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Meerut : पूर्व कांग्रेस विधायक के.के. शर्मा बोले- आज मीडिया निष्पक्ष नही रह गया
Meerut : मेरठ में एक मीडिया संगठन के कार्यक्रम को मुख्य अतिथि के रुप में संबोधित करते हुए के.के. शर्मा ने कहा कि मीडिया के तेजी से हो रहे ध्रुवीकरण ने भारत और शायद पूरे विश्व में दिनोदिन खबरों पर समाज के भरोसे को कम किया है।
Meerut : अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के पूर्व सचिव एवं पूर्व कांग्रेस विधायक के.के. शर्मा आज यहां मीडिया पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि कुछ अपवादों को छोड़ दें तो आज मीडिया निष्पक्ष नही रह गया है। ऐसा इसलिए हैं क्योंकि आज बड़े मीडिया हाउसों पर बड़े-बड़े कारोबारियों का कब्जा है।
मेरठ में एक मीडिया संगठन के कार्यक्रम को मुख्य अतिथि के रुप में संबोधित करते हुए के.के. शर्मा ने कहा कि मीडिया के तेजी से हो रहे ध्रुवीकरण ने भारत और शायद पूरे विश्व में दिनोदिन खबरों पर समाज के भरोसे को कम किया है।
देश का मीडिया
अखबारों व टेलीविजन चैनलों के रूप में पत्रकारिता (मीडिया) को कभी लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में माना जाता था, वह आज हर रोज स्वार्थ साधने वाली खबरों के प्रकाशित होने से लोगों की छानबीन व पुष्टि का मोहताज बन गया है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि आज जरुरत इस बात की है कि मीडिया अपनी आत्मा की आवाज सुनकर रिर्पोटिंग करे तभी देश और समाज का भला होगा। साथ ही मीडिया के प्रति जनता में भरोसा भी बढ़ेगा।
कभी कांग्रेस के धुरंधर छात्र नेताओं में शुमार रहे के.के. शर्मा जो कि नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुके हैं ने कहा कि कांग्रेस सरकार के समय में शुरु किये गये कार्यो को अपना बताकर बीजेपी नेता फीता काट रहे हैं। हम(कांग्रेस) तो खैर सत्ता से आऊट हो चुके हैं।
लेकिन आज तक मीडिया की तरफ से किसी ने इस सवाल को उठाने की हिम्मत नही दिखाई। कांग्रेस नेता ने कहा कि मीडिया हमारी नही तो कम से कम अपनी आत्मा की आवाज सुनकर तो अपना काम करें।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मीडिया पर प्रहार करने में यहीं पर नही रुके। उन्होंने कहा कि देश का पीएम संसद में कहता है कि देश में किसी की भी आक्सीजन के कमी के चलते मौत नही हुई है। देश का मीडिया है जो कि सच्चाई जानते-बूझते भी पीएम के इस झूठ का परदाफाश करने की हिम्मत नही जुटा पाता है।
जबकि पूरा देश जानता है कि कोरोना बीमारी में कितने ही लोग अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी के चलते मर गये। यही नही उत्तर प्रदेश में सरकारी मशीनरी के बल पर बीजेपी नेताओं को जिला पंचायत अध्यक्ष पर काबिज करा दिया गया। लेकिन मीडिया ने कभी इसको मुद्दा नही बनाया।