Janmashtami 2021: मेरठ के मंदिरों में कृष्ण जन्म की तैयारी, कोविड प्रोटोकॉल के तहत मनाई जाएगी जन्माष्टमी

लोगों ने महामारी के चलते पिछले साल की तरह ही इस बार भी जन्माष्टमी पर्व को अपने घरों में ही मनाने की तैयारी की है। बाजारों और मंदिरों में भी कृष्ण जन्माष्टमी की तैयारी चल रही है।

Sushil Kumar
Report Sushil KumarPublished By Shashi kant gautam
Published on: 29 Aug 2021 10:51 AM GMT (Updated on: 29 Aug 2021 12:31 PM GMT)
Preparations for Krishna birth in temples, Janmashtami will be celebrated under Kovid protocol
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मेरठ: मंदिरों में कृष्ण जन्म की तैयारी, कोविड प्रोटोकॉल के तहत मनाई जाएगी जन्माष्टमी

Meerut News: पिछले साल की तरह इस साल भी कोविड प्रोटोकाल के तहत ही मंदिरों में कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी। लेकिन पिछले साल की अपेक्षा इस बार कोरोना संक्रमण का असर कुछ कम है। जिसके चलते मटकी फोड़ कार्यक्रम के साथ ही झांकियां भी सजाई जाएगी। हालांकि लोगों ने महामारी के चलते पिछले साल की तरह ही इस बार भी जन्माष्टमी पर्व को अपने घरों में ही मनाने की तैयारी की है। बाजारों और मंदिरों में भी कृष्ण जन्माष्टमी की तैयारी चल रही है। बाल गोपाल के जन्म के लिए नई पोशाक से लेकर हार सिंगार, मोर मुकुट, झूलों से दुकानें सजीं हुई हैं। बाजार में कृष्ण के लिए कई प्रकार की बांसुरी भी उपलब्ध है।

मेरठ के प्रसिद्ध औघडनाथ मंदिर में इस बार विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। वहीं इस्कान मंदिरों में भी कृष्ण जन्मोत्सव के विशेष आयोजन किए जाएंगे। श्री शिव मंदिर में इस बार जन्माष्टमी पर फूलों से मंदिर सजाने के साथ ही झांकी भी लगाई जाएगी। कोरोना गाइड लाइन का पालन करते हुए एक बार में सीमित संख्या में ही भक्तों को झांकी देखने का मौका मिलेगा। बाजारों और मंदिरों में भी कृष्ण जन्माष्टमी की तैयारी चल रही है। बाबा औघड़नाथ राधा कृष्ण मंदिर में वृंदावन के कारीगर फूल बंगला सजाएंगे। सजावट के लिए कोलकाता से फूल मंगाए गए हैं। मंदिर में बैरिकेडिंग का काम पूर्ण हो चुका है। एलइडी लाइट के साथ डिस्पले टीवी भी लगाया गया है। 14 सीसीटीवी लगाए गए हैं। दर्शन एकेडमी से मंदिर तक और नैंसी चौराहे तक लाइटिंग की जाएगी।

भगवान कृष्ण की लाल और पीले रंग की भव्य पोशाक वृंदावन से मंगवाई गई

औघडनाथ मंदिर में कृष्ण जन्मोत्सव को लेकर चल रही तैयारियों की जानकारी देते हुए औघडनाथ मंदिर कमेटी के महामंत्री सतीश सिंधल ने आज बताया कि हर साल की तरह इस बार भी भगवान कृष्ण का फूल बंगला सजाया जाएगा। पेड़ा और फलों का भोग लगाकर प्रसाद वितरण किया जाएगा। भगवान कृष्ण की लाल और पीले रंग की भव्य पोशाक वृंदावन से मंगवाई गई है। फूल बंगला गुलाब और बेला के फूलों से सजाया जाएगा। मंरि में रंग-बिरंगी रोशनी की जाएगी। जन्माष्टमी पर भक्त दूर-दूर से श्री कृष्ण के दर्शन करने आते हैं।


शहर के बीच में स्थित आर्यसमाज थापर नगर मंदिर में भी इस बार दो दिवसीय वेद प्रचार एवं जन्माष्टमी कार्यक्रम श्रावणी उपाक्रम वेद प्रचार एवं कृष्ण जन्माष्टमी कार्यक्रम हो रहा है। प्रधान राजेश सेठी ने बताया कि इस कार्यक्रम में आर्य जगत के वरिष्ठ विद्वान आचार्य डॉ वेदपाल एवं भजनोपदेशक पंडित मोहित शास्त्री पधार रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारे धर्म का मूल वेद हैं। यही हमारी संस्कृति का आधार है। वेद ईश्वरीय ज्ञान है तथा इसके पढ़ने पढ़ाने का आदेश महर्षि दयानंद सरस्वती ने मानव कल्याण के लिए आवश्यक बताया है। इसलिए आर्यसमाज इसके प्रचार पर विशेष बल देता है। समापन सत्र में उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान द्वारा डॉ वेदपाल को सम्मानित किया जाएगा। पूर्व मंत्री एवं सांसद डॉ सत्यपाल सिंह, डॉ वाचस्पति उपस्थित रहेंगे।

मेरठ में जगह-जगह भगवान कृष्ण के बाल रूप की झांकियां

यहां बता दें कि जन्माष्टमी पर्व पर मेरठ में जगह-जगह भगवान कृष्ण के बाल रूप की झांकियां सजाते हैं। इस बार भी बच्चों ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। कहीं पर जेल में कान्हा की झांकी सजेगी तो कहीं यमुना में वासुदेव बालकृष्ण को अपने सिर पर ले जाते हुए दिखाई देंगे। मेरठ शहर का बाजार श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्व के रंग में रंगा दिख रहा है। रंग बिरंगी पोशाक के साथ ही सिंगार सामग्री की भी खूब मांग है। चांदी के लड्डू गोपाल और चांदी के हिंडोले भी बाजार में छाए हुए हैं।




लड्डू गोपाल और हिंडोले के साथ ही कान्हा की बांसुरी भी कई आकार में उपलब्ध है। इस बार जन्माष्टमी 30 अगस्त सोमवार को धूमधाम से मनाई जाएगी। वैसे तो लड्डू गोपाल को कभी भी घर लाकर पूजा उपासना और उनकी सेवा की जा सकती है। लेकिन मान्यता है कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर लड्डू गोपाल को घर लाकर उनकी आराधना और नियमित सेवा की जाए तो भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

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