TRENDING TAGS :
Meerut: कोरोना वैक्सीन को लेकर अजब गजब लापरवाही, दिवंगत पार्षद को लगा दी टीके की दूसरी डोज,सर्टिफिकेट भी जारी
Meerut : मेरठ में कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर अजग गजब लापरवाही के मामले सामने आ रहे हैं। जिससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
Meerut : उत्तर प्रदेश के मेरठ में कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर अजग गजब लापरवाही के मामले सामने आ रहे हैं। एक बुजुर्ग को पांच बार टीका लगाने के मामले की अभी जांच हो ही रही है कि इस बीच करीब छह माह पहले कोरोना से जान गंवा चुकी सभासद को दूसरी डोज लगाने का मैसेज ही नहीं सर्टिफिकेट भी सामने आ गया।
मिली जानकारी के अनुसार कैंट बोर्ड की वार्ड छह की सदस्य और पूर्व उपाध्यक्ष दिनेश गोयल की पत्नी मंजू गोयल का कोरोना के चलते 25 अप्रैल को निधन हो गया था। इससे पहले उन्होंने 20 मार्च को कोरोना का पहला टीका लगवाया था।
दूसरी डोज लगने का मैसेज
इसके बाद तबियत खराब होने से दूसरी डोज नही लग पाई। उनकी मौत के करीब छह महीने बाद जैसा कि उनके परिजनों का कहना है कि शुक्रवार को दोपहर बारह बजकर नौ मिनट पर उनके मोबाइल पर कोरोना टीके की दूसरी डोज लगने का मैसेज मिला।
यही नही, पोर्टल पर सर्किफिकेट भी जारी किया गया। मैसेज पढ़ते ही दिनेश गोयल और उनके परिजन आश्चर्यचकित हैं कि आखिर मंजू गोयल को उनकी मौत के बाद भी दूसरी डोज कब और कैसे लग गई। परिजनों ने इस मामले की शिकायत जिला स्वाथ्य महकमें के अफसरों से की है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.अखिलेश मोहन ने घटना की पुष्टि करते हुए घटना की जांच कराने की बात कही है। उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट मिलने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। डॉ.अखिलेश मोहन का यह भी कहना है कि दो आईडी से वैक्सीन की डोज लेने वालों के साथ ऐसी गलतियां ज्यादा हुई हैं।
लापरवाही का यह कोई पहला मामला नही
वैसे,कम से कम मेरठ में कोरोना वैक्सीनेशन लेकर अजब-गजब लापरवाही का यह कोई पहला मामला नही है। इससे पहले भी इस तरह के कई मामले में सामने आ चुके हैं। चार महीने पहले मर चुकी युवती को टीका लगाने का मामले सामने आया था।
सितम्बर माह में सरधना के धर्मपुरी निवासी रामपाल (73) एक बुजुर्ग को पांच बार टीका लगाने का मैसेज ही नहीं सर्टिफिकेट भी आ गया। यही नही, उन्हें छठी बार टीका लगाने के लिए डेट भी शेड्यूल कर दी गई थी।
रामपाल हिंदू युवा वाहिनी में नगर संयोजक के साथ भाजपा नगर के बूथ अध्यक्ष हैं। इस मामले की भी जिला स्वास्थ्य महकमें की द्वारा जांच बैठाई गई थी। लेकिन जांच का क्या हुआ इसका अभी कोई अता-पता नही है।