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मेरठ भाजपा में शहर और देहात सभी जगह भड़की बगावत की चिंगारी, बागियों ने पीएम मोदी व अमित शाह को बनाया निशाना

भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है। जिसके बाद मेरठ में भाजपा के कई नेताओं ने टिकट ना मिलने के कारण नाराजगी जताई है।

Sushil Kumar
Published on: 16 Jan 2022 2:45 PM IST (Updated on: 16 Jan 2022 9:24 PM IST)
मेरठ भाजपा में शहर और देहात सभी जगह भड़की बगावत की चिंगारी, बागियों ने पीएम मोदी व अमित शाह को बनाया निशाना
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भारतीय जनता पार्टी

मेरठ। उत्तर प्रदेश के मेरठ जनपद में भारतीय जनता पार्टी में कहीं खुशी, कहीं गम का माहौल है तो कहीं बगावत की चिंगारी सुलगने लगी है। भाजपा ने मेरठ दक्षिण, हस्तिनापुर, सरधना और किठौर विधानसभा सीट पर भाजपा ने मौजूदा विधायकों पर विश्वास जताया है। जबकि कैंट और शहर में नए उम्मीदवारों पर भरोसा जताते हुए टिकट दिया है।

भाजपा में सबसे बड़ी बगावत की चिंगारी ऐतिहासिक नगरी हस्तिनापुर से उठी हैं, जहां भाजपा ने मौजूदा विधायक व सरकार में राज्यमंत्री दिनेश खटीक को पुनः अपना उम्मीदवार बनाया है। यहां उनका सबसे तगड़ा विरोध पूर्व विधायक गोपाल काली कर रहे हैं। गोपाल काली ने दो टूक ऐलान कर दिया है कि हस्तिनापुर की धरती से अब भाजपा को नहीं जीतने देंगे। गोपाल काली ने फेसबुक पर पोस्ट कर अपना विरोध दर्ज कराया। साथ ही दिनेश खटीक के लिए अमर्यादित शब्दों का प्रयोग करते हुए कई गंभीर आरोप भी लगाया है। गोपाल ने कहा पार्टी की पीठ में छुरा भोंकने वाले दिनेश खटीक को पार्टी ने टिकट देकर आत्मघाती कदम उठाया है।

अपनी इस पोस्ट में गोपाल काली ने कहा है कि इसकी हार सुनिश्चित करने के लिए सोमवार को रणनीति का खुलासा करुंगा। पार्टी टिकट नही मिलने से गोपाल काली किस कदर उत्तेजित हैं इस बात का अंदाजा उनकी पोस्ट से लगाया जा सकता है। जिसमें उन्होंने पीएम मोदी और अमित शाह तक को नहीं बख्शा। गोपाल काली ने अपनी इस पोस्ट में लिखा है, अमित शाह मोदी जी सर्वे का ड्रामा मत करो बीजेपी में सेटिंग वह करोड़ों रुपए से होते हैं। टिकट 5 करोड़ देकर यह मंत्री बना और 10 करोड़ देकर इसे टिकट मिला। इसे महीना पहले कैसे पता चल गया इसको टिकट मिलेगा।

हस्तिनापुर ही नही बल्कि मेरठ शहर सीट के दावेदारों में से एक पंडित सुनील भराला भी पार्टी टिकट नहीं मिलने से बेहत आहत दिख रहे हैं। पंडित सुनील भराला ने खुद तो नहीं लेकिन उनके छोटे भाई अजय भराला जो वर्तमान में भाजपा किसान मोर्चा में प्रदेश उपाध्यक्ष हैं। उन्होंने फेसबुक पर लिख दिया है कि भाजपा के निर्णय का धन्यवाद, लेकिन अब रास्ता दूसरा अख्तियार करना पड़ेगा। इससे साफ है कि शहर विधानसभा सीट पर भी बगावत की चिंगारी सुलग रही है।

दरअसल, पंडित सुनील भराला मेरठ शहर सीट से टिकट मांग रहे थे। सूत्रों की मानें तो उनका टिकट फाइनल भी हो गया था। लेकिन दो दिन पहले अचानक सुनील भराला का टिकट काट कर कमलदत्त शर्मा को टिकट दे दिया गया। उधर सिवालखास में भाजपा नेत्री मीनाक्षी भराला बगावत का झंडा उठाए हुए हैं। मीनाक्षी ने भी सोमवार को अपने समर्थकों की मीटिंग बुलाई है। इस मीटिंग में मीनाक्षी निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर सकती हैं।



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Bishwajeet Kumar

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