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Akhilesh Jayant Rally: अखिलेश-जयंत की ललकार, अब योगी का होगा सूरज अस्त, किसान आंदोलन में मोदी ने घुटने टेक दिए

Akhilesh Jayant Rally in Meerut: गले साल होने वाले यूपी विधानसभा चुनाव (UP Election 2022) से पहले सभी पार्टियां मैदान में उतर चुकी हैं। प्रदेश में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी की सरकार को चुनौती देने के लिए प्रमुख विपक्षी पार्टी सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव सभी गुणा-गणित के साथ मैदान में उतर चुके हैं।

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By aman
Published on: 7 Dec 2021 10:34 AM GMT (Updated on: 7 Dec 2021 11:04 AM GMT)
Samajwadi Party Rashtriya Lok Dal Alliance List
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Samajwadi Party Rashtriya Lok Dal Alliance List 

Akhilesh Jayant Rally in Meerut : मेरठ के मंच से अखिलेश-जयंत की ललकार- किसान आंदोलन में मोदी ने घुटने टेके, अब योगी का होगा सूरज अस्तअगले साल होने वाले यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Election 2022) से पहले सभी पार्टियां मैदान में उतर चुकी हैं। प्रदेश में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी की सरकार को चुनौती देने के लिए प्रमुख विपक्षी पार्टी सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव सभी गुणा-गणित के साथ मैदान में उतर चुके हैं। इसी की बानगी आज मेरठ में देखने को मिली। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बीजेपी को शिकस्त देने के मकसद से सपा ने जयंत सिंह के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के साथ गठबंधन के बाद आज पहली आधिकारिक रैली की। इस दौरान दोनों युवा नेताओं ने एक साथ मंच से शक्ति प्रदर्शन किया।

मेरठ में संयुक्त रैली के दौरान दोनों नेताओं ने बीजेपी पर जमकर हल्ला बोला। अखिलेश यादव ने योगी सरकार को ललकारा। कहा, 'इस बार पश्चिम में बीजेपी का सूरज हमेशा के लिए डूब जाएगा। इस बार किसानों का इंकलाब होगा और 2022 में बदलाव आएगा।' साथ ही, जयंत चौधरी ने ऐलान किया, कि गठबंधन सरकार बनने पर मेरठ में शहीद किसानों का स्मारक बनवाया जाएगा।

'किसानों ने बड़ी लड़ाई लड़ी'

हाल ही में मोदी सरकार द्वारा कृषि कानून वापस लेने को अपनी जीत बताते हुए जयंत चौधरी ने कहा, 'किसानों ने बड़ी लड़ाई लड़ी। शायद पहली बार मोदी जी को झुकना पड़ा। लेकिन, बहुत बड़ी कुर्बानी दी गई। हम भूल नहीं सकते कि किस तरह लखीमपुर में किसानों को रौंदा गया था। इस आंदोलन में अब तक 700 से ज्यादा किसान शहीद हो गए। इसलिए मैं वादा करता हूं कि इस क्रांतिकारी धरती पर, हम और अखिलेश साथ चल रहे हैं।'

जयंत- डबल इंजन की सरकार हम देंगे

इस दौरान जयंत चौधरी ने कहा, 'हमारे (सपा-रालोद) गठबंधन का ऐलान हो गया है। सही मायने में 'डबल इंजन' की सरकार हम देंगे। जब हमारी सरकार बनेगी तब हम पहला काम मेरठ में शहीद किसानों की स्मृति में एक स्मारक बनाने का करेंगे।' दरअसल, जयंत वहां मौजूद लोगों का उस ओर ध्यान ले जाना चाहते दिखे, जैसे पीएम मोदी अपने भाषणों में 'डबल इंजन' सरकार की बात करते देखते हैं। उन्हें उसी भाषा में जवाब देने की ये कोशिश थी।

योगी सरकार के काम की ली मौज

राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने अपने संबोधन में प्रदेश की योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, कि 'डबल इंजन सरकार का हाल ये है कि बिजनौर में नई सड़क का उद्घाटन करते हुए विधायक नारियल फोड़ते हैं और सड़क टूट जाती है। वहीं, अखिलेश जी की सरकार ने एक्सप्रेस वे बनवाए। ये इंजीनियर की बात समझते हैं। ये विज्ञान की बात समझते हैं।'

बाबाजी को फ्री कर दो, ताकि बछड़े के साथ खेलें

जयंत आगे थोड़े व्यक्तिगत होते हुए कहते हैं, 'बाबा जी को गुस्सा बहुत आता है। मैंने उन्हें हंसते नहीं देखा है। वह तभी खुश नजर आते हैं, जब बछड़ों के बीच होते हैं। इस बार उन्हें फ्री कर दो, ताकि गोरखपुर में 24 घंटे बछड़े के साथ खेलें।' बता दें कि यहां जयंत के बाबाजी का मतलब योगी आदित्यनाथ से था।

जयंत ने दिलचस्प किस्से से किया बीजेपी पर वार

इस दौरान अपने लोगों के बीच जयंत काफी सहज दिखे। अपने संबोधन की शुरुआत में ही उन्होंने एक किस्सा सुनाया। बोले, 'कुछ दिन पहले मेरठ में एक चोर पकड़ा गया। उसकी गाड़ी में बीजेपी का झंडा लगा हुआ था। उसे सजा के तौर पर दो विकल्प दिए गए। उसे कहा गया ये तो 100 प्याज खा लो, या 100 जूते। उसने सोचा प्याज खा लेता हूं, जुटे से बच जाऊंगा। 30-40 प्याज खाए, तो आंसू निकल आए। फिर उसने कहा, कि प्याज बहुत हो गया, जूते दे दो। फिर थोड़े जूते खाए। फिर कहा, कि चोट लग रही है। प्याज खिला दो। ऐसा ही कुछ हाल केंद्र सरकार और बीजेपी का भी हो रहा है। 100 प्याज भी खा लिए, 100 जूते भी।'

बीजेपी के सामने चुनौती जयंत-अखिलेश

गौरतलब है, कि साल भर से चले किसान आंदोलन के चलते पश्चिम उत्तर प्रदेश में चुनावी माहौल काफी बदला है। पिछले चुनाव में बीजेपी ने यहां विपक्ष का पूरी तरह सफाया किया था। लेकिन, इस बार समीकरण थोड़े बदलते दिख रहे हैं। आज संपन्न हुए संयुक्त रैली के लिए समाजवादी पार्टी और रालोद ने पूरी ताकत झोंक दी थी। राजनीतिक पंडित यह मानते हैं, कि जयंत-अखिलेश गठबंधन से पश्चिम उत्तर प्रदेश में बीजेपी को इस बार वैसी सफलता नहीं मिलेगी जैसे पिछली बार था। अगर ये गठबंधन वोट बटोरने में कामयाब रहा, तो यूपी में सत्ता वापसी का सपना देख रहे बीजेपी की राहें मुश्किल हो सकती हैं।

सत्ता में वापसी के लिए अखिलेश का छोटे दलों पर दांव

इस बार फिर यूपी की सत्ता में वापसी के लिए अखिलेश यादव कई छोटे दलों से हाथ मिला रहे हैं। विधानसभा चुनाव में बीजेपी से मुकाबले के लिए अखिलेश ने जातिगत आधार वाले करीब आधा दर्जन पार्टियों के साथ गठबंधन तय किया है। साल 2022 चुनाव के लिए अखिलेश यादव ने रालोद, राजभर की पार्टी सुभासपा, महान दल, एनसीपी, जनवादी सोशलिस्ट पार्टी और कृष्णा पटेल की अपना दल के साथ अभी तक गठबंधन तय किया है। आगे और भी पार्टियां जुड़ सकती हैं।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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