD) गठबंधन के उम्मीदवार हैं। अब यहां मुकाबला भाजपा के मौजूदा विधायक विजय पाल सिंह (MLA Vijay Pal Singh) 'आढ़ती' और गजराज सिंह के बीच है। ऐसे में फिर किसी उलटफेर की संभावना बनती दिख रही है।

हापुड़ में करीब साढ़े तीन लाख वोटर

हापुड़ (Hapur assembly seat) में करीब साढ़े तीन लाख वोटर हैं। इनमें मुसलमानों और दलितों की बड़ी संख्या है और उन्हें निर्णायक माना जाता है। समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और राष्ट्रीय लोकदल (Rashtriya Lok Dal) के नेता दावा करते हैं कि दोनों दलों के साथ आने से 'गठबंधन के पक्ष में लहर चल पड़ी है।

जबकि मौजूदा विधायक और भाजपा उम्मीदवार विजय पाल सिंह (BJP candidate Vijay Pal Singh) दावा करते हैं कि इस क्षेत्र में किसानों को कोई शिकायत नहीं है और भाजपा (BJP) के अलावा किसी और पार्टी की जीत की संभावना कतई नहीं है।

साल 2007 में जीती थी बहुजन समाज पार्टी ने आख़िरी बार ये सीट

वैसे, बहुजन समाज पार्टी (Bahujan samaj party) के मनीष सिंह 'मोनू भइया' भी अपने को मजबूत दावेदार मानते हैं। बहुजन समाज पार्टी (Bahujan samaj party) ने आख़िरी बार ये सीट साल 2007 में जीती थी।

पार्टी के नेता दावा करते हैं कि इस बार भी वही नतीजा दोहराया जाएगा। दावा किया जा रहा है कि मनीष सिंह को अपने पिता धर्मपाल सिंह की विरासत का भी लाभ मिल रहा है जो यहां 2002 और 2007 में विधायक रहे थे। कांग्रेस (Congress) ने भावना वाल्मीकि को टिकट दिया है और पार्टी नेताओं का कहना है कि बीते पांच साल से वे ही सड़क पर संघर्ष कर रहे हैं और उसका फायदा मिलेगा।

राजनीतिक पृष्ठभूमि

हापुड़ विधानसभा सीट (Hapur assembly seat) से सबसे ज्यादा आठ बार कांग्रेस के उम्मीदवार जीते हैं। खुद गजराज सिंह चार बार विधायक रहे हैं, लेकिन इस सीट पर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) की कभी जीत नहीं हुई है। 2002 और 2007 में हापुड़ सीट पर बसपा के धर्मपाल जीते थे।

2012 में कांग्रेस (Congress) के गजराज सिंह ने धर्मपाल सिंह को हराया था। 2017 के चुनाव में भाजपा के विजय पाल आढ़ती ने कांग्रेस के गजराज को हरा दिया था। दलित और मुस्लिम मत इस सीट पर निर्णायक की भूमिका में रहे हैं और इन मतों का बिखराव ही किसी दल के हार जीत का कारण बना है।

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Deepak Kumar

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