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मेरठ में भाजपा नेता को 5 बार लग गया कोरोना का टीका, छठे की भी बारी आई, जानिए क्या है माजरा
रामपाल सिंह के अनुसार वें हिंदू युवा वाहिनी में नगर संयोजक के साथ भाजपा के नगर के 79 बूथ अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने बताया कि 16 मार्च को कोरोना से बचाव का पहला और आठ मई को दूसरा टीका लगवाया।
मेरठ: उत्तर प्रदेश में कोरोना वैक्सीन को लेकर लगातार लापरवाही के मामले सामने आ रहे हैं। ताजा मामला मेरठ जनपद के सरधना इलाके का है जहां पर भाजपा के एक बुजुर्ग नेता को पूरे पांच टीके लगा दिए गए। चौंकाने वाली बात यह है कि छठी डोज का भी एपाइंटमेंट भी स्वास्थ्य महकमें ने दे दिया था। प्रमाण पत्र निकलाने पर यह लापरवाही सामने आई। भाजपा नेता की शिकायत पर स्वास्थ्य महकमा मामले की जांच में जुटा है।
यहां जिला मुख्यालय पर मिली जानकारी के अनुसार सरधना नगर के ईकडी रोड मोहल्ला धर्मपुरी निवासी रामपाल सिंह (73) जो कि खुद को भाजपा में बूथ अध्यक्ष हैं ने कोरोना से बचाव के लिए दोनों टीके लगवा लिए हैं। लेकिन स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही की हद यह है कि उनके नाम पर जो प्रमाणपत्र जारी किया गया है, उसमें तीन बार में पांच डोज लगना दर्शाया गया है। यही नहीं छठी डोज की संभावित तिथि भी दे दी गई है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग पर अनदेखी का आरोप लगाया है।
रामपाल सिंह के अनुसार वें हिंदू युवा वाहिनी में नगर संयोजक के साथ भाजपा के नगर के 79 बूथ अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने बताया कि 16 मार्च को कोरोना से बचाव का पहला और आठ मई को दूसरा टीका लगवाया। इसके बाद उन्हें प्रमाणपत्र की आवश्यकता हुई तो सीएचसी पर संपर्क साधा। भाजपा नेता का कहना था कि प्रमाणपत्र नेट पर उपलब्ध नहीं है। कुछ दिन बाद स्वास्थ्य विभाग की मांग पर उन्होंने दोबारा आईडी उपलब्ध करा दी। महीने भर तक वह प्रमाणपत्र के लिए घूमता रहा।
इसके बाद वह अपना ऑफलाइन टीकाकरण कार्ड लेकर कंप्यूटर सेंटर पर पहुंचा और कोरोना वैक्सीनेशन के पोर्टल से अपना ऑनलाइन प्रमाणपत्र चेक कराया। यहां उसे पता चला कि उसे दो बार नहीं, बल्कि पांच बार वैक्सीनेशन दर्शाया गया है। साथ ही छठा ठीका आठ दिसंबर से जनवरी 2022 के बीच में लगवाने के लिए तिथि दी गई हैं। उसे पहली डोज 16 मार्च, दूसरी डोज आठ मई, तीसरी डोज 15 मई को दर्शाई गई है। चौथी व पांचवीं डोज एक ही दिन 15 सितंबर को दशाई गई है।
तीन प्रमाणपत्र देखकर रामपाल भी हैरत में है। वहीं सीएमओ डॉ.अखिलेश मोहन ने घटना को किसी की शरारत बताया है। न्यूजट्रैक से बातचीत में डॉ.अखिलेश मोहन ने बताया कि उनके संज्ञान में मामला आया है। उन्होंने कहा कि प्रथम दृष्टया यह किसी की साजिशन शरारत है। शरारती तत्व द्वारा महकमें की साईट हैक कर शरारत की गई लगती है। बकौल अखिलेश मोहन,घटना की जांच के लिए कमेटी गठित कर रिपोर्ट मांगी गई है।